By Kusum | Dec 27, 2023
भारतीय कुश्ती महासंघ लगातार विवादों में है। जब से डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह को WFI का नया अध्यक्ष चुना गया है तब से ही इस खेल को गंभीर परिणा भुगतने पड़े हैं। जहां पहले साक्षी मलिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने जूते रखकर कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया। जबकि बजरंग पूनिया ने अपना खेल रत्न पीएम मोदी के आवास के बाहर रख दिया था।
एक नजर पूरे घटनाक्रम पर
इस साल जनवरी में बजरंग पुनिया, विनेश फोगट और साक्षी मलि सहित कई भारतीय पहलवानों ने बृजभूषण सरन सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और महीनों तक पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था।
21 दिसंबर- भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह की जीत हुई जबकि राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व गोल्ड मेडलिस्ट अनीता श्योराण को 40-7 के अंतर से हार झेलनी पड़ी। जहां संजय सिंह को नया चीफ चुना गया।
उसी दिन यानी 21 दिसंबर को संजय सिंह की नियुक्ति के तुरंत बाद बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौंकाने वाली घोषणा की। इस दौरान साक्षी मलिक ने रोते हुए कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया।
वहीं इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विनेश फोगाट का कहना है कि कुश्ती का भविष्य अंधकारमय है। उन्होंने कहा, “यह दुखद है कि कुश्ती का भविष्य अंधकार में है। हम अपना दुख किससे कहें? हम अभी भी लड़ रहे हैं।"
22 दिसंबर- पहलवान बजरंग पुनिया ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की बात कही। इसके बाद वह पीएम मोदी के आवास के बाहर बैठे दिखे। जहां उन्होंने अपना पुरस्कार रास्ते में रख दिया। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोका। खेल मंत्रालय ने बाद में कहा कि पुरस्कार लौटान उनका निजी फैसला था। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बजरंग के पुरस्कार लौटाने पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार किया।
23 दिसंबर- बजरंग पुनिया के नक्शेकदम पर चलते हुए डेफलिंपिक्स पदक विजेता वीरेंद्र सिंह ने भी अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया। इस दौरान उन्होंने X पर लिखा कि, मैं अपनी बहन और देश की बेटियों के लिए पद्मश्री भी लौटाउंगा। माननीय प्रधानमंत्री जी मुझे आपकी बेटी और अपनी बहन साक्षी मलिक पर गर्व है।
24 दिसंबर- खेल मंत्रालय ने अगली सूचना तक WFI को निलंबित कर दिया। ये घोषणा नवनिर्वाचित निकाय द्वारा पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं देने के बाद U15 और U20 राष्ट्रीय आयोजित करने की जल्दबाजी में की गई घोषणा के बाद आई है।
24 दिसंबर- साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने WFI को निलंबित करने के खेल मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया। इस दौरान साक्षी मलिक ने कहा कि, ये कुछ अच्छा होने की दिशा में पहला कदम है। मुझे उम्मीद है कि सरकार ये समझेगी कि हम किस मकसद से लड़ रहे थे। वहीं बजरंग पुनिया का कहना है कि वह पद्मश्री अवॉर्ड वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, “अब जब मैंने इसे वापस कर दिया है, तो मैं इसे वापस नहीं लूंगा। हमारी बहनों और बेटियों का सम्मान किसी भी पुरस्कार से बड़ा है।'
24 दिसंबर- खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ को महासंघ के कामकाज के लिए एक तदर्थ पैनल बनाने का निर्देश दिया।
26 दिसंबर: वहीं विनेश फोगाट ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपना पुरस्कार लौटाने की बात कही है। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया था कि, सर, हमारे पदकों और पुरस्कारों का मूल्य 15 रुपये किया जा रहा है, लेकिन ये पदक हमारे लिए हमारे जीवन से भी अधिक कीमती हैं। जब हमने देश के लिए पदक जीते तो पूरे देश ने हमारा जश्न मनाया। अब जब हम न्याय के लिए आवाज उठाते हैं तो हमें देशद्रोही कहा जा रहा है। प्रधानमंत्री जी, मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या हम गद्दार हैं?