Vanakkam Poorvottar: Manipur में Starlink Device से इंटरनेट चला रहे थे विद्रोही? आरोप लगने पर Elon Musk ने दी सफाई

By नीरज कुमार दुबे | Dec 18, 2024

क्या मणिपुर में विद्रोही स्टारलिंक की डिश का इस्तेमाल कर आपस में संपर्क साध रहे हैं? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि मणिपुर में मैतेई विद्रोही समूह से एक स्टारलिंक डिश और राउटर जब्त किया गया है। यह जब्ती दर्शा रही है कि इंटरनेट ब्लैकआउट के दौरान भी विद्रोही हमलों के लिए आपस में कैसे समन्वय कर लिया करते थे। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि भारत में विद्रोहियों के हाथों में स्टारलिंक डिवाइस मिलने का मतलब यह नहीं है कि यह भारत में उपयोग करने योग्य है। हम आपको बता दें कि अरबपति एलन मस्क की एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स के स्वामित्व वाला स्टारलिंक दुनिया का पहला और सबसे बड़ा उपग्रह समूह है, जो दुनिया में कहीं भी ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचाने के लिए पृथ्वी की कक्षा का उपयोग करता है। हालांकि यह सेवा वहीं उपलब्ध है जहां कंपनी को अपनी सेवा को संचालित करने के लिए लाइसेंस प्राप्त है। भारत ने अब तक स्टारलिंक को लाइसेंस नहीं दिया है हालांकि इस अमेरिकी कंपनी ने नियामक मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया है।


हम आपको बता दें कि इस पूरे विवाद पर एलन मस्क की प्रतिक्रिया भी सामने आ गयी है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि स्टारलिंक भारत में काम नहीं करता है। उन्होंने कहा, "यह झूठ है। भारत में स्टारलिंक उपग्रह बंद हैं।" ‘स्पेसएक्स’ के संस्थापक एलन मस्क ने कहा है कि भारत के ऊपर ‘स्टारलिंक’ के ‘सैटेलाइट बीम’ बंद कर दिए गए हैं। उनका यह बयान उस दावे की प्रतिक्रिया में आया है जिसमें कहा गया कि उनकी कंपनी के उपकरण का इस्तेमाल हिंसाग्रस्त मणिपुर में किया जा रहा है। इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए एक उपयोगकर्ता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा है। आशा है कि एलन मस्क इस पर ध्यान देंगे और इस तकनीक के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में मदद करेंगे।’’ इस पर एलन मस्क ने जवाब दिया, ‘‘यह गलत है। भारत के ऊपर स्टारलिंक के सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं।’’ हम आपको बता दें कि स्टारलिंक ने अपने मौजूदा गोलाकार डिश के अलावा नवंबर 2021 में 12 बाय 19 इंच आयताकार डिश भी लॉन्च किया था। सुरक्षा बलों द्वारा जारी किए गए विजुअल्स में स्टारलिंक लोगो वाले डिवाइस से यह मेल खाते प्रतीत होते हैं।

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जहां तक स्टारलिंक डिवाइस की जब्ती की बात है तो आपको बता दें कि सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम को 13 दिसंबर को इंफाल पूर्वी जिले के खुनौ से MA4 असॉल्ट राइफल, ग्रेनेड और गोलियों के साथ स्टारलिंक डिश और राउटर मिला। पुलिस ने डिवाइस को "इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना और इंटरनेट सैटेलाइट राउटर" बताया। वहीं, एक्स पर एक पोस्ट में भारतीय सेना की स्पीयर कोर ने एक संयुक्त अभियान के दृश्य भी पोस्ट किए, जो असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने चुराचांदपुर, चंदेल, इंफाल पूर्व और कांगपोकपी के पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में चलाया था। एक दृश्य में एक सफेद आयताकार डिश और उस पर स्टारलिंक लोगो वाला एक राउटर दिखाया गया है। इस फोटो में राउटर पर संक्षिप्त शब्द "RPF/PLA" दिखाई दे रहे हैं। यह तस्वीर उसी स्टारलिंक डिवाइस की है जो सुरक्षा बलों को 13 दिसंबर को मिली थी। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने डिवाइस को पुलिस को सौंप दिया। 


हम आपको बता दें कि विशिष्ट खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए स्पीयर कोर के तहत भारतीय सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियों ने मणिपुर पुलिस के साथ निकट समन्वय में, मणिपुर के चुराचांदपुर, चंदेल, इम्फाल पूर्व और कांगपोकपी जिलों में पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था और स्नाइपर्स, स्वचालित हथियार, राइफलें, पिस्तौल, देशी मोर्टार, सिंगल बैरल राइफलें, हथगोले, गोला-बारूद और युद्ध जैसे भंडार सहित 29 हथियार बरामद किए थे।


हम आपको यह भी बता दें कि रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) मैतेई विद्रोही समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की राजनीतिक शाखा है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित संगठनों के रूप में सूचीबद्ध आठ मैतेई अलगाववादी समूहों में से एक है। अधिकारियों ने इस बारे में बताया है कि स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद एजेंसियों ने इस बात की जांच शुरू कर दी कि यह उपकरण हिंसाग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा। उल्लेखनीय है कि पिछले साल मई से मणिपुर में मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

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