By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 24, 2021
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सिविल सेवा और एनडीए जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए नि:शुल्क कोचिंग कक्षा चलाने की घोषणा करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि प्रदेश की पहचान अब दंगाग्रस्त, अपराधग्रस्त प्रदेश की नहीं, बल्कि बेहतर कानून व्यवस्था वाले राज्य के रूप में है। अवध शिल्पग्राम में उत्तर प्रदेश दिवस का उद्घाटन करने के बाद रविवार को आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, हमने केवल पेशेवर अपराधी और माफिया पर ही नहीं बल्कि खानदानी अपराधियों पर भी लगाम लगाया है जिससे (प्रदेश में) निवेश की संभावना बढ़ी है।’’ मुख्यमंत्री ने सिविल सेवा और एनडीए जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए नि:शुल्क कोचिंग कक्षा चलाने की घोषणा की जिसका नाम मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना रखा गया है।
योगी ने कहा, ‘‘बसंत पंचमी से इसकी कक्षाएं शुरू करने की तैयारी है। प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर आयोजित होने वाली भौतिक कक्षाओं में विशेषज्ञों द्वारा छात्रों का मार्गदर्शन किया जाएगा। अधिकारियों के अलावा, विभिन्न विषयों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भी अतिथि व्याख्याता के तौर पर आमंत्रित किए जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की और बेहतर तैयारी के लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी (उपाम) में कोचिंग की व्यवस्था कराई जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के पहले चरण में प्रदेश में सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर निःशुल्क कक्षाएं चलेंगी और ऑनलाइन प्रशिक्षण तथा विभिन्न परीक्षाओं के पाठ्यक्रम व परीक्षा प्रणाली आदि के संबंध में अभ्यर्थियों को पूरी जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंडल स्तर पर प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन व समन्वयन की ज़िम्मेदारी उपाम को दी गई है। उन्होंने कहा कि ये कोचिंग केंद्र युवाओं को नया मंच देंगे और उन्हें उड़ान भरने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 30 हजार छात्रों को सुरक्षित वापस लाया गया। योगी ने कहा कि तब मैंने कहा था कि अब छात्रों को कोचिंग के लिए दूसरे राज्य में नहीं जाना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के चतुर्थ संस्करण पर शुभकामनाएं देते हुए योगी ने कहा कि भारत की संस्कृति और गौरवशाली परंपरा पर गर्व की अनुभूति होती है, उत्तर प्रदेश देश का हृदय स्थल कहलाता है और भारत की संस्कृति, सभ्यता और स्वाधीनता आंदोलन का केंद्र भी रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर समाज के जिम्मेदार लोगों में अपनी परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाने का भाव नहीं होता है तो समाज दिग्भ्रम की स्थिति में रहता है और इसी स्थिति ने प्रदेश को 70 वर्षों में भटकाव की दिशा में पहुंचा दिया। उत्तर प्रदेश दिवस के आयोजन की कहानी बताते हुए योगी ने कहा, 2017 में जब यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो तत्कालीन राज्यपाल ने हम लोगों के सामने एक प्रस्ताव रखा कि देश के अधिकांश राज्य अपना स्थापना दिवस मनाते हैं और कार्यक्रम के साथ अपनी योजनाओं को आगे लाकर नई पीढ़ी के लिए एक अवसर प्रस्तुत करते हैं। योगी ने कहा कि जब मैंने कैबिनेट के सामने उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा तो सहर्ष सहमति मिली और यह आयोजन शुरू हुआ, तभी एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) की अभिनव योजना की भी शुरुआत हुई जो देश की सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है और आत्मनिर्भर भारत का जज्बा रखने वाली इस योजना के साथ प्रारंभ हुए उत्तर प्रदेश दिवस को प्रधानमंत्री ने भी सराहा।
समारोह में उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में उत्तर प्रदेश के उद्योग धंधे चौपट हो गये थे लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में अब विकास की गंगा बह रही है। उन्होंने कहा कि महराष्ट्र में उप्र दिवस बहुत पहले से मनाया जा रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश में इसकी शुरुआत तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक की प्रेरणा से मुख्यमंत्री ने कराई। प्रदेश के लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक जिला-एक उत्पाद योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। उन्होंने दावा किया योगी के विकास मॉडल पर आने वाले समय में हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालय शोध करेंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने महिला व पुरुष खिलाड़ियों, उद्यमियों, युवाओं, दुग्ध उत्पादकों तथा किसानों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया। समारोह में राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन समेत कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश की स्थापना हुई थी। पूर्व राज्यपाल राम नाईक की पहल पर उत्तर प्रदेश दिवस की शुरुआत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने की थी। इस बार उत्तर प्रदेश दिवस का चौथा संस्करण मनाया जा रहा है।