अयोध्या। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या' के चैप्टर पर विवाद शुरू हो गया है। आरोप है कि किताब के पेज नंबर 113 में हिंदुत्व के मौजूदा रूप की तुलना आईएसआई और बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों से की गई है। रामनगरी के संत- महंत गुस्से में है। संतो ने सलमान खुर्शीद को मानसिक दिवालियापन दूर करके हिंदुत्व को समझने की सलाह दी है ।वहीं दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने किताब पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किताब एक पृष्ठ पर लिखा है कि हिंदुत्व का एक मजबूत संस्करण साधु- संतों के सनातन धर्म और शास्त्रीय हिंदुत्व को किनारे लगा रहा है। हर तरह से यह राजनीतिक संस्करण हाल के सालों के आईएसआई और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामिक संगठनों जैसा है। बता दे बुधवार को दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में किताब की लांचिंग की गई। तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी दे कहा हिंदुत्व और सनातन धर्म की संस्थाओं से खुर्शीद परिचित नहीं है। हिंदुत्व प्राणी मात्र में अपने प्रभु को देखता है। सलाह दी कि राजनीतिक स्वार्थों के कारण वह हिंदुत्व को बदनाम ना करें। श्री राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास ने इस तरह की लेखनी को मानसिक दिवालियापन का द्योतक बताया। बताया मठ- मंदिरों में सुबह लोक कल्याण के मंगल कामना के साथ पूजन शुरू किया जाता है। उन्हें वेद पुराण की जानकारी करनी चाहिए।
हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास और राम कचहरी मंदिर के महंत शशिकांत दास ने कहा हिंदुत्व सबके सुख सम्मान और उद्धार की बात करता है । इस तरह की बात करके वे अपने को आतंकवादियों का समर्थक घोषित कर रहे हैं। वीएचपी के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने किताब पर तत्काल प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। कहा है यह उसी पार्टी के लोग हैं जिन्होंने रामसेतु पर हथोड़ा चलाने का फरमान जारी किया था। आज इनके शीर्ष नेता मंदिरों के चक्कर काट रहे हैं और ये हिंदुत्व को आतंकवादी बता रहे हैं।