ओलंपिक खेलों का इतिहास बहुत पुराना है। यूनान की राजधानी एथेंस में 1896 से ओलंपिक की शुरुआत हुई। उसी दौरान ओलंपिक पर्वत पर खेले जाने के कारण इसका नाम ओलंपिक पड़ा। पूरी दुनिया में ओलंपिक खेल मुख्यत चार प्रकार के होते हैं। इनमें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, शीतकालीन ओलंपिक, पैरालंपिक और यूथ ओलंपिक खेल शामिल है। इसे खेलों का महाकुंभ भी कहते हैं।
इसके अलावा ओलंपिक खेल में तीन तरह के मेडल खिलाड़ियों को दिए जाते हैं। जिनमें गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल होते हैं। इसके अलावा ओलंपिक के झंडे में 5 रिंक, नीले, डार्क पीले, काले, हरे और लाल रंग के होते हैं। जो पांच महाद्वीप अफ्रीका, एशिया, अमेरिका, यूरोप, ओशिनिया के आपस में जुड़े होने का प्रतीक हैं। इसे 1913 में पियरे डि कोबर्टिन ने डिजाइन किया था।
ओलंपिक खेल क्या है?
दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता को ओलंपिक खेल कहते हैं। जिसमें दुनियाभर के बेहतरीन एथलीट भाग लेते हैं और अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। ओलंपिक खेल हर चार साल में आयोजित होते हैं। ओलंपिक खेलों की इस समयावधि को ओलंपियाड कहते हैं। ओलंपिक खेलों की देखरेख IOC यानी अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति करती है।
जानकारी के मुताबिक ओलंपिक खेल पहली बार साल 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में आयोजित किया गया था। तब से ये खेल हर चार साल में आयोजित होते हैं। पहले विश्व युद्ध और दूसरे विश्व युद्ध के कारण 1916, 1940 और 1944 में इन खेलों का आयोजन नहीं हुआ था।
ओलंपिक खेलों का उद्देश्य
पियरे डे कोबर्टिन को ओलंपिक का जन्मदाता कहा जाता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति का गठन 23 जून 1894 को किया था। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में है। बता दें कि, ओलंपिक खेलों का उद्देश्य सम्मान, आपसी भाईचारा और मित्रत्रा है। साथ ही खेलों के माध्यम से विश्व शांति बनाए रखना है। इसके साथ ही विश्व को एकजुट रखना है। ओलंपिक डे 23 जून को मनाया जाता है।
चार तरह के होते हैं ओलंपिक खेल
ओलंपिक खेल तीन प्रकार के होते हैं। जिसमें ग्रीष्मकालीन, शीतकालीन, पैरालंपिक और यूथ ओलंपिक शामिल हैं। इन सभी ओलंपिक खेलों की अलग-अलग खासियत होती है।