By अनुराग गुप्ता | Sep 04, 2021
काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान का राज है लेकिन पंजशीर घाटी अभी भी उनसे काफी दूर है। क्योंकि पंजशीर घाटी को बचाने के लिए नॉर्दन एलायंस ने एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रखा है। हालांकि अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का गठन हो चुका है और पाकिस्तान अपने फायदे के लिए इसका समर्थन कर रहा है।
क्या तालिबान के साथ है अलकायदा ?
विशेषज्ञों का मानना है कि अलकायदा तालिबान की मदद कर रहा है और उसके साथ रिश्तों को सुधारने का भी प्रयास जारी है। आपको बता दें कि तालिबान को अलकायदा, आईएसआईएस, जिहाद अल नुसरा जैसे आतंकवादी संगठनों और पाकिस्तान का साथ मिला है। तमाम आतंकी संगठन तालिबान के साथ मिलकर पंजशीर में कब्जा करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।प्राप्त जानकारी के मुताबिक पंजशीर में चल रहे युद्ध में तालिबान के साथ पाकिस्तान सैनिक के भी मारे जाने की खबर है। दरअसल, नॉर्दन एलायंस की रेजिस्टेंस फोर्स ने मारे गए एक पाकिस्तान के सैनिक के आईडी कार्ड की तस्वीर जारी की। जिससे यह समझा जा सकता है कि पाकिस्तान के सैनिक भी पंजशीर में कब्जा करने की तालिबान की कोशिशों का समर्थन कर रहे हैं।20 दिन से जारी है भीषण युद्ध
तालिबान की काबुल में एंट्री के साथ ही अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़कर चले गए और 34 में से 33 प्रांतों पर तालिबान का कब्जा हो गया लेकिन पंजशीर घाटी पर तालिबान अभी तक कब्जा नहीं कर पाया है। इतिहास के पन्नों को पलटे तो पिछली बार भी जब तालिबानी चरमपंथियों का शासन था, तब भी पंजशीर घाटी तक उनकी पहुंच नहीं हो पाई थी और इस बार भी कोशिशें जारी हैं लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली। दरअसल, अहमद मसूद के नेतृत्व में नॉर्दन एलायंस मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और तकरीबन 1200 से अधिक चरमपंथियों को ढेर कर दिया है।