By अभिनय आकाश | Sep 13, 2021
अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले वरुण गांधी कभी पार्टी की लाइन से अलग हटकर चलते नजर आ रहे हैं। किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले वरुण गांधी ने अब योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखते हुए किसानों की समस्याओं को सामने रखा है। वरुण ने राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ने की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि करने, गेहूं और धान की सरकारी खरीद पर बोनस देने, प्रधानमंत्री किसान योजना की राशि दोगुनी करने और डीजल पर सब्सिडी देने की मांग की है।
किसानों की समस्याएं गिना योगी को लिखा लेटर
योगी आदित्यनाथ को लिखे दो पन्नों केपत्र में पीलीभीत से लोकसभा सदस्य ने किसानों की समस्याओं और उनकी मांगों का उल्लेख किया है। इसके साथ ही उन्होंने इन समस्याओं के समाधान के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। वरुण ने पत्र की प्रति ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नाम मेरा यह पत्र किसानों की बुनियादी समस्याओं को इंगित करता है। उम्मीद है कि भूमिपुत्रों की बात ज़रूर सुनी जाएगी।
बच्चे से बॉक्सिंग के बहाने बीजेपी से अपनी नाराजगी का पंच लगा गए
जुलाई के महीने में अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में ओलंपिक खेल में हिस्सा लेने गए खिलाड़ियों के परिवार को शुभकामनाएं देने के लिए एक कार्यक्रम में गए थे। कार्यक्रम में वरुण ने मुक्केबाजी तो बच्चों के साथ की लेकिन निशाना अपनी ही पार्टी के सरकार के साथ-साथ विरोधियों पर ही साधा। जब वे बच्चों के साथ खेल रहे थे, तो एक बच्चे ने उनकी तरफ हंसी में घूंसा मारने का इशारा किया। इस पर वरुण गांधी ने तुरंत की मौका लपकते हुए केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने बच्चे की ओर इशारा कर कहा, “ये तो बड़े होकर बॉक्सिंग करेंगे। लगता है सरकार से नाराज हैं। बच्चे से मुक्केबाजी के जरिये वरुण गांधी बीजेपी से अपनी नाराजगी का पंच लगा गए।
किसान महापंचायत पर ट्वीट करते हुए कहा कि आंदोलन करने वाले लोग हमारे अपने ही हैं। उन्होंने कहा कि हमें उनसे बात करनी होगी और किसानों के दर्द को समझना होगा। वरुण गांधी ने 5 सेकेंड का वीडियो शेयर करते हुए वरुण ने कहा कि लाखों किसान मुजफ्फरपुर के प्रदर्शन में इकट्ठा हुए। वे हमारा ही खून और अपने लोग हैं। हमें एक सम्मानजनक तरीके से उनके साथ फिर से संवाद शुरू करना चाहिए: उनका दर्द महसूस कीजिए, उनका नजरिए जानिए और आम सहमति बनाने के लिए उनके साथ बात कीजिए।
नाराजगी की वजह
मोदी मंत्रीमंडल विस्तार में वरुण गांधी को मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी। लेकिन ये सिर्फ चर्चा ही बन कर रह गई। 2014 में ताई सोनिया और भाई राहुल गांधी के खिलाफ प्रचार करने से मना करने के बाद बीजेपी में वरुण गांधी की हैसियत एकाएक कम होने लगी थी। 2019 के मोदी कैबिनेट में मां मेनका गांधी को भी जगह न मिलने से वरुण गांधी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। समय-समय पर इशारों-इशारों में ही नाराजगी जाहिर करते हुए वरुण गांधी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं।