By अंकित सिंह | Jan 12, 2021
बिहार में कांग्रेस के लिए कुछ भी ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। पहले दौरे पर ही गए नवनियुक्त प्रभारी भक्त चरण दास के सामने ही कार्यकर्ता अलग-अलग गुटों में जमकर नारेबाजी करने लगे। भक्त चरण दास को अपने पहले ही दौरे में बिहार कांग्रेस में जारी अंतरकलह का आभास हो गया। भले ही भक्त चरण दास का पटना एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया लेकिन सदाकत आश्रम पहुंचते ही पार्टी के नेता अलग-अलग गुटों में बंटे नजर आए। सदाकत आश्रम पहुंचते ही कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी के बड़े नेताओं की लापरवाही, उदासीनता और पैराशूट नेताओं को टिकट देने के बड़े आरोप लगा डालें। इस दौरान कई नेता आपस में भी भिड़ गए।
भक्त चरण दास की उपस्थिति में ही हंगामा इतना बढ़ गया कि पुलिस को बुलाना पड़ा। कई नेताओं ने तो प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पर भी आरोप लगा दिए। मदन मोहन झा पर आरोप लगाकर चर्चा में आए पूर्व विधायक भरत सिंह ने भी बिहार प्रभारी से मुलाकात की। कई नेता शक्ति सिंह गोहिल और पार्टी के वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह पर चुनाव के दौरान टिकट बेचने के भी आरोप लगाएं। इस दौरान भक्त चरण दास ने कहा कि वह बिहार में पार्टी की खोई प्रतिष्ठा को प्राप्त करने के लिए आए हैं। इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधान सभा में कांग्रेस दल के नेता अजीत शर्मा सहित कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
आपको बता दें कि बिहार कांग्रेस प्रभारी और सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने आलाकमान को अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए बताया कि वह अपने स्वास्थ्य कारणों के कारण बिहार के प्रभार से मुक्त होना चाहते हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि निजी कारणों से मैंने कांग्रेस आलाकमान से गुजारिश की है कि मुझे हल्की जिम्मेवारी दी जाए और बिहार के प्रभाव से मुक्त किया जाए। इससे पहले पार्टी के ही एक नेता ने दावा किया कि कांग्रेस के 19 में से 11 विधायक पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं। कांग्रेस नेता भरत सिंह ने इस बात का भी दावा किया कि यह ज्यादातर विधायक वहीं हैं जिन्होंने पैसे के बल पर टिकट हासिल किया था। इसके बाद यह चुनाव जीत गए। भरत सिंह ने साफ-साफ कहा कि पार्टी के 11 विधायक आने वाले दिनों में एनडीए में जा सकते हैं।