अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर सकते हैं : कृष्णमूर्ति

FacebookTwitterWhatsapp

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 01, 2021

अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर सकते हैं : कृष्णमूर्ति

वाशिंगटन। अमेरिका के अफगानिस्तान से अपनी सेना निकालने के साथ ही इतिहास में सबसे लंबे युद्ध के खत्म होने पर एक प्रभावशाली भारतवंशी अमेरिकी सांसद ने कहा कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं। भारतवंशी अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में अपना आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रखना चाहिए ताकि वह आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूहों के लिए पनाहगाह न बने।

इसे भी पढ़ें: फिरोजाबाद में डेंगू का प्रकोप ! अब तक 44 की मौत, छह सितंबर तक बंद किए गए स्‍कूल

उन्होंने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भारत और अमेरिका कई तरीकों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर सकते हैं जिसमें खुफिया सूचनाएं साझा करना भी शामिल हैं। साथ ही आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की क्षमता बढ़ाने और उनके मंसूबों पर पानी फेरने के लिए काम कर सकते हैं।’’ इलिनोइस से तीन बार के सांसद कृष्णमूर्ति खुफिया मामलों पर सदन की स्थायी चयन समिति के पहले भारतवंशी सदस्य हैं।

इसे भी पढ़ें: सौ प्रतिशत वैक्सीनशन के लिए जयराम ठाकुर और उनकी टीम को शुभकामनाएं : कश्यप

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमें आतंकवाद के खिलाफ अपने प्रयास जारी रखने होंगे। मुझे लगता है कि इसमें न केवल भारत और अमेरिका शामिल होंगे बल्कि क्षेत्र के हमारे सहयोगी और साझेदार भी शामिल होंगे।’’ अफगानिस्तान में अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध के समाप्त होने पर उन्होंने उन सैनिकों की प्रशंसा की जिन्होंने देश में सेवा दी और कहा कि सेना ने पिछले दो हफ्तों में उस देश से 1,20,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद की जो अब तक किसी देश से निकाले गए लोगों का सबसे बड़ा अभियान है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अमेरिकी लोग चाहते थे कि हम 20 साल बिताने, अरबों रुपये खर्च करने और हजारों अमेरिकी सैनिकों को मरते देखने के बाद अफगानिस्तान से निकल जाएं।’’

हालांकि, उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से निकली उसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि यह ‘‘बेहतर तरीके’’ से किया जा सकता था। कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में अपना आतंकवाद रोधी अभियान जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम आईएसआईएस या अलकायदा जैसे अन्य समूहों को अफगानिस्तान में पनाह लेते नहीं देख सकते। खुफिया समिति का सदस्य होने के नाते मैं तालिबान के साथ अपनी सरकार को भी यह सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेह ठहराऊंगा कि अफगानिस्तान आतंकवादियों की पनाहगाह न बने।

प्रमुख खबरें

अमेरिका में यहूदी संग्रहालय के पास गोलीबारी में इजराइली दूतावास के दो कर्मचारियों की मौत

Punjab and Haryana Water Dispute | भाखड़ा बांध की सुरक्षा के लिए तैनात होंगे CISF के 296 जवान, अचानक तगड़ी सुरक्षा के केंद्र सरकार ने क्यों दिए आदेश?

मुंबई से गोरखपुर जा रहा बाइक सवार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर डिवाइडर से टकराया, मौत

पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के कर्मचारी को निष्कासित किया