By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 12, 2019
लंदन। ब्रिटेन में ब्रेक्जिट के गतिरोध को दूर करने के लिए बृहस्पतिवार को आम चुनाव हुए। ‘ब्रेक्जिट’ यानी यूरोपियन संघ से अलग होने के मुद्दे पर 2016 में हुए जनमत संग्रह के बाद से देश की राजनीति शिथिल पड़ गई है। पांच साल से कम समय में तीसरी बार आम चुनाव हो रहे हैं। ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में 650 सीटों के लिए इस साल 3,322 उम्मीदवार चुनाव में खड़े हुए हैं। इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और नॉर्दर्न आयरलैंड के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान केंद्र अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हो गए।
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अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे मतदान खत्म होने पर मतगणना शुरू होगी। अधिकतर नतीजे शुक्रवार सुबह तक घोषित हो जाएंगे। अगर हाउस ऑफ कॉमंस में किसी पार्टी के आधे सांसद (326) चुनकर आते हैं तो वही पार्टी आमतौर पर सरकार बनाती है। अगर किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है तो वह एक या दो अन्य दलों के अधिकतर सांसदों का गठबंधन बनाकर सरकार बना सकती है।
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी पार्टी के ‘‘ब्रेक्जिट पूरा हो’’ के संदेश पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं जबकि विपक्षी दल अंतिम ब्रेक्जिट समझौते पर फिर से जनमत संग्रह कराना चाहते हैं और वे घरेलू मुद्दों जैसे कि संकटग्रस्त सरकार पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 31 अक्टूबर की अंतिम समयसीमा तक ब्रेक्जिट लागू करने में नाकाम रहने के बाद जॉनसन ने 12 दिसंबर को चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी।