By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 08, 2022
मुंबई| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी में ‘एनॉनिमिटी’ यानी पहचान उजागर नहीं होना एक ‘अंतर्निहित जोखिम’ है और इस प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग को देखते हुए सतर्कता बरतने की जरूरत है।
इसके साथ ही सीतारमण ने यह स्पष्ट किया कि ‘ड्रिस्टिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी)’ यानी ‘ब्लॉकचेन’ का इस्तेमाल करना पूरी तरह से ‘अपरिहार्य’ है और सरकार भी इसके उपयोग का समर्थन करती है। दरअसल भारत अपनी डिजिटल मुद्रा सीबीडीसी लाने की तैयारी में है जो कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर ही आधारित होगी। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते समय सीबीडीसी लाने की घोषणा की थी।
सीतारमण ने यहां नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘इस पूरी चीज में एनॉनिमिटी यानी एक अज्ञात अवयव मौजूद है। यह कोई व्यक्ति, कोई रोबोट, कोई भी हो सकता है और हम उसे भावी चुनौती मानकर खुद को तैयार कर रहे हैं।’’
उन्होंने डीएलटी को एक बढ़िया प्रौद्योगिकी बताने के साथ ही अनामता को इससे जुड़ा जोखिम बताते हुए कहा कि इससे हमें अपनी सुरक्षा करनी होगी।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने इस कार्यक्रम में कहा कि हम नहीं चाहते कि सीबीडीसी में कोई भी अज्ञात कारक हो।