By रितिका कमठान | Oct 15, 2022
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश बताया है। मोक्रेटिक कांग्रेस की अभियान समिति के स्वागत समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के साथ ही पाकिस्तान का चेहरा दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। बाइडेन ने परमाणु हथियारों के सुरक्षित भंडारण को लेकर कहा कि पाकिस्तान में सराकर और सेना के बीच भी तालमेल देखने को नहीं मिलता है। ऐसे में ये समस्या दुनिया के लिए खतरे की स्थिति पैदा कर सकती है। डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी रिसेप्शन के लॉस एंजिल्स में हुए कार्यक्रम के दौरान ये टिप्पणी करते हुए चीन और रूस को भी फटकार लगाई है। चीन और रूस को समस्याओं का भंडार बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में कुछ गलत हुआ तो हम उसे कैंसे संभालेंगे।
पाकिस्तान की मदद करता है अमेरिका
बता दें कि बीते महीने ही अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 फाइटर जेट के रखरखाव के लिए 3,581 करोड़ रुपये देने को मंजूरी दी थी। सुरक्षा सहायता के लिहाज से ये राशि काफी बड़ी है। इस मदद को लेकर भारत ने आपत्ति भी दर्ज की थी।
अमेरिकी संसद में भी पाक के खिलाफ प्रस्ताव पेश
अमेरिका के दो प्रभावशाली सांसदों ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से 1971 में पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ किए गए अत्याचारों को नरसंहार करार देने का अनुरोध किया गया है। भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना और सांसद सीव चाबोट ने शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में यह प्रस्ताव पेश किया।
इसमें पाकिस्तान सरकार से ऐसे नरसंहार में उसकी भूमिका के लिए बांग्लादेश के लोगों से माफी मांगने के लिए भी कहा गया है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद चाबोट ने ट्वीट किया कि हमें वर्षों बाद भी उन लाखों लोगों को नहीं भूलना चाहिए, जो नरसंहार में मारे गए थे। नरसंहार की बात स्वीकारने से ऐतिहासिक रिकॉर्ड मजबूत होता है, हमारे साथी अमेरिकी जागरूक होते हैं और साथ ही भविष्य के साजिशकर्ताओं को यह पता चलता है कि ऐसे अपराधों को बख्शा या भुलाया नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का 1971 का नरसंहार भुलाया नहीं जाना चाहिए।
ओहायो के फर्स्ट डिस्ट्रिक्ट के मेरे हिंदू साथी रो खन्ना की मदद से मैंने बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ व्यापक पैमाने पर हुए अत्याचारों को नरसंहार करार देने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया है। खन्ना ने कहा कि बांग्लादेश में 1971 में नरसंहार हुआ था और लाखों लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि उन लाखों मृतकों में से 80 फीसदी हिंदू थे। बांग्लादेशी समुदाय ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।