By अभिनय आकाश | Aug 01, 2022
रूस- अमेरिका जैसे सुपरपावर की कठपुतली बनने की बजाए भारत स्वयं ही एक शक्ती बनने की दिशा में कार्य कर रहा है। भारत सदैव अपनी नीतियों पर ही चलता आया है। लेकिन अमेरिका बीते कुछ समय से भारत को अपने पाले में शामिल करने की कोशिश में जुटा हुआ है। रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका ने काटसा का डर दिखाकर भारत पर रूस के खिलाफ खड़े होने के लिए दबाव भी बनाया। लेकिन राष्ट्रहितों को सबसे ऊपर रखते हुए भारत अपने स्टैंड पर अडिग रहा। इसे देख अमेरिका भी ये अच्छी तरह से समझ गया कि भारत पर किसी भी प्रकार की प्रेशर पॉलिटिक्स काम नहीं करने वाली। अलबत्ता पहले तो भारत को काटसा में रियासत दी गई। जिसके बाद हाल ही में राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम संशोधन को भारी बहुमत से मंजूरी मिली है।
अब अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने भारत को नाटो की बराबरी का दर्जा देने की वकालत की है। अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने कहा कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में भारत को छठे देश के रूप में जोड़ने से नई दिल्ली को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ रक्षा सुरक्षा संरेखण की ओर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत नाटो प्लस का हिस्सा बने। अगर भारत को नाटो प्लस में शामिल किया जाता है तो भारत को अमेरिका के साथ रक्षा-सुरक्षा से आसानी से जोड़ा जा सकेगा।
खन्ना ने कहा, मैंने भारत को नाटो प्लस के छठे सदस्य के रूप में जोड़ने की दिशा में प्रयास किए हैं। इससे दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी मजबूत होगी। मैंने दो साल पूर्व इसकी पहल की थी और आगे भी काम जारी रखूंगा। उम्मीद है कि सीनेट में भी इससे जुड़ा विधेयक पारित हो जाएगा। अमेरिकी सांसद की तरफ से ये बयान 14 जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) के प्रतिनिधि सभा द्वारा राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) में भारी बहुमत के साथ एक संशोधन को मंजूरी देने के बाद आया है। भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को गहरा करने का प्रस्ताव करता है। यह संशोधन कैलिफोर्निया के एक प्रगतिशील डेमोक्रेट खन्ना द्वारा पेश किया गया था।