संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्षता करने वाली पहली महिला थीं विजय लक्ष्मी पंडित

By सूर्या मिश्रा | Dec 01, 2022

विजय लक्ष्मी पंडित का जन्म 18 अगस्त 1900 को इलाहाबाद में हुआ था। विजय लक्ष्मी पंडित, जवाहर लाल नेहरू जी की छोटी बहन थी और उनसे ग्यारह वर्ष छोटी थी। देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी थी।


विजय लक्ष्मी पंडित ने भी स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान बढ़ चढ़ कर दिया। देश की स्वतंत्रता के लिए वह कई बार जेल जा चुकी थी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय महिलाओं को पहचान दिलाने का काम किया। 


विश्व की प्रथम महिला राजदूत 

1947 में विजयलक्ष्मी पंडित विश्व की प्रथम महिला राजदूत बनीं उन्होंने तीन राजधानियों के राजदूत के पद पर काम किया। विजय लक्ष्मी पंडित संयुक्त महासभा की अध्यक्षता करने वाली पहली महिला थी। 1953 में उन्हें संयुक्त महासभा का महिला अध्यक्ष बनाया गया। विजय लक्ष्मी पंडित ने 1947 से 1949 तक सोवियत संघ में भारतीय राजदूत के तौर पर काम किया। 

इसे भी पढ़ें: आज़ादी की लड़ाई में सुचेता कृपलानी ने महिला शक्ति को मजबूत करने का काम किया था

आजादी से पहले मिला था मंत्री पद 

आज़ादी की लड़ाई के दौरान ही उनको कैबिनेट मंत्री पद मिला था। उन्होंने शिक्षा समिति की अध्यक्ष का पद भी संभाला 1934 में इलाहाबाद म्यूनिसिपल बोर्ड का सदस्य निर्वाचित किया गया। 1946 से 1947 तक उन्होंने लोक स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार संभाला। 


संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 

विजय लक्ष्मी पंडित ने 1946 से लेकर 1968 तक संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और बहुत लोकप्रिय हुयी। उन्होंने 1978 में संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 


विदेशों में भारतीय महिला राजदूत

विजयलक्ष्मी पंडित संविधान सभा के अध्यक्ष का पद संभाला। उन्होंने सोवियत संघ में भारतीय राजदूत के रूप में कार्य किया। 1955 से 1961 के बीच आयरलैंड में भारतीय राजदूत के तौर पर काम किया। 1961 तक स्पेन में भारतीय राजदूत का पद संभाला। उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में भारतीय हाई कमिश्नर के रूप में भी काम किया। 


आपातकाल का विरोध किया

विजय लक्ष्मी पंडित आपातकाल के पक्ष में नहीं थी। उन्होंने इंदिरा गांधी के इस फैसले का विरोध किया और उनकी आलोचना की। आपात काल के निर्णय से दुखी होकर उन्होंने जनता पार्टी का समर्थन किया। 


राष्ट्रपति पद के लिए किया प्रयास 

1962 से 1964 तक वे भारत में महाराष्ट्र की राज्यपाल रहीं। 1977 में उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए प्रयास किए जिसके लिए उन्होंने प्रचार भी किया था लेकिन असफल रहीं और उनके स्थान पर नीलम संजीव रेड्डी को राष्ट्रपति चुन लिया गया। 1 दिसम्बर 1990 को विजय लक्ष्मी ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

प्रमुख खबरें

Coachella 2025 में Hanumankind का दमदार प्रदर्शन, चेंडा ड्रमर्स के साथ मंच पर आग लगा दी

विदेशी नागरिकों को 30 दिन के अंदर करना होगा ये काम, नहीं तो Donald Trump सरकार लगाएगी भारी जुर्माना

Murshidabad Violence: धुलियान से भागकर मालदा पहुंचे कई हिन्दू परिवार, स्कूल में ली शरण

Partap Singh Bajwa के 50 ग्रेनेड के दावे से पंजाब में दहशत, पुलिस हुई अलर्ट, Bhagwant Mann भी सख्त