By दिनेश शुक्ल | Nov 19, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में आतंकियों से निपटने के लिए बनाए गए काउंटर टेररिस्ट ग्रुप (सीटीजी) का मुख्यालय भोपाल से हटाकर नक्सल प्रभावित बालाघाट में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिसको लेकर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अचानक होने वाली आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए अब लोग स्थानीय पुलिस के भरोसे ही है। काउंटर टेररिस्ट ग्रुप (सीटीजी) का गठन, प्रदेश में किसी भी स्थान पर आतंकी हमला होने की स्थिति में उससे निपटने के लिए (काउंटर करने) के लिए लगभग 15 वर्ष पूर्व किया गया। जो कि एटीएस के साथ में कार्य कर रहा है, परंतु अभी हाल ही में एक आदेश के द्वारा इसका मुख्यालय प्रदेश की राजधानी भोपाल से बालाघाट किया जा रहा है।
ऐसा हो जाने पर निश्चित रूप से प्रदेश में आतंकी हमला होने की स्थिति में उससे निपटने की लड़ाई कमजोर होगी। क्योंकि बालाघाट से भोपाल, इंदौर शहरों में आने के लिए कम से कम 8 से 10 घंटे का समय लगता है। वही बालाघाट से ग्वालियर तक पहुंचने के लिए तो कम से कम 16 से 18 घंटे का समय लगेगा। ज्ञात हो कि आतंकी आतंकवादी गतिविधियों के लिए हमेशा या तो प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर या अन्य महत्वपूर्ण महानगर जैसे भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे शहरों का चुनाव करते है। जिससे कि राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसका प्रभाव पड़े एवं सरकार पर दबाव बढ़ाया जा कर आम जनता में भय एवं अराजकता का माहौल पैदा किया जा सके। इसी कारण प्रत्येक राज्य में काउंटर टेरेरिस्ट ग्रुप का मुख्यालय प्रदेश की राजधानी में ही रखा जाता है।
इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण मुंबई में हुई 26/ 11 की घटना के बाद गठित किया गया फोर्स वन का मुख्यालय मुंबई में ही है। इसी प्रकार गुजरात में उस राज्य का स्पेशल फोर्स चेतक का मुख्यालय अहमदाबाद में, आंध्र प्रदेश में ऑक्टोपस का मुख्यालय हैदराबाद में रखा गया है। बालाघाट एक नक्सल प्रभावित जिला है, बालाघाट में नक्सल समस्या से निपटना है, तो वहां पर हाक फोर्स कार्य कर ही रहा है परंतु शहरी आतंकवाद से निपटने के लिए गठित किए गए फोर्स सीटीजी (काउंटर टेररिस्ट ग्रुप) का मुख्यालय बालाघाट किया जाना समझ से परे एवं अदूरदर्शी जान पड़ता है।