By अंकित सिंह | Jul 01, 2024
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को टिप्पणी की कि संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के संबोधन में न तो कोई दिशा थी और न ही कोई दृष्टि और वह सिर्फ सरकार की सराहना के शब्दों से भरा था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में बोलते हुए खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण में दलित, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़े वर्ग के लिए कुछ नहीं था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति संसद का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं, हम राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस साल राष्ट्रपति का पहला संबोधन जनवरी में और दूसरा जून में था। पहला संबोधन चुनाव के लिए था और दूसरा उसकी कॉपी थी। उन्होंने कहा कि उनके संबोधन में दलित, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़े वर्ग के लिए कुछ नहीं था। राष्ट्रपति के अभिभाषण में न तो कोई दृष्टि थी और न ही कोई दिशा। पिछली बार की तरह, यह सरकार के लिए प्रशंसा के शब्दों से भरा था। खरगे ने राज्यसभा के सभापति से अपील की कि संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी, बाबा साहेब आंबेडकर और अन्य नेताओं की प्रतिमाएं उनके मूल स्थानों पर पुन:स्थापित कर दी जाएं।
खरगे ने राज्यसभा में कहा कि पिछले एक साल से मणिपुर जल रहा है लेकिन नारे देने में महारत रखने वाले प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं गए। विपक्षी दल आम आदमी की बात करते हैं जबकि प्रधानमंत्री मोदी केवल ‘मन की बात’ करते हैं। इससे पहले टी20 विश्व कप में भारत की ऐतिहासिक खिताबी जीत पर सोमवार को राज्यसभा में भारतीय टीम को बधाई दी गई। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने यह भी कहा कि उनकी उपलब्धि से पूरा देश गौरवान्वित हुआ है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई देते हुए कहा ‘‘शनिवार का दिन भारत के इतिहास में एक गौरवशाली दिन के तौर पर दर्ज है जब भारत ने बारबाडोस के ब्रिजटाउन में फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को सात रन से हराकर अपना दूसरा टी20 विश्व खिताब जीता।’’