By अभिनय आकाश | Apr 26, 2025
पहलगाम हमले के बाद देशभर में गुस्सा है तो दूसरी तरफ मोदी सरकार फुल एक्शन मोड में है। केंद्र सरकारी की सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए। जिसके बाद इस्लामाबाद में हलचल मच गई। पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला उठा। उसने आनन फानन में शिमला समझौता को रद्द करने की धमकी भी दी है। ये फैसला पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी में लिए गए और इसकी अध्यक्षता पीएम शहबाज शरीफ ने की। पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत सिंधु जल को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा। वहीं इस मीटिंग में आसिम मुनीर की स्थिति कुछ ठीक देखने को नहीं मिली है। इस मीटिंग में आसिम मुनीर को शहबाज शरीफ के करीब दूसरे नंबर की कुर्सी नहीं बल्कि तीसरे नंबर की कुर्सी पर बिठाया गया है।
प्रधानमंत्री शरीफ और जनरल मुनीर में जंग शुरू हो गई है। पाकिस्तान की सरकार ये सोच रही है कि मुनीर ने उसे फंसा दिया है। इस तरह का ऑपरेशन आईएसआई करवाती आई है। पाकिस्तान दुनियाभर में घूम घूम कर कटोरा लेकर भीख मारता फिर रहा है। अब तो चीन भी अपने हाथ पीछे खींचता नजर आ रहा है। चीन पूरी तरह से पाकिस्तान के समर्थन में नहीं है। ऐसे में इस तरह का पंगा लेकर सेना पाकिस्तान के अंदर अव्यवस्था फैलाना चाहती है। पाक आर्मी को पता है कि इस तरह की कोई भी हिमाकत होगी तो भारत छोड़ेगा नहीं। मोदी कड़े और बड़े फैसले लेंगे। यही मौका होगा जब सेना अपने हाथ में नियंत्रण ले लेगी। सरकार में बैठे लोग इस बात को भांप गए हैं। पाकिस्तान में 80 प्रतिशत इस बात की संभावना जताई जा रही है कि एक बार फिर तख्तापलट देखने को मिल सकता है। जनता को डर दिखाया जाएगा कि भारत हमला कर रहा है और सरकार के बस की नहीं है इसे संभाल पाना।
जनरल बाजवा ने बार बार आसिम मुनीर को चीफ बनाए जाने की खिलाफत की थी। पाकिस्तान की आर्मी में दो धड़े हैं। एक जिहादी आर्मी हैं। कलमा पढ़कर मुल्क को बनाए जाने की बात कहने वाले मुनीर सीधे सीधे शरिया के लिए लड़ने वाले लोग खुद को बता रहे हैं। इस पूरी कहानी को बल मिल रहा है कि सुरक्षा सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं कि अमरनाथ यात्रा के बेस कैंप के पास अटैक की प्लानिंग थी। लेकिन बलूचिस्तान में जिस तरह पाक सेना को धोया गया। फिर उसने सोचा कि क्या किया जाए। आर्मी के बजट में कटौकी की भी खबर आई थी। परवेज मुशरफ आखिर सेना प्रमुख थे जिसने तख्तापलट को अंजाम दिया था। बाजवा ने भी बार बार कोशिश की लेकिन वो संभव नहीं हो पाया। ऐसे में कहा जा रहा है कि तख्तापलट करने की ये शुरुआत है।
कारगिल के वक्त आपको नवाज शरीफ का बयान याद होगा कि हमें इसकी जानकारी ही नहीं थी। परवेज मुशर्रफ ने पूरा प्लान बनाया था। हमें सत्ता से हटा दिया गया और खुद मुशर्रफ कुर्सी पर बैठ गए। ऐसे में शहबाज शरीफ के साथ भी ऐसा ही कुछ खेल आसिम मुनीर की तरफ से लगता है कर दिया गया है। ऐसे में वो दिन भी दूर नहीं जब शहबाज शरीफ को सत्ता से हटाकर आर्मी चीफ खुद ही कुर्सी पर बैठ जाए और शरीफ के पास भाई की तरह लंदन भागने का विकल्प ही बचे।