पिछले कई दिनों से सरकार और RBI के बीच रहे विवाद के बाद आज RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ने कहा कि वह यह फैसला व्यक्तिगत कारणों से ले रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक में वर्षों से विभिन्न पदों पर काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही।
एक संक्षिप्त बयान में पटेल ने कहा कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ने का निर्णय किया है। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण नहीं बताया है। पटेल आरबीआई के 24वें गवर्नर थे। उन्हें सितंबर 2016 में तीन साल के लिए इस पद पर गवर्नर नियुक्त किया गया था। उन्होंने रघुराम राजन की जगह ली थी।
पटेल ने इस्तीफा देते हुये जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘व्यक्तिगत कारणों की वजह से मैंने अपने वर्तमान पद से तुरंत प्रभाव से हटने का फैसला किया है।’’ सरकार की ओर से रिजर्व बैंक कानून की धारा- सात के इस्तेमाल की चर्चा शुरू होने के समय से ही अटकलें थीं कि आरबीआई गवर्नर पटेल के इस्तीफा दे सकते हैं। रिजर्व बैंक कानून की धारा- सात के तहत केंद्र उसे किसी संबंधित मुद्दे पर निर्देश दे सकता है पर अब तक इसका इस्तेमाल अब तक किसी सरकार ने कभी नहीं किया गया है।
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लघु एवं मझोले उपक्रमों को कर्ज के नियमों में नरमी लाने , केन्द्रीय बैंक के पास आरक्षित धन के उपयुक्त स्तर और कमजोर बैंकों पर ऋण कारोबार की पाबंदी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक के बीच पिछले कुछ समय से खींचतान चल रही है। पटेल ने अपने बयान में रिजर्व बैंक के अपने सहयोगियों का धन्यवाद किया है। लेकिन उन्होंने अपने वक्तव्य में सरकार अथवा वित्त मंत्रालय का कोई जिक्र नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा सौभाग्य रहा है कि पिछले कई वर्ष तक मुझे रिजर्व बैंक में विभिन्न पदों पर काम करने का मौका मिला । रिजर्व बैंक के कर्मचारियों, अधिकारियों और प्रबंधन का समर्थन और उनकी मेहनत इस दौरान बैंक के कामकाज को आगे बढ़ाने में सहायक रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस अवसर पर अपने साथियों और आरबीआई के केन्द्रीय निदेशक मंडल के निदेशकों का आभार व्यक्त करता हूं और उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनायें देता हूं।’’