By अभिनय आकाश | Jul 16, 2024
सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के फैसले पर रोक बरकरार रखने की मांग की है। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई की मांग भी की है। अब जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इस मामले पर 22 जुलाई को सुनवाई करेगी। हरियाणा सरकार का कहना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल करने के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है। हाई कोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए।
इसके अलावा, हालांकि हरियाणा सरकार ने स्वीकार किया कि सीमा बंद होने के कारण आम जनता को असुविधा हो रही थी, लेकिन उसने उच्च न्यायालय के आदेश के एक हिस्से की ओर इशारा किया, जिसमें दर्ज है कि '400 से 500 ट्रॉलियां' और '50 से 60 अन्य वाहन' 'लगभग 500 आंदोलनकारियों का जमावड़ा' अभी भी स्थल पर डेरा डाले हुए था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ मंगलवार को एक दिन पहले दायर की गई हरियाणा की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को 22 जुलाई को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गई।
शंभू बॉर्डर क्यों बंद है?
सीमा 13 फरवरी से बंद है, जिस दिन पंजाब के कई किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के मार्च को रोकने के लिए अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए।