नई दिल्ली। (इंडिया साइंस वायर): स्कूली बच्चों को विज्ञान से जोड़ने और उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश में इन दिनों विज्ञान मंथन यात्रा चल रही है। मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित यह यात्रा 11 से 20 अक्तूबर तक चलेगी, जिसमें आठवीं से बारहवीं के विज्ञान के छात्र शामिल हो सकते हैं।
इस बार मध्य प्रदेश के 52 जिलों से चयनित 625 मेधावी स्कूली बच्चों को इस यात्रा में शामिल होने का मौका मिल रहा है। यात्रा में शामिल छात्रों को हैदराबाद, लखनऊ, अहमदाबाद, चंडीगढ़ और दिल्ली में स्थित वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और अन्य वैज्ञानिक संस्थानों का भ्रमण करने का अवसर भी मिलेगा, जहां छात्र वैज्ञानिकों से सीधा संवाद कर सकेंगे।
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यात्रा में शामिल विद्यार्थियों को प्रतिदिन अपने अनुभवों को डायरी में दर्ज करना होता है, जिसका मूल्यांकन समापन के पहले किया जाएगा। दस-दिवसीय विज्ञान मंथन यात्रा का समापन 20 अक्तूबर को भोपाल में होगा। समापन के पूर्व एक लिखित परीक्षा होगी, जिसमें फैलोशिप के लिए 100 उत्कृष्ट विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।
वर्ष 2008 में शुरू हुई विज्ञान मंथन यात्रा का यह 13वां संस्करण है। अब तक आयोजित 12 यात्राओं में करीब सात हजार बच्चे देश के विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों का भ्रमण कर चुके हैं। किसी भी देश के विकास में विज्ञान की भूमिका अहम होती है। इसलिए भावी पीढ़ी को विज्ञान से जुड़ने और वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरित किया जाना जरूरी है, जिसमें विज्ञान मंथन यात्रा महत्वपूर्ण हो सकती है।
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विज्ञान मंथन एक शैक्षणिक यात्रा है, जिसमें स्वस्थ मनोरंजन और विज्ञान दोनों का समावेश किया गया है। विगत वर्षों में यात्रा पर गए बच्चों को जिन विख्यात वैज्ञानिकों से आमने-सामने बातचीत का अवसर मिला है, उनमें रसायनशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता वी.रामकृष्णन, डॉ. विजय भटकर, प्रोफेसर यशपाल, जयंत विष्णु नार्लीकर, प्रो. गोविंद स्वरूप, डॉ किरण कुमार और माधवन नायर जैसे वैज्ञानिकों के नाम शामिल हैं।
(इंडिया साइंस वायर)