By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 05, 2019
वाशिंगटन। अमेरिका ने पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने की सूचना औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र को दे दी है। इस वैश्विक समझौते में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐतिहासिक पेरिस समझौते से अलग होने की घोषणा ट्रंप एक जून 2017 को कर चुके थे लेकिन इसकी प्रक्रिया सोमवार को इसकी औपचारिक अधिसूचना के साथ शुरू हुई। अब अमेरिका चार नवंबर 2020 को इस समझौते से अलग हो जाएगा।
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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एक वक्तव्य में कहा कि आज अमेरिका ने पेरिस समझौते से अलग होने की प्रक्रिया शुरू कर दी। समझौते की शर्तों के मुताबिक अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र को समझौते से अलग होने की औपचारिक सूचना भेज दी है। अधिसूचना देने के एक वर्ष बाद यह प्रभाव में आएगा। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने महासचिव को पेरिस समझौते से हटने की आधिकारिक सूचना चार नवंबर 2019 को दे दी। यह समझौता 12 दिसंबर 2015 को हुआ था।
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अमेरिका ने 22 अप्रैल 2016 को पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और तीन सितंबर 2016 को समझौते का पालन करने की स्वीकृति दी थी। विपक्षी डेमेाक्रेटिक पार्टी ने इस फैसले के लिए ट्रंप की आलोचना की है। वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार को अमेरिका के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मैक्रों इन दिनों चीन के आधिकारिक दौरे पर हैं। उन्होंने शंघाई में कहा कि हमें इसका अफसोस है। अब जलवायु तथा जैव विविधता के संबंध में फ्रांस तथा चीन के बीच साझेदारी और आवश्यक हो गई है। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि मैक्रों और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग बुधवार को बीजिंग में वार्ता के दौरान जलवायु परिवर्तन संबंधी एक अपरिवर्तनशील संयुक्त दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे।