ब्रसेल्स। विश्लेषकों और राजनयिकों का कहना है कि ब्रिटेन में समय से पूर्व होने वाले चुनाव से यूरोप में यह उम्मीद पैदा हो गई है कि एक बड़े जनादेश वाले नेता के साथ ब्रेग्जिट पर बातचीत ज्यादा सुगमता से चल सकती है। ब्रसेल्स में ऐसा माना जा रहा है कि यदि प्रधानमंत्री टेरीजा मे को आठ जून को उम्मीद के मुताबिक अपार बहुमत मिलता है तो उन्हें अपनी कंजर्वेटिव पार्टी में कट्टर रूख रखने वालों को नाराज करने के बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इससे उन्हें उन विकल्पों पर भी विचार करने का मौका मिलेगा, जिनसे ब्रेग्जिट के पक्षधरों को परहेज है। इनमें से एक विकल्प यह है कि वर्ष 2022 तक संधि हो, जिसके तहत मुक्त आवागमन और यूरोपीय न्यायिक अदालत का अधिकारक्षेत्र बना रहे। यूरोपीय संसद के अध्यक्ष एंटोनियो तजानी ने गुरुवार को लंदन में टेरीजा से मुलाकात करने पर ऐसा ही कहा था। उन्होंने कहा था कि जून के अंत में वार्ताओं के शुरू होने से पहले एक नई सरकार सिर्फ ‘‘ब्रिटेन के लिए नहीं बल्कि हमारे लिए अच्छी है’’। यह बात व्यापक तौर पर फैली हुई है। इन वार्ताओं के एक करीबी यूरोपीय सूत्र ने कहा कि टेरीजा की जीत से ‘‘लंदन को एक मजबूत नेता मिलेगा, जिसके पास अपने मतदाताओं का मजबूत समर्थन होगा और जो हमारे साथ बातचीत कर सकेगा।’’