By अभिनय आकाश | Feb 26, 2022
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के लिए एक बड़ी चुनौती थी। उसे अपने दोस्त रूस और रणनीतिक साझेदार अमेरिका में से किसी एक का चयन करना था। ऐसे में रूस के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव में वोटिंग से परहेज कर भारत ने फिलहाल दोनों हितों को साधने की कोशिश की है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा कि भारत के रूस के साथ संबंध, अमेरिका और रूस के बीच संबंधों से अलहदा है और इसमें परेशानी की कोई बात नहीं है।
अमेरिका ने कहा कि उसने रूस के साथ संबंध रखने वाले हर देश से नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सुरक्षित रखने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने को कहा है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका के अहम हित और मूल्य जुड़े हुए हैं। प्राइस ने शुक्रवार को दौनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ भारत के साथ हमारे अहम हित जुड़े हुए हैं। हम भारत के साथ अहम मूल्य साझा करते हैं, और हम जानते हैं कि भारत के रूस के साथ संबंध उन संबंधों से अलग हैं जो हमारे और रूस के बीच हैं और सही में इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है।’’
गौरतलब है कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई को लेकर सहमति वाले प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने स्थानीय समयनुसार शुक्रवार और भारतीय समयनुसार शनिवार सुबह वोटिंग की गई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, नार्वे, आयरलैंड, अल्बानिया, गबोन, मैक्सिको, ब्राजील, घाना और केन्या ने निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं भारत के लिए इसमें रूस और अमेरिका में से किसी एक का साथ देना था। भारत ने बहुत ही समझदारी दिखाते हुए रूस के हमले की निंदा तो की लेकिन वोटिंग से परहेज किया।
पाकिस्तान को लेकर कही ये बात
यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच पाकिस्तान के रुख पर जब नेट प्राइस से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पहले ही पाकिस्तान को इस बात से अवगत करा दिया था कि रूसी आक्रमण का खतरा है और अब यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का मतलब क्या है। उन्होंने कहा, 'भारत की तरह ही पाकिस्तान भी ठीक तरह से ये जानता है कि इस युद्ध में हम कहां खड़े हैं। यहां फिर से उन नियमों, मानदंडों और दिशानिर्देशों की बात आ जाती है जो भारत, पाकिस्तान, अमेरिका सभी को, रूस को भी लाभ पहुंचाते हैं।