By नीरज कुमार दुबे | Sep 06, 2024
खेल के मैदान से वैसे तो कई खिलाड़ी राजनीतिक दंगल में कूदते हैं लेकिन आज जिन दो खिलाड़ियों ने कुश्ती का अखाड़ा छोड़कर राजनीतिक अखाड़े में एंट्री की है उनके बारे में पहले से तय माना जा रहा था कि राजनीति ही उनकी मंजिल है। इन खिलाड़ियों ने पहले खेल में राजनीति घुसाई फिर जंतर मंतर पर जमकर राजनीति की, ओलंपिक आये तो फिर खेलने लग गये और ओलंपिक खत्म हुए तो फिर राजनीति में एंट्री मार ली। यह सही है कि इन खिलाड़ियों ने खेलों की दुनिया में देश का नाम रोशन किया लेकिन अब तो यह भी लग रहा है कि इन खिलाड़ियों ने देश से मिले प्यार का लाभ उठाने के लिए खेलों की दुनिया में रहते हुए ही राजनीति की जोकि सर्वथा गलत है।
हम आपको बता दें कि भारत की पूर्व पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया आज कांग्रेस में शामिल हो गये। वैसे औपचारिक रूप से भले इन दोनों ने कांग्रेस की सदस्यता आज ली हो लेकिन पिछले काफी समय से यह दोनों खिलाड़ी कांग्रेस के ही खेल को आगे बढ़ा रहे थे जिसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली। लेकिन राजनीति में आना और चुनावी राजनीति में जम पाना दोनों अलग चीजें हैं। हरियाणा की जनता ने पहले भी कई खिलाड़ियों को राजनीति के मैदान में जमने नहीं दिया इसलिए आज जिनको लग रहा है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया हरियाणा की राजनीति में कोई नई क्रांति ला देंगे उन्हें 8 अक्टूबर को आने वाले जनादेश का इंतजार करना चाहिए। वैसे अभी देखना होगा कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को किन क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाया जाता है।
कांग्रेस में शामिल होते ही खिलाड़ियों ने शुरू की राजनीति
जहां तक इन दोनों के कांग्रेस में शामिल होने की बात है तो आपको बता दें कि यह लोग हाल ही में राहुल गांधी से मिले थे और आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिार्जुन खरगे से उनके आवास पर इन्होंने मुलाकात की। उसके बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में विनेश और बजरंग पूनिया ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। इस दौरान विनेश फोगाट ने कहा, "जो लड़ाई थी वह खत्म नहीं हुई है, कोर्ट में हमारा केस चल रहा है। वह लड़ाई भी हम जीतेंगे... खेल में जैसे हमने कभी हार नहीं मानी वैसे ही इस नए प्लेटफॉर्म (पार्टी में) पर भी हम हार नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों के बीच में रहेंगे, दिल से मेहनत करेंगे... मैं कहना चाहूंगी कि आपकी बहन आपके साथ हमेशा खड़ी रहेगी।"
वहीं कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद बजरंग पूनिया ने कहा, "हम कांग्रेस के सभी नेताओं का धन्यवाद करेंगे, जो हमारे साथ मुश्किल घड़ी में खड़े रहे।'' उन्होंने कहा कि जैसे हमने कुश्ती में जी तोड़ मेहनत की है ठीक वैसे ही हम पार्टी में रहकर मेहनत करेंगे और पार्टी को आगे बढ़ाएंगे... हम मज़बूती से लड़ेंगे।"
रेलवे से इस्तीफा
हम आपको यह भी बता दें कि विनेश फोगाट ने कांग्रेस में शामिल होने से पहले निजी कारणों का हवाला देकर भारतीय रेलवे से इस्तीफा दे दिया। विनेश ने एक्स पर लिखा कि भारतीय रेलवे की सेवा करना मेरे जीवन का यादगार और गर्व से भरा समय रहा। हम आपको बता दें कि वह उत्तरी रेलवे में विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने आगे लिखा कि मैंने रेलवे की सेवा से खुद को अलग करने का फैसला किया है और भारतीय रेलवे के संबंधित अधिकारियों को अपना इस्तीफा भेज दिया है। विनेश ने लिखा कि मैं रेलवे द्वारा देश की सेवा करने का मौका दिये जाने के लिये सदैव भारतीय रेलवे परिवार की आभारी रहूंगी। विनेश ने उत्तरी रेलवे के महाप्रबंधक को लिखे इस्तीफे में लिखा कि मैं अनुरोध करती हूं कि मैं विनेश, पत्नी सोमवीर राठी, इस समय उत्तर रेलवे खेल में ओएसडी के पद पर कार्यरत हूं। निजी कारणों और पारिवारिक परिस्थितियों के कारण मैं इस पद पर अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर सकूंगी, इसलिये बिना किसी दबाव के इस्तीफा दे रही हूं। विनेश ने इस्तीफा तुरंत प्रभाव से स्वीकार करने का अनुरोध भी किया है। हम आपको यादि दिला दें कि विनेश को पेरिस ओलंपिक में 50 किलो के स्वर्ण पदक के मुकाबले से ठीक पहले वजन सौ ग्राम अधिक आने के कारण अयोग्य करार दिया गया जिसके बाद उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया था। उनकी अपील को खेल पंचाट ने खारिज कर दिया था।