By प्रेस विज्ञप्ति | Nov 22, 2021
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना करायी जा रही है। ग्राम पंचायत सचिवालय नियमित तरीके से कार्य कर सके, इसके लिए पंचायत सहायक/एकाउण्टेन्ट-कम-डाटा इण्ट्री ऑपरेटर भी प्रत्येक ग्राम पंचायत में चयनित किये गये है। ग्राम सचिवालय में बी0सी0 सखी, सी0एल0सी0/महिला बीट कॉन्सटेबल आदि के लिए स्थान आरक्षित करने के लिए भी ग्राम प्रधान को अधिकृत किया गया है। यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश में पहली बार ग्रामीण स्तर पर सभी ग्राम पंचायतों में एक कार्यालय की शुरूआत की जा रही है। पंचायती राज विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार देश व प्रदेश में विभिन्न विभागों द्वारा ग्राम पंचायतों एवं व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिए संचालित इसकी इलेक्ट्रॉनिक कॉपी लिंक के द्वारा सभी पंचायत सहायकों को उपलब्ध करायी जाएगी। पंचायत सहायक एवं डाटा इन्ट्री ऑपरेटर के रूप में चयनित लोगों को उनकी पंचायत में ही जहां एक ओर रोजगार मिला है, वहीं उनके लिए यह एक ऐसा अवसर भी है जिससे वे अपनी पंचायत के जरूरतमंद लोगों की आवश्यकतानुसार मदद कर सकते हैं। शासन की प्राथमिकता के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत कार्यदायी संस्था यूपिकॉन द्वारा रायबरेली एवं लखनऊ के 350 प्रतिभागियों के बैच में आज प्रशिक्षण कार्य टी0डी0एल0 कॉलेज के प्रागड में अराम्भ कराया गया। इस अवसर पर उपनिदेशक (पंचायत), लखनऊ मण्डल गिरीष चन्द्र रजक, शास्वत आनन्द सिंह जिला पंचायत राज अधिकारी लखनऊ, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी (प्रा0) लखनऊ जितेन्द्र गौड़, रागिनी गिरि, वरिष्ठ फैकेल्टी रायबरेली, सत्य प्रकाश सिंह मण्डलीय कन्सलटेन्ट लखनऊ मण्डल, वरूण वास्तव मण्डलीय परियोजना प्रबन्धक लखनऊ मण्डल एवं लखनऊ मण्डल में पंचायत सहायकों के प्रशिक्षण हेतु आये टेªनर सु पूनम मिश्रा, अनीश, नितेश वास्तव, डा0 नीरू वर्मा, वेद प्रकाश, सतीश चन्द्र वास्तव, प्रशान्त कुमार मिश्रा, सु नाजिया नाहिद फातिमा, ओम प्रकाश पाण्डेय एवं शैलेन्द्र सिंह उपस्थित हुए।
अनुदानित उर्वरकों की शत प्रतिशत बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से ही की जाए
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को गुणवत्ता रासायनिक उर्वरकों की समय से व्यवस्था किये जाने हेतु कालाबाजारी, तस्करी, टैगिंग एवं अनुदानित उपर्रकों का गैर कृषि कार्यों या औद्यानिक इकाईयों द्वारा उपयोग को रोके जाने तथा उर्वरकों की बिक्री शत प्रतिशत पी0ओ0एस0 के माध्यम से किये जाने हेतु समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश की विभिन्न औद्योगिक इकाईयों द्वारा अपने उत्पाद के निर्माण में नाइट्रोजिनस कम्पाउण्डस अथवा टेक्निकल ग्रेड यूरिया या फार्मेल्डिाहईड यूरिया के स्थान पर डायवर्जन कर रॉ-मेटेरियल के रूप में अनुदानित यूरिया के प्रयोग के सम्बन्ध में रॉ-मेटेरियल के प्राप्ति स्रोत की जांच करायी जाए। अपर मुख्य सचिव कृषि, डॉ0 देवेश चतुर्वेदी की ओर से इस सम्बन्ध में जारी शासनादेश में कहा गया है कि टेक्निकल ग्रेड यूरिया घरेलू उत्पादन एवं विदेशों से आयात के माध्यम से उपलब्ध होता है। औद्योगिक इकाईयों में अपने उत्पाद हेतु उपयोग में होने वाले टेक्निकल ग्रेड यूरिया की मात्रा घरेलू उत्पादन और आयात से प्राप्त होने वाली मात्रा से अधिक है। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि प्रत्येक जनपद में महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र औद्योगिक इकाईयों, जिनके द्वारा अपने उत्पादों के निर्माण में टेक्निकल ग्रेड यूरिया या फार्मेल्डिहाइड यूरिया का प्रयोग किया जाता है, की सूची तैयार करें। इसके अतिरिक्त महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र तथा जिला कृषि अधिकारी की संयुक्त टीम द्वारा इन औद्योगिक इकाईयों में टेक्निकल ग्रेड यूरिया या फार्मेल्डिहाइड यूरिया के प्राप्ति स्रोतों की गहनता से जांच कराये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं। डॉ0 चतुर्वेदी ने निर्देश दिये हैं कि किसी भी औद्योगिक इकाई द्वारा अपने उत्पाद के निर्माण में अनुदानित यूरिया का उपयोग किया जाना पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धाराओं एवं अन्य सुसंगत नियमों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इस हेतु औद्योगिक इकाईयों द्वारा अनुदानित यूरिया के दुरूपयोग पर रोक लगाने हेतु शासन स्तर से समय-समय पर पड़ने वाले उर्वरक छापों के दौरान उर्वरक बिक्री केन्द्रों के साथ-साथ इन औद्योगिक इकाईयों का भी गठित टीम द्वारा सघन निरीक्षण किया जाये। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अनुदानित उर्वरकों की बिक्री शत प्रतिशत पी0ओ0एस0 के माध्यम से ही की जाए।
पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय हेतु 3.50 करोड़ रूपए स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कार्मिकों हेतु 3.50 करोड़ रूपये के की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह जानकारी विशेष सचिव कृषि, बृजराज सिंह यादव ने आज यहां देते हुये बताया कि कृषि विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में औपचारिक आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। विशेष सचिव ने बताया कि जारी शासनादेश में निर्देशित किया गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का उपयोग राज्य सरकार द्वारा अनुदानित पदों के सापेक्ष ही किया जायेगा। स्वीकृत धनराशि का व्यय उसी मद में किया जायेगा, जिस मद के लिए धनराशि स्वीकृत की जा रही है। किसी अन्य मद में न ही इसका व्यय किया जायेगा और न ही एक मद से दूसरे मद में इसेा ट्रांसफर किया जायेगा। यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय का उत्तरदायित्व होगा कि वित्तीय स्वीकृति उपलब्ध बजट प्राविधान की सीमा के अन्तर्गत ही रहेगी। साथ ही इस अनुदान से सम्बन्धित देयक कुलपति, कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय एवं वित्त नियंत्रक के संयुक्त हस्ताक्षरित होंगे एवं सम्बन्धित मण्डलायुक्त के प्रतिहस्ताक्षर के उपरांत ही सम्बन्धित कोषाधिकारी द्वारा भुगतान किया जायेगा।
40 आंगनबाड़ी केन्द्रों भवनों के निर्माण हेतु 85 लाख 52 हजार रूपये स्वीकृत
प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में 40 आंगनबाड़ी केन्द्रों भवनों के निर्माण हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के आय-व्ययक में प्राविधानित धनराशि 800 लाख रूपये (रू0 आठ करोड़ मात्र) के सापेक्ष 03 जनपदों के 40 आगंनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण हेतु 02 लाख रूपये की दर से 80 लाख तथा उक्त भवनों में सम्मिलित लवणीय युक्त मृदा वाले 28 आंगनबाडी केन्द्र भवन निर्माण हेतु रूपये 0.24 लाख की दर से धनराशि 5.52 लाख रूपये अर्थात कुल रूपये 85.52 लाख (पच्चासी लाख बावन हजार मात्र) की धनराशि की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
उद्यम सारथी अप्लीकेशन पर ओडीओपी के लिए प्रत्येक सप्ताह वेबिनार भी होगा
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने निर्देश दिए हैं कि उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु प्रत्येक माह के तीसरे शुक्रवार को उद्यमी दिवस का आयोजन किया जाये। इस दिन उद्यम सारथी ऐप पर सभी जिलों के जिला उद्योग अधिकारी वर्चुअल जुड़े रहें। इसके साथ ही प्रमुख बैंको के अधिकारियों को उद्यम सारथी ऐप से कनेक्ट किया जाय, ताकि उद्यमियों की समस्याओं और जिज्ञासाओं को मौके पर ही समाधान सुनिश्चित हो सके। डा0 सहगल निर्यात प्रोत्साहन भवन में उद्यम सारथी ऐप की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्यम सारथी अप्लीकेशन पर एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए प्रत्येक सप्ताह वेबिनार किया जाय और ई-मार्केट प्लेस से लिंक किया जाय। उन्होंने कहा कि उद्यम सारथी’’ ऐप को 50000 से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। वर्तमान में इस पर 100 से अधिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट उपलब्ध है, इसकी संख्या को और बढ़ायें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी 75 जिलों के उद्यमियों को इस एप से जोड़ने के लिए विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया जाय। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा उत्पादन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘‘उद्यम सारथी’’ ऐप शुरू किया गया है। इस ऐप में ओडीओपी उत्पादों तथा उद्यमिता विकास कार्यक्रमों से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त उद्यमियों के सफलता की कहानी का संग्रह, एमएसएमई से संबंधित प्रोजेक्ट रिपोर्टस् तथा विशेषज्ञ वार्ता के साथ-साथ इकाई स्थापित करने से संबंधित समस्त आवश्यक जानकारियांे को इस ऐप पर अपलोड किया गया है। इस एप्लिकेशन से नया व्यवसाय शुरू करने, डिजिटल मार्केटिंग, आयात-निर्यात तथा जीएसटी व आयकर के नियमों के बारे में पूर्ण जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। डा0 सहगल ने बताया कि यह ऐप युवाओं को एक सफल उद्यमी बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही नौकरी चाहने वालों को नौकरी का प्रदाता बनाने में सहयोग कर रहा है। उद्यम सारथी ऐप एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां सभी ओडीओपी आउटलेट को सम्पूर्ण विवरण के साथ सूचीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही इस ऐप पर केन्द्रीय, राज्य तथा बैंक की योजनाएं वीडियो और पी0डी0एफ0 फार्म मंे उपलब्ध कराई गई है तथा औद्योगिक, व्यावसायिक और पंजीकरण ट्यूटोरियल का समावेश भी किया गया है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट तथा विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण के आवेदन हेतु एक मंच प्रदान किया गया है। इसके तहत इच्छुक व्यक्ति ओडीओपी, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते है।
ब्रजवासियों को मिले 14 पार्क, शेष 9 पार्क का अगले 15 दिन में पूरा करें काम
ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने आज मथुरा-वृंदावन नगर निगम द्वारा अमृत योजना के तहत 1.18 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किये गये 4 पार्कों का जनप्रतिनिधियों व ब्रजवासियों के साथ वर्चुअल लोकार्पण किया। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अब तक 14 पार्क इस योजना के तहत तैयार हो चुके हैं शेष 9 पार्कों को अगले 15 दिन में पूरा करने के निर्देश दिए गये हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य व बच्चों के मनोरंजन के लिए जनप्रतिनिधियों व जनसहयोग से पार्कों का संरक्षण किया जाये। हरित ब्रज की दिशा में उनमें जनसहयोग से वृक्षारोपण भी हो। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ब्रज के पुरातन स्वरूप को लौटाने के लिए इस वर्ष 31 लाख पौधे लगाए गए हैं। पूर्व सरकार में आतंक और अवैध कब्जे के पर्याय बने राजकीय उद्यान जवाहर बाग का 16 करोड़ रुपये की लागत से कायाकल्प किया गया है। इसके अलावा 150 नये व सौन्दर्यीकृत पार्कों का उपहार ब्रजवासियों को प्रदेश की वर्तमान सरकार में मिल रहा है। आज अमृत योजना के तहत रामनगर यमुना पार वार्ड नंबर 25 में 26.24 लाख की लागत से शिवनगर वाला पार्क, महाविद्या कालोनी वार्ड नंबर 31 में 50.25 लाख की लागत से गोविंदनगर पार्क, जयसिंहपूरा वार्ड नंबर 33 में 18.62 लाख की लागत से पंचवटी कॉलोनी पार्क व राधानगर वार्ड नंबर 34 में 35.35 लाख की लागत से द्वारिका एनक्लेव पार्क का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में महापौर मुकेश आर्यबन्धु, पार्षद चौधरी राजवीर सिंह, सोनू गौड़, रूप सिंह पटेल, कविता शर्मा, महानगर महामंत्री प्रदीप गोस्वामी, राजू यादव समेत मंडल अध्यक्ष व महामंत्रीगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
सचल पशु चिकित्सा एवं कृत्रिम गर्भाधान इकाइयों के संचालन हेतु 60 लाख रूपए की धनराशि स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने सचल पशु चिकित्सा एवं कृत्रिम गर्भाधान इकाइयों के संचालन की योजना हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 60 लाख रूपए की धनराशि स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों एवं मैनपुरी, बाराबंकी तथा बलिया में क्रियाशील कुल 51 सचल पशु चिकित्सा एवं कृत्रिम गर्भाधान इकाइयों के संचालन हेतु किया जायेगा। इस सम्बंध में पशुधन विभाग द्वारा शासनादेश जारी करते हुए निदेशक, प्रशासन एवं विकास पशुपालन विभाग को योजना के सुनियोजित व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरण/व्यय अनुमोदित कार्य योजना एवं योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइन्स के अनुरूप ही किया जायेगा तथा व्यय विवरण सहित उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराया जायेगा।
अब तक 6.63 लाख मीट्रिक टन की गई धान की खरीद
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे धान की खरीद करते हुए खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में अब तक विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, 663072.32 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया है। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार आज 71121.97 मीट्रिक टन खरीद हुई है। इस योजना से अब तक 99981 किसान लाभान्वित हुए हैं और करीब 731.248 करोड़ रूपये का भुगतान उनके खातों में किया गया है। कामन धान 1940 रूपये प्रति कुंतल एवं ग्रेड-ए’ धान 1960 रूपये प्रति कुंतल की दर से खरीद की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में 31 मार्च 2022 तक 700 नई बैंक शाखाएं एवं 700 एटीएम मशीन लगाई जाएंगी
उत्तर प्रदेश में 31 मार्च 2022 तक 700 नई बैंक शाखाएं एवं 700 एटीएम मशीन लगाई जाएंगी। यह बात आज यहां केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ0 भागवत किशनराव कराडे ने उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना से 10 कालिदास मार्ग स्थित उनके आवास पर मुलाकात के दौरान कही। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्टेट लेवल बैंक कमेटी की बैठक के उपरांत यह तथ्य सामने आया कि प्रदेश में राष्ट्रीय मानक एक लाख जनसंख्या पर 14 बैंक शाखाओं के सापेक्ष बैंक शाखाएं कम है जिसको देखते हुए बैठक में आए सभी सार्वजनिक एवं निजी बैंकों के अधिकारियों से कहा गया है कि 31 मार्च से पहले 700 नई बैंक शाखाएं एवं एटीएम मशीन लगाई जाए। इसके लिए सभी बैंकों ने सहमति दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि स्टेट लेवल बैंक कमेटी की बैठक में बैंकों को निर्देश दिया गया है कि प्रदेश में संचालित 19 हजार बैंक शाखाओं में माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार आमजन को लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं जैसे जनधन खाते, केसीसी, व प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना आदि योजनाओं में 1 से 7 दिसंबर 2021 तक विशेष अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में प्रत्येक गांव में एक बैंक सखी या बैंक मित्र नियुक्त करने के निर्णय को सराहनीय कदम बताया। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रदेश में नई बैंक शाखाओं एवं एटीएम मशीनों के लगाए जाने के निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा प्रदेश में नई ब्रांच और एटीएम के खुलने से बैंकिंग सिस्टम सुदृढ़ होने के साथ-साथ जहां आर्थिक गतिविधियों में विस्तार होगा वही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
सरकार प्रदेश में पति की मृत्यु उपरान्त पात्र निराश्रित महिलाओं को वार्षिक 6 हजार रूपये दे रही है पेंशन
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा व्यवहरित की जा रही पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को रू0 500/- प्रतिमाह की दर से चार तिमाही में पेंशन का भुगतान पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु की ऐसी महिलाएं जो उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी हो व उनके पति की मृत्यु हो चुकी हो तथा उनकी पारिवारिक वार्षिक आय रू0 2.00 लाख से अधिक न हो को पात्र लाभार्थियों के रूप में उनके बैंक खाते में पेंशन की धनराशि हस्तान्तरित की जाती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश मंे कुल 1731941 निराश्रित महिला लाभार्थियों को पेंशन का लाभ प्रदान किया जाता था। वर्तमान सरकार के वर्ष 2017 से अब तक इस योजना के अन्तर्गत कुल 12.37 लाख से अधिक नए लाभार्थी जुड़े हैं। प्रदेश में वर्ष 2016-17 में इस योजनान्तर्गत मात्र 1731941 निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही थी। वहीं वर्ष 2017-18 में 1937688 लाभार्थियों को पेंशन दी गई जिसमें 205747 नये लाभार्थी थे। वर्ष 2018-19 में 313798 नये लाभार्थियों सहित 2251486 महिलाओं को पेंशन दी गई। वर्ष 2019-20 में 358445 नये लाभार्थियांे सहित 2609931 महिलाओं को पेंशन दी गई। वर्ष 2020-21 में 185442 नये लाभार्थियों सहित 2795373 महिलाओं को पंेंशन दी गई। वर्ष 2021-22 (द्वितीय तिमाही) में 173286 नये लाभार्थियों सहित 2968659 महिलाओं को पंेशन दी गई। इस प्रकार वर्ष 2021-22 तक कुल 1236718 महिलाओं को पेंशन दी गई है। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु वर्तमान सरकार ने लाभार्थी की आयु की अधिकतम सीमा को समाप्त कर दिया है तथा लाभार्थियों की वार्षिक आय रू0 2.00 लाख निर्धारित की गयी। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 तक 29.68 लाख से अधिक लाभार्थियों को वार्षिक 6 हजार रूपये देते हुए उन्हें आर्थिक सम्बल प्रदान किया गया है। पेंशन देने के अतिरिक्त गत वर्ष में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना विशेष पैकेज के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को नियमित अनुदान के साथ ही रू0 500/- की 02 किश्तों में रू0 1000/- की अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की गयी है। कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत सी ऐसी महिलायें रही हैं जिन्होंने अपने पिता/माता/पति/पुत्र/संरक्षक के रूप में प्रियजनों को खोया है या वे एकल हैं और उनकी आजीविका प्रभावित हुई है तथा वर्तमान परिस्थितियों में उनके विभिन्न प्रकार के जोखिमों यथा उत्तरजीविता, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, भेदभाव, दुर्व्यवहार के साथ-साथ मानव तस्करी में पड़ने की तीव्र संभावनायें हैं। ऐसी सभी महिलाओं को उनके संरक्षण तथा उन्नयन हेतु आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़े जाने के साथ-साथ जीवन यापन हेतु नवीन अवसर प्रदान किये जाने के लिये व्यापक स्तर पर कार्य किये गये है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में विभिन्न विभागों के समन्वय से एक व्यापक अभियान संचालित कर ऐसी महिलाओं को रोजगार से लगाया जा रहा है।