By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 24, 2019
बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्रियों-सिद्धरमैया और एच डी कुमारस्वामी द्वारा एक दूसरे को कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार के गिरने के लिए जिम्मेदार ठहराने के साथ उनके बीच राजनीतिक टकराव उभरकर सामने आ गया। जुलाई में गठबंधन सरकार के गिरने के बाद से सहयोगी दलों के बीच पनपी बेचैनी 15 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की घोषणा के साथ ही अब खुलकर सामने आ गयी है। दोनों ही दल अपने बलबूते पर ये उपचुनाव लड़ेंगे। सिद्धरमैया ने हुब्बली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कुमारस्वामी होशो-हवास में नहीं बोलते हैं। उनके मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके जदएएस विधायक जी टी देवेगौड़ा ने हाल ही मुझसे कहा है कि कुमारस्वामी ने (लोकसभा चुनाव में) उनसे मैसुरू और चामराजनगर में वोटों को भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में अंतरित करवाने को कहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अब वह ड्रामा कर रहे हैं क्योंकि उपचुनाव आ गया है। वह नौटंकी में हैं।’’ कांग्रेस नेता कुमारस्वामी के इस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि सिद्धरमैया के नेतृत्व में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने तुमकुरू में उनके पिता एच डी देवेगौड़ा, मांड्या में बेटे निखिल कुमारस्वामी और कोलार में कांग्रेस के ही उम्मीदवार के एच मुनियप्पा को हरवाया। सिद्धरमैया ने एक लोकप्रिय कन्नड़ गाने का उद्धरण दिया जिसमें एक तोता अपने मालिक से विश्वासघात करता है और उसे दर्द देता है। उन्होंने ऐसा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यह मेरी ही गलती है। चार दशक तक राजनीति से जुड़ रहने और अनुभव के बाद भी हमने बाज को तोता मान लिया और उसके साथ हाथ मिला लिया। क्या वह दर्द नहीं पहुंचाएगा? अनुभव से बड़ा सबक क्या है? कुमारस्वामी ने पलटवार करते हुए सिद्धरमैया को सरकार के गिरने के लिए जिम्मेदार ठहराया और चेन्नापटना में कहा, ‘‘ मैं सिद्धरमैया के चलते मुख्यमंत्री नहीं बना, कांग्रेस आलाकमान ने यह निर्णय लिया। लेकिन सिद्धरमैया इस फैसले को बर्दाश्त नहीं कर सके, वरना यह सरकार नहीं गयी होती ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने अपने पार्टी विधायकों से कहा था कि वह लोकसभा चुनाव के बाद इस गठबंधन सरकार को एक सेंकेंड भी नहीं चलने देंगे।’’