एशियाई एथलेटिक्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का बेहतरीन मौका: अंजू

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 21, 2017

नयी दिल्ली। अपने जमाने की दिग्गज एथलीट पीटी उषा और अंजू बाबी जार्ज ने भुवनेश्वर में छह से नौ जुलाई के बीच होने वाली एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप को भारतीय खिलाड़ियों के बेहतरीन मौका करार देते हुए उम्मीद जतायी कि भारत इस साल के आखिर में लंदन में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में अब तक का सबसे बड़ा दल भेज सकता है। भारतीय एथलेटिक्स संघ (एएफआई) ने भी वुहान में पिछली चैंपियनशिप से बेहतर प्रदर्शन का वादा किया जबकि एशियाई चैंपियनशिप में 14 स्वर्ण सहित कुल 23 पदक जीतने वाली उड़नपरी उषा ने कहा कि तीसरी बार भारतीय सरजमीं पर इस चैंपियनशिप के आयोजन से वह रोमांचित हैं। उषा ने कहा, 'मैं वास्तव में रोमांचित हूं और नयी दिल्ली (1989) और पुणे (2013) के बाद तीसरी बार भारत में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय एथलीटों के पास यह बहुत अच्छा मौका है और उम्मीद है कि इस बार हम अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रहेंगे।' एशियाई एथलेटिक्स के लिये ओड़िसा सरकार की तैयारियों के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उषा ने कहा, 'मैं यह नहीं कह सकती कि भारत कितने पदक जीतेगा लेकिन पहली बार हमारा सबसे बड़ा दल भाग ले रहा है और वे अपनी सरजमीं पर खेलेंगे। यह उनके पास बहुत अच्छा मौका है।' विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र पदक विजेता अंजू बाबी जार्ज भी उनसे सहमत दिखी। एशियाई चैंपियनशिप लंदन में चार से 13 अगस्त के बीच होने वाली विश्व चैंपियनशिप के क्वालीफाईंग टूर्नामेंट के तौर पर भी काम करेगी और भारत के पास इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में सबसे बड़ा दल भेजने का मौका है। अंजू ने कहा, 'इससे (एशियाई चैंपियनशिप) हमारे एथलीटों विशेषकर जूनियर खिलाड़ियों को बड़ा फायदा मिलेगा। पिछले कुछ वर्षो से हमारे जूनियर एथलीट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हमने जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। भारत इस बार मेजबानी कर रहा है और इसलिये भी उम्मीद है कि हमारे खिलाड़ी अधिक से अधिक स्वर्ण पदक जीतेंगे और हम विश्व चैंपियनशिप के लिये सबसे बड़ा दल भेजने में सफल रहेंगे।'

 

भारत ने 2015 में वुहान में हुई चैंपियनशिप में चार स्वर्ण सहित 13 पदक जीते थे और वह तीसरे स्थान पर रहा था। एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने भविष्यवाणी की कि भारत तीसरे स्थान पर ही रहेगा लेकिन इस बार पदकों की संख्या अधिक होगी। सुमरिवाला ने कहा, 'वुहान में हमने 13 पदक जीते थे और हम तीसरे स्थान पर रहे थे। पूरी उम्मीद है कि इस बार पदकों की संख्या बढ़ेगी लेकिन हम तीसरे स्थान पर ही रहेंगे। इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले को विश्व चैंपियनशिप में सीधे प्रवेश मिलेगा और आशा है कि हमारे अधिक से अधिक एथलीट शीर्ष स्थान हासिल करेंगे।' भारत ने अभी तक अपनी टीम घोषित नहीं की है लेकिन उसका सबसे बड़ा दल (168 एथलीट) इसमें हिस्सा लेगा। कुल 42 स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी जिनमें से अधिकतर में भारत तीन खिलाड़ियों को उतारेगा। चैंपियनशिप में कुल 815 एथलीट और 280 अधिकारी हिस्सा लेंगे। सुमरिवाला ने कहा, 'हमने अस्थायी तौर पर टीम का चयन कर लिया है। सोमवार तक काफी हद तक तस्वीर साफ हो जाएगी। (चक्का फेंक के एथलीट) विकास गौड़ा जैसे कुछ एथलीटों ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लिया लेकिन इस बीच वे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलते रहे। विकास 26 जून को स्वदेश लौटेंगे लेकिन उन्हें चयन के लिये ट्रायल प्रक्रिया से गुजरना होगा।' एएफआई अध्यक्ष ने ओड़िशा सरकार का भी आभार व्यक्त किया जिसने तीन महीने के अंदर आधारभूत ढांचा तैयार किया। पहले यह चैंपियनशिप रांची में होनी थी लेकिन झारखंड सरकार ने आखिरी समय में हाथ खींच लिये जिसके बाद भुवनेश्वर को मेजबानी सौंपी गयी। उन्होंने कहा, 'जिस तरह से कम समय में आधारभूत ढांचा तैयार किया गया वह अविश्वसनीय है। अब हम विश्वस्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिये तैयार हैं। यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ एशियाई चैंपियनशिप होगी।'

 

ओड़िशा के खेल मंत्री चंद्र सारथी बेहड़ा ने कहा कि इस चैंपियनशिप के आयोजन को चुनौती के रूप में लिया गया और अब अगर भारत कभी ओलंपिक मेजबानी के लिये दावा करता है ओड़िशा उसके लिये भी तैयार रहेगा। बेहड़ा ने कहा, 'जब एएफआई ने हमसे आग्रह किया तो हमने उसे चुनौती के रूप में लिया। हमारे सामने 90 दिनों में काम करने की चुनौती थी और हमने ऐसा किया। भारत अगर कभी ओलंपिक की मेजबानी के लिये बोली लगाता है तो ओड़िशा इसके लिये दावा करने वाला पहला राज्य होगा।' इस बीच चैंपियनशिप के लिये विभिन्न देशों की टीमें पहुंचना शुरू हो गयी। बांग्लादेश का दल भुवनेश्वर पहुंच गया है जबकि श्रीलंका, मालदीव और भूटान की टीमें जल्द ही वहां पहुंच जाएंगी। भारत के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल चीन (96) का होगा। उसके बाद जापान (78), थाइलैंड (65), कुवैत (53), सऊदी अरब (51) और चीनी ताइपै (50) का नंबर आता है।

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