Shirdi क्षेत्र के मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में Uddhav Thackeray का दिया साथ, अब विधानसभा चुनाव में होगी परीक्षा

By Anoop Prajapati | Sep 21, 2024

शिरडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। जिस पर शिवसेना का लगातार 15 साल से कब्जा बना हुआ है। 2024 में संपन्न हुए आम चुनाव में उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना के भाऊसाहब राजाराम वाकचौरे ने जीत दर्ज की थी। 2002 को गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में यह संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया। यहां पहली बार 2009 में सांसद चुनने के लिए मतदान हुआ। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यह क्षेत्र अहमदनगर जिले का हिस्सा होने के साथ ही तहसील मुख्यालय भी है। यह स्थान सांई बाबा के लिए भी जाना जाता है। यहां उनका एक विशाल मंदिर है। इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।


यह लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के अंतर्गत ही आता है। जो अकोले, संगमनेर, शिरडी, कोपरगांव, श्रीरामपुर और नेवासा विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। जिसमें से 2019 में हुए चुनाव में दो-दो सीट कांग्रेस और एनसीपी जीतने में सफल रही थी। इसके साथ ही भाजपा और शिवसेना का भी एक-एक सीट पर खाता खुला था। शिरडी लोक सभा क्षेत्र की अकोले विधानसभा सीट महाराष्ट्र के सबसे प्रचलित नेताओं में शुमार मधुकर काशीनाथ पिचड़ के कारण भी जानी जाती है। जो इस विधानसभा क्षेत्र से लगातार आठ बार चुनाव जीतने में सफल रहे थे। 1980 से लेकर 1995 तक वे कांग्रेस और उसके बाद 2009 तक एनसीपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे। 


फिलहाल 1995 के बाद से यहां एनसीपी राज कर रही है। जिसके नेता किरण लाहमाते फिलहाल अकोले सीट से विधायक हैं। राज्य में कांग्रेस के सबसे मजबूत में से एक संगमनेर विधानसभा क्षेत्र भी है। यह विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के गठन के साथ ही 1962 से अस्तित्व में आ गया था। इसके बाद से अब तक हुए चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 1985 में ही एक बार चुनाव हारी थी। वर्तमान में पार्टी के नेता बालासाहेब थोराट संगमनेर विधानसभा क्षेत्र से लगातार आठ बार विधानसभा पहुंच चुके हैं। शिरडी लोक सभा क्षेत्र की शिर्डी विधानसभा सीट पर अब तक एनसीपी के अलावा सभी बड़े राजनीतिक दल जीत हासिल कर चुके हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल विधायक हैं। विधायक राधाकृष्ण पाटिल 1995 के बाद से यहां चुनाव नहीं हारे हैं। वे पहले कांग्रेस फिर शिवसेना, उसके बाद दोबारा कांग्रेस और अंत में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे हैं।


1978 से अस्तित्व में आयी कोपरगांव विधानसभा सीट के मतदाताओं ने महाराष्ट्र की सभी बड़ी पार्टियों को जीतने का मौका दिया है। 2019 में हुए अंतिम विधानसभा चुनाव में एनसीपी के आशुतोष अशोकराव काले विजयी रहे थे। उनके पहले बीजेपी की स्नेहलता कोले भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व 5 साल तक कर चुकी हैं। शिर्डी लोकसभा क्षेत्र की श्रीरामपुर सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट पर कांग्रेस 1995 के बाद से अब तक अपराजित ही रही है। वर्तमान में पार्टी के नेता लहू कनाडे इस क्षेत्र की जनता की आवाज राज्य की विधानसभा में पहुंचा रहे हैं। महाराष्ट्र की विधानसभा में 221 नंबर से जाने जानी वाली नेवासा विधानसभा सीट पर सर्वप्रथम 2009 में चुनाव हुए थे। जिस पर एनसीपी और उसके बाद हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीतने में सफल रही थी। अंतिम बार क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी के नेता शंकरराव गडाख ने जीत दर्ज की थी।

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