By अनुराग गुप्ता | Aug 25, 2022
रांची। झारखंड की राजनीति के लिए गुरुवार का दिन काफी ज्यादा अहम रहा। खनन पट्टा आवंटित कराने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय झारखंड के राजभवन पहुंच चुकी है। ऐसे में हेमंत सरकार के भविष्य पर फैसला किसी भी क्षण आ सकता है। इसी बीच भविष्य की तमाम संभावनाओं को लेकर कांग्रेस ने बैठक की। जिसमें कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सीएलपी नेता आलमगीर आलम, कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री समेत कई विधायक मौजूद रहे।
हमारे पास भाजपा से ज्यादा संख्या
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि हम एक राजनीतिक दल हैं और हमें अलर्ट मोड पर रहना होगा। कांग्रेस सदस्यों को इस राजनीतिक स्थिति के हल होने तक रांची में रहने का निर्देश दिया गया है। हमारे (गठबंधन) पास अभी भी भाजपा से ज्यादा संख्या है।
कभी भी आ सकता है फैसला
हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर राजभवन से कभी भी फैसला आ सकता है। खबर लिखे जाने तक कोई आदेश नहीं आया। राज्यपाल रमेश बैस रांची लौट आए हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार का दिन हेमंत सोरेन के लिए काफी ज्यादा अहम रहने वाला है। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत कार्रवाई की जा सकती है या नहीं, इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग का अभिमत राजभवन पहुंच गया है।
कोई निर्णय अंतिम नहीं
हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की अफवाहों के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने दावा किया कि प्रदेश की 3.5 करोड़ जनता का आशीर्वाद उसके साथ है। साथ ही यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग की ओर से कोई भी निर्णय आता है तो यह कोई अंतिम निर्णय नहीं होगा क्योंकि पार्टी के लिए अन्य विकल्प भी खुले हुए हैं। झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक सवाल का दो-टूक जवाब देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग का कोई भी फैसला अब तक हमारे पास नहीं आया है और हमारे पास अपील में जाने का विकल्प भी मौजूद है।