By अनुराग गुप्ता | Jun 05, 2020
कैसे हत्थे चढ़ी ये शिक्षिका ?
जब शिक्षकों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा था उस वक्त गड़बड़ी सामने आई। फर्जीवाड़े का यह मामला सामने आने के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी के लिए हो रहे रियल टाइम मॉनिटरिंग व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होने लगे। बता दें कि रियल टाइम मॉनिटरिंग के बावजूद अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका यह करने में सफल रही।
शुरुआती छानबीन में सामने आया कि रिकॉर्ड में अनामिका शुक्ला 25 स्कूलों में पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से नियुक्त है। मामले में आरोपी शिक्षिका के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।
स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद के बताया कि इस शिक्षिका के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब सभी शिक्षकों को प्रेरणा पोर्टल के जरिए ऑनलाइन अपनी हाजिरी दर्ज करनी होती है तो फिर कैसे एक शिक्षिका कई जगहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती है। इस मामले में विस्तृत जांच की जरूरत है।
कॉन्ट्रेक्ट पर होती है शिक्षक की नियुक्त
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनामिका शुक्ला नामक शिक्षिका की तैनाती प्रयागराज, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, बागपत समेत कई जिलों के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में मिली है। इन इलाकों में कॉनट्रेक्ट पर शिक्षकों की नियुक्ति होती है और उन्हें करीब 30 हजार रुपए सैलरी मिलती है।
हालांकि अभी तक अनामिका शुक्ला की ओरिजनल पोस्टिंग के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन शिकायत दर्ज होने के बाद हर जिले के स्कूलों के रिकॉर्ड्स खंगाले जा रहे हैं। बता दें कि हर जिले के हर ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय है। अगर शिक्षिका के खिलाफ शिकायत सही पाई गई तो फिर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।