By अंकित सिंह | Jul 11, 2023
पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं। नतीजों में तृणमूल कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिलती हुई दिखाई दे रही है। ग्राम पंचायत हो या फिर पंचायत समिति या जिला परिषद्, तीनों में ही तृणमूल कांग्रेस लीड करते हुए दिखाई दे रही है। ग्राम पंचायत के चुनाव में तो तृणमूल कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की है। हालांकि, तीनों ही स्तरों के चुनाव में दूसरे नंबर पर भाजपा ही रही है। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच जारी है। पिछले महीने की शुरुआत में पंचायत चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद से राज्य भर में राजनीतिक झड़पों में 33 से अधिक लोग मारे गए थे और चुनाव में हिंसा हुई थी।
पंचायत चुनाव की नतीजों पर पश्चिम बंगाल भाजपा की महासचिव अग्निमित्र पॉल ने कहा कि जैसी हिंसा हुई उसके बाद इस चुनाव से कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह कोई जनादेश नहीं है क्योंकि ममता बनर्जी के गुंडों ने जबरदस्ती मतदान करवाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बल को पहुंचने की इजाजत नहीं थी और मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी भी नहीं थे। हम कई केंद्रों से 2, 4, 24 वोटों से हारे हैं। पश्चिम बंगाल में हमारी जीत ये है कि लोग टीएमसी को हराने के लिए सड़क पर उतर रहे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडे भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के मतगणना एजेंट को मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने से रोककर जनमत की चोरी करने का प्रयास कर रहे हैं। मतगणना एजेंटों को केंद्रों में जाने से रोका जा रहा है और बमबाजी कर उन्हें धमकाया जा रहा है।’’
पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी। मतदान के दौरान मत पेटियां लूटी गयीं, मतपत्रों में आग लगायी गयी और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वियों पर बम भी फेंके गए। शनिवार को हुए चुनाव में 80.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि सोमवार को राज्य के जिन 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ, वहां शाम पांच बजे तक 69.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हिंसा और मतपेटियों से छेड़छाड़ की खबरें आने के बाद इन मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराने का फैसला किया गया था। राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीट के लिए शनिवार को हुए मतदान में 5.67 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र थे। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास रहा है।