मुंबई।
शिवसेना नेता
संजय राउत ने हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलनेजा रहे कांग्रेस नेता
राहुल गांधी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के व्यवहार की निंदा की और इसे ‘लोकतंत्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म’ करार दिया। पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए राउत ने कहा कि राहुल गांधी प्रमुख राजनीतिक दल के नेता हैं और जिस तरह से पुलिस ने उनके साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया, उसका कोई भीसमर्थन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे कांग्रेस के साथ मतभेद हो सकते हैं। उन्हें (राहुल गांधी) धारा-144 लागू होने की जानकारी देते हुए हाथरस जाने से रोका जा सकता था, लेकिन पुलिस ने उनका कॉलर पकड़कर जिस तरह से व्यवहार किया है...जिस तरह से उन्हें धक्का दिया गया है और जमीन पर गिराया गया वह बहुत ही निदंनीय है।’’
राउत ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म हैऔर इसकी जांच की जानी चाहिए। विपक्षी नेताओं से व्यवहार करने का यह तरीका है ताकि कोई सवाल नहीं पूछे? आप उनकाराजनीतिक रूप से उपहास उड़ा सकते हैं, लेकिन जिस तरह से पुलिस ने दुर्व्यवहार किया उसका कोई भी समर्थन नहीं कर सकता है।’’ गौरतलब है कि हाथरस में कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की के परिवार से मिलने जा रहे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता को पुलिस ने बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा में निषेधाज्ञा के मद्देनजर रोक दिया था। पीड़िता की मंगलवार को दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। यमुना एक्सप्रेस वे पर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की में राहुल गांधी नीचे गिर गए थे। राउत ने उन लोगों की कथित चुप्पी पर भी सवाल किया जिन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा था और अभिनेत्री के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने पर आसमान सिर पर उठा लिया था।
उनका संदर्भ अभिनेत्री कंगना रनौत से था जब मुंबई के बांद्रा स्थित उनके बंगले को बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने हाल में आंशिक रूप से धवस्त कर दिया था। यह कदम कंगना द्वारा मुंबई पर की गई टिप्पणी के बाद शिवसेना के साथ हुई जुबानी जंग के बाद उठाया गया। जब उनसे पूछा गया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया है कि हाथरस की पीड़िता के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है तो राउत ने पूछा कि क्या पीड़िता ने मरते समय दिए बयान में झूठ बोला है। शिवसेना सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाथरस मामले में अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। उन्होंने घटना की मीडिया द्वारा की जा रही रिपोर्टिंग को रोकने की कोशिश की भी निंदा की। इस बीच, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने दक्षिण मुंबई के चर्च गेट रेलवे स्टेशन के पास हाथरस पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।