मध्य प्रदेश की बिजुरी भूमिगत कोयला खदान में पानी रिसाव बना समस्या

By दिनेश शुक्ल | Nov 12, 2020

अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर स्थित बिजुरी भूमिगत खदान से पानी निकासी की समस्या अब प्रबंधन के लिए चुनौती बन गई है। प्रबंधन द्वारा पानी निकासी के लिए लगाए गए 7 पम्पों के बाद भी बिजुरी भूमिगत खदान का पानी तीन माह बाद भी पूर्ण पूरी तरह से नहीं निकला जा सका है। वहीं बिजुरी भूमिगत खदान से चंद मीटर के फासले पर बंद समना खदान के अंदर का पानी भी रिसकर बिजुरी भूमिगत खदान पहुंचने लगा है। हालांकि बिजुरी भूमिगत खदान के भीतर सी सिमवॉल में मात्र 4 फीट पानी भरा है। लेकिन यहां से पानी निकासी के बाद भी मात्रा कम नहीं हो रहा है। जिसके बाद यह सम्भावना जताई जाने लगी है कि समना खदान में भरा पानी अब रिसकर बिजुरी भूमिगत खदान में पहुंचने लगा है। वहीं अब बिजुरी भूमिगत खदान प्रबंधक खदान में लगी बेल्ट को खोलने लगी है।

 

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बताया जाता है कि बारिश के कारण खदान से पानी निकासी में चुनौतियां बन रही थी, वहीं अब समना खदान का पानी नई चुनौती के रूप में सामने आ गया है। ज्ञात हो कि 14 अगस्त को लगातार बारिश होने तथा प्रबंधन द्वारा क्षतिग्रस्त दरारों की भराई नहीं कराने के कारण बिजुरी भूमिगत खदान पूरी तरह पानी से भरने से चार तली बिजुरी भूमिगत खदान में 300 फीट पानी भर गया था। जिसके बाद खदान के अंदर हवा की कमी, बिजली की शॉट सर्किट और जहरीले गैस के भराव में जनहानि को देखते हुए खदान को आगामी आदेश के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद खदान के संचालन पर अनिश्चितता पर प्रबंधक द्वारा कर्मचारियों व अधिकारियों को बहेराबांध खदान के लिए स्थानांतरित कर दिया था।

 

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सूत्रों की जानकारी के अनुसार बेल्ट को बहेराबांध खदान भेजे जाने की तैयारी है। बताया जाता है कि पानी भराव के कारण बिजुरी भूमिगत खदान के भीतर लगभग 2 करोड़ से अधिक की मशीनरी पानी में डूबी है। इनमें 4 पम्प, 3 ट्रांसफार्मर, 4 मोटर एलएचवी, 3 यूडियन मशीन सहित अन्य सामग्रियां हैं। कॉलरी सूत्रों के अनुसार दिसम्बर माह से पूर्व बिजुरी भूमिगत खदान से पानी नहीं निकल सकेगा और खदान का संचालन पुन: जनवरी माह से पूर्व नहीं होगा। पानी भराव के कारण बिजुरी भूमिगत खदान से उत्पादन बंद है। यहां कार्यरत लगभग 158 कर्मचारी अधिकारियों को बहेराबांध स्थानांतरित किया जा चुका है। वहीं कोयला लोडर मेन बेल्ट भी बहेराबांध भेजने की तैयारी है। प्रबंधन का कहना है कि बहेराबांध में बेल्ट की कमी है, जबकि बिजुरी को प्रति दिन 11 लाख का नुकसान हो रहा है, यानि प्रतिमाह 33 लाख का नुकसान।

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