By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 14, 2017
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री विजय साम्पला ने कहा कि तकनीकी शिक्षा क्षेत्रीय भाषाओं में दी जानी चाहिए ताकि ग्रामीण युवाओं को भी समान मौका मुहैया कराया जा सके जिनके अंग्रेजी भाषा के ज्ञान की कमी उन्हें शहरी युवाओं की तुलना में एक प्रतिकूल स्थिति में रखती है। साम्पला ने कहा, 'तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले दूरदराज के क्षेत्रों के युवा अपने शहरी समकक्षों से मुकाबला नहीं कर सकते। स्थानीय भाषा इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।' सामाजिक न्याय राज्य मंत्री साम्पला ने कहा कि उप शहरी क्षेत्रों या ग्रामीण क्षेत्रों का कोई छात्र अंग्रेजी भाषा नहीं समझ सकता, जो उसके लिए किसी भी अन्य विदेशी भाषा जैसी ही है।
साम्पला छठे अखिल भारतीय तकनीकी एवं प्रबंधन परिषद (एआईटीएमसी) सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों के शिक्षाविदों एवं उद्योग जगत के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने इस मुद्दे के हल के तौर पर तकनीकी शिक्षा क्षेत्रीय भाषा में दिये जाने पर जोर दिया, वह भी सभी को बराबर लाने के उद्देश्य से। इस मौके पर भाजपा के राष्टीय सचिव तरूण चुग ने कहा, 'यदि हम भारत के प्राचीन इतिहास को देखें तो उस समय विभिन्न क्षेत्रों के लोग जरूरी प्रशिक्षण प्राप्त किये बिना कई नवोन्मेष अपनाते थे।' उन्होंने कहा कि देश में मुख्य रूप से युवा आबादी है और जरूरत है कि प्रत्येक युवा कुशल हो। सम्मेलन में प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना और इसमें अखिल भारतीय तकनीकी एवं प्रबंधन परिषद की भूमिका पर चर्चा हुई। एआईसीटीई और श्रम मंत्रालय के बीच एक सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर भी किया गया।