कश्मीर पर सरकार के 4 बड़े फैसले, धारा 370 हटने के क्या हैं मायने?
By अभिनय आकाश | Aug 05, 2019
जम्मू कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कहे शब्द 'एक देश एक विधान एक संविधान' को वास्तविकता की कसौटी पर उतारते हुए मोदी सरकार ने न्यू इंडिया के नए कश्मीर की नींव रखी। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने संकल्प राज्यसभा में पेश किया है। इसके अलावा राज्यसभा में अमित शाह ने राज्य पुनर्गठन विधेयक को पेश किया जिसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है।
कश्मीर पर सरकार के 4 बड़े फैसले
- अनुछेद 370 हटेगा।
- जम्मू कश्मीर से लद्दाख अलग होगा।
- लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश होगा।
- जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होगा।
धारा 370 के तहत का क्या था प्रावधान?
- धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिये।
- इसी विशेष दर्ज़े के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
- इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं है।
- 1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।
- इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि ख़रीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते।
- भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
धारा 370 हटने का क्या मतलब है?
- जम्मू कश्मीर में अलग संविधान नहीं रहेगा।
- जम्मू कश्मीर का अलग झंडा नहीं रहेगा।
- जम्मू कश्मीर के विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्षों का होगा।
- जम्मू कश्मीर में बाहरी व्यक्ति भी संपत्ति ले सकेंगे।
- जम्मू कश्मीर के लोगों की दोहरी नागरिकता खत्म होगी।
- धारा 356 लागू हो सकेगा।
- भारत के राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान अपराध माना जाएगा।
- आरटीआई और सीएजी जैसे कानून लागू हो सकेंगे।