By नीरज कुमार दुबे | Jan 19, 2023
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन शोषण के आरोप लगाए जाने के मामले ने अब बड़ा तूल पकड़ लिया है। इस मामले को लेकर जहां पहलवानों का दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दूसरे दिन भी जारी है वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। बुधवार को पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए जो सियासी अखाड़ा तैयार किया है उसमें भाजपा पर लगातार हमले जारी हैं। इस बीच, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और अन्य रेसलर आज दूसरे दिन भी जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन करने पहुंचे। गीता और बबीता फोगाट ने भी खिलाड़ियों का समर्थन किया है जिससे माना जा रहा है कि इस धरना प्रदर्शन में और भी खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं। अगर यह धरना प्रदर्शन व्यापक हुआ तो सरकार की परेशानी बढ़ना तय माना जा रहा है। इसलिए केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।
वहीं इस मामले में कोच प्रदीप दहिया का कहना है कि इतने बड़े खिलाड़ी अगर बोल रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी को सज़ा भी मिलनी चाहिए। कोच प्रदीप दहिया ने कहा कि विनेश एक बड़ी महिला खिलाड़ी हैं और अगर वो आरोप लगा रही हैं तो इसका मतलब है उनके साथ कुछ तो हुआ होगा। हम आपको बता दें कि विनेश फोगाट ने एक चौंकाने वाले खुलासे में बुधवार को रोते हुए आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं। विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश ने यह भी दावा किया कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोच ने भी महिला पहलवानों का शोषण किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिविर में कुछ महिलाएं हैं जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के कहने पर पहलवानों से संपर्क करती हैं।
वहीं विनेश के साथ बैठे तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने ब्रजभूषण शरण सिंह को ‘तानाशाह’ करार देते हुए कहा कि महासंघ मनमाने ढंग से चलाया जा रहा है और जब तक महासंघ के अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता तब तक वे किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे। देश के शीर्ष पहलवानों में शामिल बजरंग पूनिया ने कहा, ‘‘हम गृह मंत्री से मिले थे और उन्होंने हमें आश्वासन दिया था कि आपको न्याय मिलेगा।''
उधर, उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से मौजूदा बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए अपना पद छोड़ने से इंकार कर दिया है। इस 66 साल के खेल प्रशासक ने कहा, ‘‘किसी भी आरोप में कोई सच्चाई नहीं है। मैं अपना पद क्यों छोडूं? अगर एक भी महिला पहलवान के यौन उत्पीड़न का आरोप सही साबित होता है तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं।'' उन्होंने कहा कि इसके (साजिश) पीछे एक उद्योगपति है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में सीबीआई या पुलिस की जांच हो सकती है। कोई तानाशाही नहीं है। ये वही पहलवान हैं जो एक हफ्ते पहले मुझसे मिले थे और तब कुछ भी ऐसा नहीं कहा था।’’
विनेश को उनके किसी करीबी से जाने से मारने की धमकी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''विनेश ने उस समय मुझसे बात क्यों नहीं की या पुलिस से संपर्क क्यों नहीं किया? वह प्रधानमंत्री या खेल मंत्री से क्यों नहीं मिलीं? अब ऐसा क्यों कह रही है।’’ महासंघ प्रमुख ने संकेत दिया कि नयी नीति और उनके द्वारा पेश किए गए नियमों से शायद पहलवानों को थोड़ी परेशानी हो रही है और इसलिए विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहलवानों को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने और निष्पक्ष चयन के लिए ट्रायल में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न राज्य राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी करते हैं और सभी चाहते हैं कि देश के सर्वश्रेष्ठ एथलीट प्रतिस्पर्धा करें। इनमें से किसी भी पहलवान ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया है। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने और जीतने वाले एथलीटों को ही राष्ट्रीय शिविर के लिए चुना जाएगा।’’
उधर, खेल मंत्रालय ने आरोपों पर संज्ञान लेते हुए डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है और अगले 72 घंटों के अंदर आरोपों पर जवाब देने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘अगर डब्ल्यूएफआई अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के संदर्भ में महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा।’’ घटनाक्रम को देखते हुए मंत्रालय ने बुधवार से लखनऊ के साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) परिसर में होने वाले शिविर को भी रद्द कर दिया है।
हम आपको यह भी बता दें कि विनेश और बजरंग पूनिया के अलावा रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में शामिल हैं।
उधर, यह मामला अब राजनीतिक तूल भी पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने दावा किया कि इस घटनाक्रम से ‘‘भाजपा का असली चरित्र उजागर हो गया है।’’ कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बेटी बचाओ का नारा देने वाले बेटियों का शोषण कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के इन लोगों ने तो हद पार कर दी। महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर खिलाड़ियों और महिला कोच के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं।’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘बेटियों को भाजपा से बचाना है। प्रधानमंत्री मोदी और महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी से कुछ भी उम्मीद करना बेकार है।’’