By प्रेस विज्ञप्ति | Oct 28, 2023
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास के साथ ही इनोवेशंस और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके चलते उत्तर प्रदेश में 8 यूनीकॉर्न की उपस्थिति है, जबकि कई स्टार्टअप्स तेजी से यूनीकॉर्न बनने की ओर अग्रसर हैं। ऐसे स्टार्टअप्स को सुनीकॉर्न यानी 'सून टू बी यूनीकॉर्न' कहा जाता है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2025 तक 10 हजार स्टार्टअप्स की उपस्थिति का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसके अनुरूप वर्ष 2023 के मध्य तक ही यह लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है। जाहिर है, मुफीद नीतियों के कारण न केवल नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि कई स्टार्टअप्स अब यूनीकॉर्न व सूनीकॉर्न बनने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रदेश में निवेश के आंकड़ों का संकलन कर रही एजेंसी केपीएमजी द्वारा एक रिपोर्ट के माध्यम से उपलब्ध कराए गए तथ्यों से यह बात सामने आई है।
देश की 108 यूनीकॉर्न्स में से 8 हैं उत्तर प्रदेश में
रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पे-टीएम, पे-टीएम मॉल, इंडिया मार्ट, मोगलिक्स, पाइन लैब्स, इनोवेसर, इंफो एज और फिजिक्स वाला वो स्टार्टअप्स हैं जो उत्तर प्रदेश में बेस्ड हैं और ये देश की यूनीकॉर्न स्टार्टअप्स में शुमार हैं। उल्लेखनीय है कि यूनीकॉर्न स्टार्टअप वो स्टार्टअप होता है जिसकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से अधिक हो। फिलहाल देश में 108 से ज्यादा यूनीकॉर्न स्टार्टअप्स मौजूद हैं। इसी प्रकार, सूनीकॉर्न उन स्टार्टअप्स को कहा जाता है जिनमें निकट भविष्य में यूनीकॉर्न बनने की क्षमता हो। फिलहाल प्रदेश में दो सूनीकॉर्न स्टार्टअप्स कार्य कर रहे हैं और इनके नाम क्लास प्लस व इनशॉर्ट्स हैं। इसके अलावा, जिन स्टार्टअप्स का वैल्यूएशन 10 लाख डॉलर हो जाता है उन्हें मिनिकॉर्न कहा जाता है और ऐसे स्टार्टअप पोटेंशियल के लिहाज से भी उत्तर प्रदेश लगातार प्रगति कर रहा है। यह सब योगी सरकार की नीतियों के कारण हो सका है।
प्रदेश के सभी जिलों में है स्टार्टअप्स की उपस्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश फिलहाल देश में चौथा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला प्रदेश है। यहां सभी 75 जिलों में स्टार्टअप्स की उपस्थिति है और खास बात यह है कि 49 प्रतिशत स्टार्टअप्स टियर 2 व टियर 3 शहरों से संबंधित हैं। प्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलने का असर यह हुआ है कि एक लाख से ज्यादा रोजगार सृजन के अवसर उपलब्ध हुए हैं। एग्री टेक बेस्ड स्टार्टअप्स भी उत्तर प्रदेश में अब अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और इनके जरिए न केवल लोगों को रोजगार मिल रहा है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं के विकास में मदद भी मिल रही है।
23 जिलों में 63 इनक्यूबेशन सेंटर्स दे रहे स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार द्वारा 1000 करोड़ रुपए यूपी स्टार्टअप फंड में अलॉट किए गए हैं। वहीं, 23 जिलों में 63 इनक्यूबेशन सेंटर्स के जरिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की प्रक्रिया जारी है। प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ड्रोन, मेड टेक, ब्लॉकचेन, 5जी, 6जी, क्वॉन्टम कंप्यूटिंग, एडिटिव मैनुफैक्चरिंग व स्पेस टेक जैसे क्षेत्रों से संबंधित स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।