By अंकित सिंह | Mar 08, 2022
उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव संपन्न हो गए हैं। उत्तर प्रदेश को लेकर तमाम चैनलों ने एग्जिट पोल पेश किए हैं। एग्जिट पोल में उत्तर प्रदेश में भाजपा की बंपर जीत होती दिखाई दे रही है। हालांकि अभी भी एग्जैक्ट पोल का इंतजार है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर विपक्ष की ओर से इतनी ताकत झोंके जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश की जनता एक बार फिर से भाजपा को क्यों मौका देना चाहती हैं? विपक्ष की ओर से कई लोकलुभावन वादे भी किए गए थे। बावजूद इसके एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी में भाजपा की सरकार बनती दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ स्पष्ट बहुमत के साथ एक बार फिर से भाजपा सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं। चलिए हम उन पांच फैक्टर के बारे में आपको बताते हैं जिसकी वजह से एक बार फिर से भाजपा सत्ता में वापस आने में समर्थ दिखाई दे रही है।
विकास
उत्तर प्रदेश में भाजपा लगातार विकास के दावे करती रही है और इसका जमकर प्रचार प्रसार में किया गया है। ज्यादातर एग्जिट पोल में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने स्वीकार किया है कि राज्य में विकास के कार्य हुए हैं। केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार ने बेहतर समन्वय के साथ राज्य में विकास को नई रफ्तार दी है। यही कारण था कि चुनाव प्रचार के दौरान भी भाजपा नेता लगातार डबल इंजन वाली सरकार के नाम पर वोट मांगते नजर आ रहे थे।
कानून व्यवस्था
उत्तर प्रदेश में हमेशा से कानून व्यवस्था के एक बड़ा मुद्दा रहा है। इस बार भी कानून व्यवस्था को लेकर जनता की राय पूछी जा रही थी। जनता और खास करके महिलाओं ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को अच्छा बताया है। ज्यादातर लोगों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था अच्छी हुई है। भाजपा की ओर से भी यह दावा किया जाता रहा है कि योगी सरकार में माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ जबरदस्त तरीके से कार्रवाई की है। बुलडोजर का भी माफियाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया गया है।
मुफ्त राशन और सरकारी स्कीम का सीधा लाभ
महंगाई के जमाने में और कोरोना की मार के बाद मुफ्त राशन लोगों के लिए बड़ा सहारा है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों को मुफ्त में अनाज बांटा। फ्री राशन ने गरीबों को भाजपा के पक्ष में लाने में मदद की है। इसके अलावा सरकार की कई योजनाओं का लाभ राज्य की जनता को हुआ है जिसमें गरीबों के लिए मकान, उज्जवला योजना के तहत लाभ, शौचालय का निर्माण जैसे मुद्दे शामिल हैं।
योगी-मोदी का चेहरा
भले ही उत्तर प्रदेश में भाजपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी चेहरा खूब इस्तेमाल किया गया। उत्तर प्रदेश के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भी वोट किया है। जिसका मतलब साफ है कि आप भी यूपी में मोदी का असर कायम है। कुछ लोगों ने तो योगी को मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखना शुरू कर दिया है। ऐसे में कहीं ना कहीं योगी आदित्यनाथ की भी लोगप्रियता उत्तर प्रदेश में देखने को मिली।
हिंदुत्व का एजेंडा
भाजपा ने चरणबद्ध तरीके से उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर भी लगातार प्रचार किया। भाजपा की ओर से प्रखरता से राष्ट्रवाद का भी मुद्दा उठाया गया जिसकी वजह से महंगाई, कोरोना मैनेजमेंट, आवारा पशुओं का मुद्दा, बेरोजगारी और गरीबी जैसे मुद्दे बहुत ज्यादा टिक नहीं पाए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां भाजपा ने पलायन का मुद्दा उठाया और एक खास वर्ग के प्रत्याशियों के खिलाफ लगातार आक्रमण किया। बाद में हिजाब को लेकर भी भाजपा ने अपनी स्पष्ट राय रखी। भाजपा की ओर से राम मंदिर और आतंकवाद का भी मुद्दा उठाया गया। यह भी कहा गया कि ईद के समय बिजली दी जाती थी और दिवाली-होली के समय काट ली जाती थी।