माइक्रो ब्लॉगिंग साइट से जुडे़ राज खोलने वाला Twitter Files है क्या? अब तक 4 सीरीज जारी, अभिव्यक्ति की आजादी दबाने वालों से भारत कैसे निपटेगा?

By अभिनय आकाश | Dec 12, 2022

जब से एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदा है तभी से न मस्क और न ट्विटर के बारे में कुछ अच्छा सुनने को मिलता है। ये स्वाभाविक ही है कि नए मैनेजमेंट के आने पर संस्थान में कुछ बदलाव हों। काम करने का तरीका भी बदलता है और कई बार कुछ काम करने वाले भी। लेकिन ट्विटर में जो हो रहा है वो इससे कहीं आगे की चीज है। कभी इस बात पर बहस होती है कि ट्विटर के दफ्तरों में खाने पर कितना खर्च हो रहा था। कभी नए फीचर को बिना ये सोचे जोड़ दिया जाता है कि इसका दूरगामी असर क्या होगा?  मस्क ट्विटर में काम करने वाले आधे से ज्यादा कर्मचारियों को घर भेज चुके हैं। वहीं अब खबर है कि एलन मस्क ट्विटर ऑफिस के गैर जरूरी सामानों की नीलामी करने जा रहे हैं। ये नीलामी अगले महीने होने वाली है। इसके साथ ही अमेरिका की राजनीति में भूचाल मचाने वाली ट्विटर फाइल्स की अब तक चार कड़ियों को भी जारी किया जा चुका है, जिसे ट्विटर फाइल्स का नाम दिया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर क्या है ये ट्विटर फाइल्स, कौन से राज इसके जरिए दुनिया के सामने आए हैं। सबसे अहम हमारे देश भारत की इस सब पर क्या प्रतिक्रिया है और इससे निपटने की तैयारी कैसी है। तमाम सवालों के जवाब के लिए हमने मस्क से लेकर अमेरिकी लेखक और पत्रकारों की तरफ से दी गई जानकियों को पढ़कर आपके लिए आसान भाषा में ये रिपोर्ट तैयार किया है। सबसे पहले सबसे बेसिक से शुरू करते हैं। 

इसे भी पढ़ें: मस्क की ‘ट्विटर फाइल्स’अमेरिकी राजनीति में मच सकता है बवाल, क्यों सेंसर हुई बाइडेन के बेटे के कारनामों की कहानी? विजया गाड्डे ने रचा था सारा ‘खेल’

ये ट्विटर फाइल्स है क्या भला?

ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ट्वीट्स की पूरी की पूरी सीरीज जारी कर दी। मस्क के इस मिशन में मैट टैबी और बैरी वेस जैसे स्वतंत्र पत्रकारों ने भी बहुत सारी जानकारी साझा की है। शेयर किए गए ट्वीट्स में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के काम करने के तरीकों को लेकर कई अहम खुलासे किए गए। इसे ही एलन मस्क की तरफ से ट्विटर फाइल्स का नाम दिया गया है। 

ट्विटर फाइल्स में क्या बताया गया? 

ट्विटर फाइल्स में सबसे अहम बात जो सामने आई है वो ये कि ट्विटर के कर्मचारियों की टीम की तरफ से एक ब्लैक लिस्ट तैयार की जाती थी। जिसके जरिये नापसंद किए गए ट्वीट्स को ट्रेंड  होने से रोका जाता था। इस काम को बेहद ही सीक्रेट तरीके से अंजाम दिया जाता था, ताकी इसका पता यूजर्स को भी न चल सके। कंपनी की तरफ से इसे विजिबिलिटी फिल्टरिंग कहा जाता था। 2 दिसंबर की शाम को ट्विटर के नए मालिक ने आंतरिक 'ट्विटर फाइल्स' जारी करते हुए बताया कि कंपनी ने 2020 के चुनाव के दौरान 'टीम बाइडेन' के एक अनुरोध का जवाब दिया। मस्क ने स्वतंत्र पत्रकार और लेखक मैट टैबी के अकाउंट का लिंक ट्वीट किया, जिन्होंने हंटर बिडेन की लैपटॉप स्टोरी के सेंसरशिप के पीछे के फैसले के बारे में कहानी का खुलासा करते हुए ट्वीट्स की एक सीरिज पोस्ट की।  मैटबी ने दावा किया कि इस सामग्री को सेंसर करने का फैसला ट्विटर के उच्चाधिकारियों ने किया था। इसमें कंपनी की पूर्व कानूनी मामलों की प्रमुख विजया गाड्डे ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

ट्विटर फाइल्स 2.0 क्या है?

ट्विटर फाइल्स 2.0 में बताया गया कि ट्विटर के अधिकारी की तरफ से मुख्य धारा और दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े लोगों के ट्विटर अकाउंट और ट्विट्स को सेंसर कर दिया जाता था। इन सारी गतिविधियों को किसी भी नियम के परे अंजाम दिया जाता था। इसी तरह ट्विटर फाइल्स 3.0 में बताया गया कि अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई और जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े नेताओं के आदेश पर ट्विटर के अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर हैंडल सस्पेंड कर दिया था। 

ट्रंप पर लगाम के लिए उड़ाई गई नियमों की धज्जियां

राजनीतिक विचारधारा के आधार पर पिछले प्रबंधन के अंतर्गत लोगों को सेंसर करने के तरीके की पोल खोलना जारी रखते हुए ट्विटर फाइल्स की चौथी सीरीज भी जारी की गई। 10 दिसंबर को शीर्ष ट्विटर अधिकारियों के बीच गोपनीय और विशेषाधिकार प्राप्त आंतरिक बातचीत की चौथी सीरीज लेखक माइकल शेलनबर्गर की तरफ से ट्विटर पर थ्रेड के माध्यम से जारी की गई। शेलनबर्गर तीसरे शख्स हैं जिन्हें ट्विटर फाइल्स जारी करने का कार्य दिया गया है। लेखक माइकल शेलेंबर्गर ने ट्विटर फाइल्स 4.0 में बताया है कि अमेरिका कैपिटल हिल दंगों के बाद ट्विटर ट्रस्ट एंड सेफ्टी के पूर्व ग्लोबल हेड योएल रोथ ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सेंसर करने का फैसला किया था। इसके अलावा ये भी बताया गया कि रोथ ने ट्विटर के अन्य जूनियर कर्मचारियों के सुझावों की पूरी तरह से अनदेखा करते हुए ट्विटर के नियमों में बदलाव कर दिए थे। माइकल शेलनबर्गर ने थ्रे़ड में बताया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा सहित डेम्रोक्रेटिक पार्टी के अन्य नेताओं और समर्थकों ने ट्विटर से डोनाल्ड ट्रंप को डी प्लेटफॉर्म करने के लिए ट्विटर के सीईओ जैक डार्सी पर दबाव बनाया था। हालाँकि, उस दौरान डार्सी छुट्टी पर थे और उन्होंने अधिकारियों से ट्विटर के नियमों में बदलाव न करने के लिए कहा था। लेकिन, योएल रोथ ने नियमों में फेरबदल करते हुए डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई की थी। डोनाल्ड ट्रंप पर प्रतिबंध की संभावना ने कई ट्विटर कर्मचारियों को उत्साहित किया। एक ने पूछा कि क्या हिंसा के लिए उकसाने वाला पहलू उस गणित को बदल देता है? योएल रोथ ने सुझाव दिया कि टीम अपनी पूर्व कल्पित योजनाओं के साथ आगे बढ़ने से पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा एक और उल्लंघन की प्रतीक्षा करे। हालांकि अगले दिन यानी 8 जनवरी 2021 को ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों ने हिंसा और भड़काने के जोखिम का हवाला देते हुए ट्रंप को निलंबित कर दिया। 

इसे भी पढ़ें: Elon Musk vs Wikipedia: ट्विटर के नए बॉस के निशाने पर आया ये मंच, कट्टर वामपंथी पूर्वाग्रह की वजह से खो रहा निष्पक्षता

ट्विटर फाइल्स पर भारत की तैयारी

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ट्विटर के दुष्प्रचार का हथकंडा अब थम गया है और ऐसी चीजें भारत में पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि ‘ट्विटर फाइल्स’ के खुलासे से इस बात के सबूत मिलते हैं कि इस सोशल मीडिया मंच का दुरुपयोग किया जा रहा था और यह अलग-अलग लोगों के खिलाफ भेदभावपूर्ण तरीके से काम कर रहा था। चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि मंच न केवल सामग्री को इधर-उधर करने में बल्कि बातचीत को एक रूप देने में भी शामिल था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दुष्प्रचार का यह हथकंडा अब थम गया है।’’ ‘ट्विटर फाइल्स’ नामक रिपोर्ट से पता चलता है कि ट्विटर के कर्मचारियों की टीम ‘काली सूची’ तैयार करती थी, नापसंद किए गए ट्वीट्स को ‘ट्रेंड’ होने से से रोकती थी। और ये सभी चीजें गोपनीय रूप से बिना उपयोगकर्ताओं को बताये की जाती थी। इस खुलासे को ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने सोशल मीडिया मंच पर साझा किया है। मंत्री ने कहा कि इन खुलासों के बाद हम देखेंगे कि क्या कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘इस खुलासे ने हमें सोचने का और कारण दिया है कि डिजिटल इंडिया कानून में क्या होना चाहिए।

प्रमुख खबरें

Akhilesh Yadav के विधायक का विवादित बयान- भाजपा को बता दिया हिंदू आतंकवादी संगठन

सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य के दावा ने मचाया तहलका, बोले- शाहरुख खान के पीठ पीछे हकला कहते हैं को-स्टार्स

आंबेडकर पर शाह की टिप्पणी पर Mayawati ने दी प्रतिक्रिया, कांग्रेस के उतावलेपन को बताया स्वार्थ की राजनीति

Arvind Kejriwal ने दिल्ली की महिलाओं से किए लुभावने वादे, Bansuri Swaraj ने पंजाब का नाम लेकर दिखाया आईना