By नीरज कुमार दुबे | Jul 03, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज हाथरस पहुँच कर भगदड़ वाली घटना के स्थल का जायजा लिया और अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने हाथरस पहुँचते ही वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत कार्यों की समीक्षा भी की। हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा) और अलीगढ़ मंडल आयुक्त की एक टीम गठित की है। टीम को जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर सौंपनी है। मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद कहा था कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी। राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच करा रही है। हम इसकी तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है या साजिश। उन्होंने कहा था कि सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस का एक्शन
हम आपको बता दें कि मंगलवार को हुई भगदड़ की घटना में अब तक 121 लोगों की मौत की खबर है। इस बीच, हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोरा पुलिस चौकी के प्रभारी उप निरीक्षक बृजेश पांडे की तहरीर पर सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
तहरीर में कहा गया, ‘‘आयोजकों ने पिछले कार्यक्रमों में पहुंची लाखों लोगों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस बार 80 हजार अनुयायियों के इकट्ठा होने की बात प्रशासन को बताई थी। इसके अनुसार ही सुरक्षा की व्यवस्था की थी लेकिन सत्संग में ढाई लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे जिससे अव्यवस्था पैदा हो गई।’’ आरोप लगाया गया, ‘‘सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ के प्रवचन के बाद वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया। इस दौरान लाखों की भीड़ के दबाव के कारण कुछ लोग कुचल गए।’’ इसमें कहा गया, ‘‘भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों ने जबरन रोक दिया जिसकी वजह से भीड़ का दबाव बढ़ता गया और महिलाएं, बच्चे तथा पुरुष उसमें दबते-कुचलते चले गए। आयोजकों और सेवादारों के कारण बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए और गंभीर रूप से घायल हुए।’’
शिकायत में आरोप लगाया गया, ‘‘मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने घायल तथा बेहोश लोगों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन आयोजनकर्ताओं तथा सेवादारों ने कोई सहयोग नहीं किया। कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण संबंधी अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया। आयोजनकर्ताओं ने मौके पर छूटे लोगों के सामान, कपड़े और जूते-चप्पल को उठाकर पास के ही खेत में फेंक कर साक्ष्य मिटाये।’’
'भोले बाबा' बन गये कासगंज के सूरजपाल
जहां तक प्रवचनकर्ता की बात है तो आपको बता दें कि बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ ने करीब दो दशक से अधिक समय पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर आध्यात्म की ओर रुख किया था और अपने अनुयायियों की एक बड़ी तादाद खड़ी कर दी। बाबा के प्रभाव और अनुयायियों की अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार की रात को उत्तर प्रदेश शासन की ओर से भगदड़ के जिन मृतकों की सूची जारी की गयी उनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटा और हाथरस जिलों के अलावा आगरा, संभल, ललितपुर, अलीगढ़, बदायूं, कासगंज, मथुरा, औरैया, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल, मध्यप्रदेश के ग्वालियर, राजस्थान के डीग आदि जिलों से सत्संग में पहुंचे थे। खासतौर से बाबा के समागम में जाने वाली अधिकांश महिलाएं हैं।
बताया जा रहा है कि कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र के बहादुर नगर के मूल निवासी करीब 70 वर्षीय ‘भोले बाबा’ का असली नाम सूरजपाल है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति (एससी) के सूरजपाल ने करीब दो दशक पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर आध्यात्म की ओर रुख किया और ‘भोले बाबा’ बनने के बाद उनके भक्तों की संख्या बढ़ने लगी। उनके सत्संग में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। सूरजपाल के तीन भाइयों में एक की मौत हो चुकी है और ‘भोले बाबा’ के रूप में ख्याति पाने वाले बाबा ने बहादुर नगर की अपनी संपत्ति को एक ट्रस्ट बनाकर एक “केयर टेकर” नियुक्त किया है। बाबा की कोई संतान नहीं है और पत्नी को अपने साथ ही लेकर सत्संग में जाते हैं। बताया जाता है कि बाबा प्रवचन देते हैं और सुरक्षा व्यवस्था के लिए अपने ‘वालंटियर’ रखते हैं, जो उनके सत्संग की व्यवस्था संभालते हैं। प्रवचन देने वाले ‘भोले बाबा’ ने डेढ़ दशक से अधिक समय पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर सत्संग शुरू किया था और ‘साकार विश्व हरि भोले बाबा’ बन गये। बाबा के बहादुर नगर के आश्रम स्थापित होने के बाद गरीब और वंचित तबके के बीच में उनकी प्रसिद्धि तेजी से बढ़ी और लाखों की संख्या में उनके अनुयायी बन गए। नारायण हरि की एक खासियत यह है कि वह भगवा वस्त्र नहीं पहनते हैं, बल्कि सफेद सूट और टाई पहनना पसंद करते हैं। उनका दूसरा पसंदीदा परिधान कुर्ता-पायजामा है। अपने प्रवचनों के दौरान वह कहते हैं कि उन्हें जो दान दिया जाता है, उसमें से वे कुछ भी नहीं रखते और उसे अपने भक्तों पर खर्च कर देते हैं।