By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 28, 2019
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात को रेखांकित करते हुए कि जवान, किसान, विज्ञान और अनुसंधान नये भारत के निर्माण का रास्ता होगा बृहस्पतिवार को कहा कि हमें अपनी मौलिक शक्ति को बनाए रखते हुए भविष्य के समाज और अर्थव्यवस्था के हिसाब से ढलना होगा और संस्थाओं को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप अपने को गढ़ना होगा। प्रधानमंत्री ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन चुका है। लोकतंत्र, आबादी और मांग की ताकत भी है। युवाओं का इसमें खासा योगदान है। उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में हमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को जनता से जोड़ना होगा । विज्ञान से जुड़े हमारे संस्थानों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने आपको गढ़ना होगा।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपनी मौलिक शक्ति को बनाए रखते हुए उसे भविष्य के समाज और अर्थव्यवस्था के हिसाब से ढालना होगा।’’ उन्होंने कहा कि अगर हमारी संस्थाओं की सोच पुरानी होगी तो आकांक्षाएं पूरी नहीं हो पायेंगी। प्रधानमंत्री ने अनुसंधान एवं नवाचार को गति देने की जरूरत बतायी और कहा कि हमारे शोध को समाधानोन्मुख होना चाहिए। इसे स्वास्थ्य, सफाई, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, कृषि, साइबर सुरक्षा जैसे विषयों में सवालों का उत्तर बनना होगा। मोदी ने कहा कि विज्ञान को बुनियादी चीजों से जुड़ा होना चाहिए लेकिन उसे भारतीय परिस्थितियों और जरूरतों के अनुरूप होना होगा। हमें अपने तहखानों से बाहर निकलना होगा और शोध को समाधानोन्मुख बनाना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने हमेशा मानवता की भलाई के लिए अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि जब इच्छाशक्ति हो तो सीमित संसाधनों में भी कैसे अद्भुत परिणाम दिए जा सकते हैं, इसका उदाहरण हमारा अंतरिक्ष कार्यक्रम है। उन्होंने इस संदर्भ में चंद्रयान और मंगल अभियान का भी जिक्र किया।
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मोदी ने कहा कि 2022 में देश का अपना गगनयान देश के बेटे..बेटी को लेकर अंतरिक्ष में जायेगा। उन्होंने कहा कि जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान नये भारत के निर्माण का रास्ता बने। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हमारे फार्मा सेक्टर और बायोटेक सेक्टर को अधिक गति देने का समय आ गया है। फार्मा क्षेत्र में भारत दुनिया में तीसरा सबसे तेजी से बढ़ता देश बन गया है । आज भारतीय दवाओं का अनेकों देशों में निर्यात हो रहा है। उन्होंने कहा कि जैव ईधन के मामले में भी सीएसआईआर बड़ी भूमिका निभा रहा है। सीएसआईआर ने जो विमानन जैव ईंधन बनाया है, उसका ट्रायल भी 27 अगस्त 2018 को, इससे संचालित होने वाले हवाई जहाज को देहरादून से दिल्ली तक उड़ाकर किया जा चुका है। मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टास्क फोर्स का गठन किया है। उन्होंने शिक्षा खासकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के कार्यो का भी जिक्र किया।