By अभिनय आकाश | Jan 04, 2021
एक मुसलमान लीडर जिसके पास 5 विधायक बंगाल में हैं औऱ 44 कारपोरेटर हैदराबाद में हैं। संसद में दो एमपी हैं और हैदराबाद में सात और महाराष्ट्र में दो विधायक हैं। उसके बारे में ये भविष्यवाणी है कि 2021 के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की भूमिका अहम रहने वाली है। जिन सूबों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें एक पश्चिम बंगाल भी है। वो बंगाल जहां दस सालों से दीदी का राज है। जिस वोट बैंक पर होल्ड का ओवैसी दावा करते हैं वो वोट बैंक दीदी का कोर वोट बैंक है और दीदी के पीछे डटकर खड़ा है। इसमें एक सवाव बड़ा अहम है कि अगर ओवैसी के दावे अगर सिर्फ हवा-हवाई भर है तो ममता दीदी को इस हवा से उड़ने का डर क्यों सताने लगा है। इसका अंदाजा बंगाल की मुख्यमंत्री के बयान से पता चलता है जब उन्होने सार्वजनिक सभा में बिना नाम लिए ओवैसी को निशाने पर लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को इनको वोट नहीं देने की अपील करती नजर आईं। एक तरफ जहां बंगाल में तीव्र गति से अपना विस्तार करती बीजेपी से ममता को अपने अखंड राज को गंवाने का खतरा महसूस हो रहा है। वहीं दूसरी ओर ओवैसी के बंगाल एंट्री ने दीदी को और भी परेशान कर दिया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ओवैसी किस भरोसे इतने दम खम से लड़ने और जीतने का दावा कर रहे हैं। इसका जवाब एक ताजा मुलाकात के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है। कभी सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुखता से भूमिका अदा करने वाली फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की है। इस मुलाकात को बंगाल की राजनीति में एक बड़ी घटना माना जा रहा है। सबसे पहले आपको पांच लाइनों में बताते हैं कि कौन हैं अब्बास सिद्दीकी
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने हुगली के फुरफुरा गांव में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी, पीरजादा बैजीद अमीन, सब्बार गफ्फार समेत कई अन्य प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की। मुलाकात के बाद ओवैसी ने कहा कि पीरजादा अब्बास सिद्दीकी बंगाल में एआईएमआईएम का चेहरा होंगे। उनके दिशा-निर्देशों पर ही पार्टी बंगाल में काम करेगी। ओवैसी ने कहा कि अब्बास सिद्दीकी जो भी कहेंगे एआईएमआईएम के कार्यकर्ता उसका अनुसरण करेंगे।
बंगाल में फुरफुरा शरीफ की अहमियत
फुरफुरा शरीफ हुगली के जंगीपाड़ा ब्लाक में स्थित है। साल 1375 में मुकलिश खान ने एक मस्जिद की तामीर कराई थी। जो वर्तमान समय में बंगाली मुसलमानों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है। बंगाल की करीब 100 विधानसभा सीटों पर फुरफुरा शरीफ का प्रभाव है।