कंपनियों द्वारा फाइलिंग से संबंधित कॉरपोरेट मंत्रालय का एक अहम पोर्टल एमसीए 21 पिछले महीने वानाक्राई रैनसमवेयर हमले का शिकार हुआ था और उसकी कुछ सेवाएं प्रभावित हुईं। एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार संभवत: यह केंद्र सरकर के किसी पोर्टल पर पहला हमला था। उसके प्रभाव को काबू में करने के लिए त्वरित कदम उठाए गए थे। पिछले महीने वानाक्राई रैनसम वेयर साइबर हमले में भारत समेत 150 से अधिक देशों में कंप्यूटर प्रणाली प्रभावित हुई थी।
एमसीए कंपनी अधिनियम और सीमित देनदारी साझेदारी अधिनियम, 2008 के तहत अनुपालन से संबंधित इलेक्ट्रोनिक फाइलिंग करने की सुविधा प्रदान करता है। इसका प्रबंधन आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनी इंफोसिस के हाथों में है। दस्तावेज में कहा गया है, 'मई, 2017 के दौरान एमसीए 21 सिस्टम पर वानाक्राई रैनसमवेयर का हमला हुआ। हमला जीरो डे एटैक की तरह का था और सात मई को पहली बार पता चला।'
आमतौर पर जीरो डे एटैक का मतलब होता है कि हैकर साफ्टवेयर सिस्टम में उस खामी का फायदा उठाता है जिसके बारे में सेवा प्रदाता कंपनी को भी मालूम नहीं होता है। दस्तावेज के अनुसार इस हमले से जनता से जुड़े और पीछे के कार्यालय संबंधी सेवाएं प्रारंभ में प्रभावित हुईं, तकनीकी टीम उस पर नियंत्रण काम करने के लिए तुरंत हरकत में आयी और तत्काल सीइर्आरटी.इन को इसकी सूचना दी गयी। सीईआरटी.इन सरकार की साइबर सुरक्षा शाखा है। दस्तावेज के मुताबिक सिस्टम सर्वर को रिफार्मट किया गया और सिस्टम को फिर तैनात किया गया। दस्तावेज में कहा गया है, 'त्वरित कार्वाई से सभी सेवाएं 12 मई तक बिना किसी नुकसान के बहाल हो गयीं।'