मिसाइलों में फ्यूल की जगह पानी, जंग के मैदान छोड़कर भागते सैनिक, अब सबमरीन का डूबना, क्या चीन की सेना वास्तव में सबसे कमजोर है?

By अभिनय आकाश | Sep 27, 2024

अक्सर आप ऐसी खबरे सुनते होंगे कि चीन के पास सबसे बड़ी सेना है, दुनिया की तीसरी शक्तिशाली मिल्ट्री है। उनके सेना के पास हाई टेक एयर क्राफ्ट, बैटल शिप, एयर क्राफ्ट मानो चीन के पास सबकुछ है। लेकिन अगर मैं आपसे कहूं कि ये सबकुछ झूठ है तो आप बोलेंगे क्या? चीन ने दुनिया के सामने बड़ी, साहसी और सशक्त इमेज बनाकर रखी है वो सब एक छलावा है। अमेरिका की सेना को मात देने में दिन रात एक करने वाले चीनी ड्रैगन की पोल एक बार फिर से दुनिया के सामने खुल गई है। चीन की एक सबमरीन डूब गई है। यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस की तरफ से बताया गया है कि इस साल जून में चीन की एक न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन डॉकयार्ड में ही डूब गई थी। इस खबर के बारे में विस्तार से  बात करने से पहले आपको थोड़ा फ्लैश बैक में लिए चलते हैं। साल 2023 में एक के बाद एक शक्तिशाली जनरल जनता की नजरों से गायब होते नजर आए थे। कुछ को बाद में बिना किसी स्पष्टीकरण के उनके पदों से हटा दिया गया। यहां तक की चीन के डिफेंस मिनिस्टर जैसे हाई प्रोफाइल पद भी इससे अछूते नहीं रहे। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐसा क्यों किया था? इसके पीछे सेना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बताया गया। भ्रष्टाचार ने शी जिनपिंग के सेना के आधुनिकीकरण के प्रयासों को कमजोर कर दिया। 

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चीन की सबसे नई परमाणु पनडुब्‍बी कैसे डूबी

खबर वॉल स्ट्रीट जर्नल पहले रिपोर्ट की और उसके बाद देखते ही देखते तमाम मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये छा गई। मजेदार बात ये है कि इसके सैटेलाइट इमेज भी सामने आ गए जो साफ साफ ये इशारा करते हैं कि सच में एक सबमरीन डूबी है और उसे बचाने की कोशिश की जा रही है। यह घटना मई के अंत या जून की शुरुआत में वुहान के पास एक शिपयार्ड में हुई थी और सरकार ने इस घटना को छिपाने के लिए बहुत कुछ किया है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ये बीजिंग के लिए एक शर्मिंदगी की बात है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात की संभावना न के बराबर है कि चीन के अधिकारी घटना के बारे में पूरी जानकारी दें। चीनी सेना के ट्रेनिंग मानक और उपकरणों की घट‍िया क्‍वालिटी को दिखाते हैं। चीन का रक्षा उद्योग भ्रष्‍टाचार से जूझ रहा है। 

क्या ये चीन की नौसेना के लिए झटका है?

सबमरीन का डूबना चीन की सेना के लिए एक बड़ा झटका है। चीन अपनी नौसैनिक शक्ति का आक्रामक रूप से विस्तार कर रहा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की नौसेना के पास 370 जहाज हैं। ये आकंड़े इसे दुनिया में जहाजों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी नौसेना बनाते हैं। चीन नौसेना बेड़े के मामले में अमेरिका से आगे है, जिसके पास 219 जहाज हैं। चीन के नौसेना बेड़े में 234 युद्धपोत शामिल हैं। चीन छह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों, छह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों और 48 डीजल से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों का संचालन करता है। 2022 पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक पनडुब्बी बल बढ़कर 65 और 2035 तक 80 होने की उम्मीद है। चीन ने अपनी नौसेना के आधुनिकीकरण को प्राथमिकता दी है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती देना है, खासकर प्रशांत क्षेत्र में। झोउ-क्लास जैसी पनडुब्बियों को इस रणनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ताइवान पर किसी भी संभावित संघर्ष में चीन अमेरिकी सेना को द्वीप की सहायता करने से रोकने के लिए पनडुब्बियों पर बहुत अधिक निर्भर करेगा। 

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चीन की नौसेना रणनीति में आएगा कोई बदलाव?

झोउ-क्लास पनडुब्बी का उद्देश्य चीन की भावी नौसेना क्षमताओं को धारदार बनाना था और ये नुकसान देश की समुद्री महत्वाकांक्षाओं के लिए एक झटका है। चीनी सेना, विशेष रूप से इसकी नौसेना ने हाल के वर्षों में अमेरिका के साथ तकनीकी अंतर को कम करने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालाँकि, इस तरह की घटनाएँ चीन के सैन्य-औद्योगिक परिसर की कमज़ोरियों को उजागर करती हैं, जो भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन से ग्रस्त है। इस घटना के मद्देनजर, विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि क्या चीन का तेजी से सैन्य विस्तार, प्रशिक्षण और उपकरणों के उच्च मानकों को बनाए रखने की उसकी क्षमता से आगे निकल रहा है।  अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ये बीजिंग के लिए एक शर्मिंदगी की बात है। अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करना चाहता है।

चीन से कहां हो रही चूक

चीन की नौसेना का आकार बढ़ रहा है, लेकिन इसकी क्षमताओं को लेकर सवाल बने हुए हैं। पीएलए नौसेना की पनडुब्बी सेना, हालांकि संख्या में प्रभावशाली है, फिर भी अमेरिकी बेड़े की तकनीकी परिष्कार और परिचालन तत्परता से मेल नहीं खा सकती है। अमेरिकी नौसेना 53 तेज़ हमला करने वाली पनडुब्बियों, 14 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों और चार निर्देशित मिसाइल पनडुब्बियों का संचालन करती है, जो सभी परमाणु ऊर्जा से संचालित हैं। इसके विपरीत, चीन का परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रम अभी भी विकसित हो रहा है, और इस तरह की घटनाएं इसकी प्रगति को धीमा कर सकती हैं। इन असफलताओं के बावजूद, चीन अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने में कोई कमी नहीं आने दे रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में चीन ने प्रशांत महासागर में एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया, जो उसकी बढ़ती परमाणु क्षमताओं का प्रदर्शन करता है। इसके अलावा, पीएलए पुरानी पनडुब्बियों को हटाना जारी रखे हुए है, जबकि नई, अधिक उन्नत पनडुब्बियों के उत्पादन की अपनी क्षमता का विस्तार कर रही है।

चीन की मिसाइलों में भरा है पानी

चीन के पास हाईटेक वेपन जरूर हैं। लेकिन उनके मिसाइल में फ्यूल की जगह पानी भरा हुआ है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने चीनी सेना में भ्रष्टाचार से जुड़े उदाहरण दिए। इसमें कहा गया कि मिसाइलों में ईंधन की जगह पानी भरा हुआ है। वहीं पश्चिमी चीन में मिसाइल साइलो के विशाल क्षेत्र हैं, जो इस तरह से काम नहीं करते कि मिसाइल को प्रभावी ढंग से लॉन्च किया सके। अमेरिका का आकलन है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में भ्रष्टाचार इतना बड़ा है कि उसका कॉन्फिडेंस कम हो गया है। 

जंग के मैदान छोड़कर भाग जाते हैं चीनी सैनिक

चीन तीसरी सबसे मजबूत आर्मी तो जरूर है लेकिन इसी आर्मी के सोल्जर जंग के मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। सीआईवीआईसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी शांति सैनिकों ने 11 जुलाई को दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा में अपनी चौकियां छोड़ दीं। इससे एक दिन पहले एक रॉकेट चालित ग्रेनेड चीनी बख्तरबंद कार्मिक वाहक के पास फटा था, जिसमें दो चीनी सैनिक मारे गए थे। सेंटर फॉर सिविलियंस इन कॉन्फ्लिक्ट ने आरोप लगाया कि जुलाई 2016 में सरकार और विद्रोही सैनिकों के बीच हुई हिंसा के दौरान चीनी शांति सैनिकों ने अपनी चौकियां छोड़ दी थीं। हालांकि इंटरनेशनल बेइजज्ती होता देख अपनी लाज बचाने के लिए चीनी रक्षा मंत्रालय ने इसका खंडन किया था।

प्रमोशन के लिए अपने बेटियों को ऑफर कर रहे चाइनीज ऑफिशियल 

हर सरकार में करप्शन तो जरूर होता है। लेकिन चीन में ये इस कदर बढ़ चुका है कि उसके खुद के भोंपू साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट ने चीन का एक ड्राक सीक्रेट रिविल किया। उन्होंने अपने एक न्यूज आर्टिकल में ये एक्सपोज किया कि चाइनीज ऑफिशियल प्रमोशन के लिए अपने बॉस को अपनी खुद की बेटियां तक ऑफर कर रहे हैं। सौ बात की एक बात की चीन दुनिया के सामने अपनी सेना की जो इमेज पेश कर रहा है। सच्चाई उससे कोषों दूर है। 


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