By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 11, 2022
अदिति सिंह (रायबरेली), अनिल कुमार सिंह (पुरवा) और मनीष कुमार (पड़रौना) ने दलबदल के बाद भाजपा के टिकट पर चुनाव में जीत हासिल की। जबकि योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने चुनाव से ठीक पहले सपा का हाथ थामा व घोसी सीट से विजयी रहे। अदिति सिंह ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया था। हालांकि राकेश सिंह भाजपा के टिकट पर रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली हरचंदपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल करने में विफल रहे। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन ने 273 सीट जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) नीत गठबंधन ने 125 सीट पर जीत हासिल की है। सीएसडीएस में एसोसिएट प्रोफेसर संजीर आलम ने कहा कि जब इस तरह नेता दल बदलते हैं तो इसमें विचारधारा नहीं अवसरवाद भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि इसमें किसी पार्टी की विचारधारा से जुड़ाव या पसंद नहीं होती। आज के दौर में दलबदल के पीछे अवसरवाद शब्द ज्यादा प्रभावी दिखाई देता है। इसे वृहद और सूक्ष्म स्तरों पर देखा जाना चाहिए।
वृहद स्तर पर यदि एक प्रत्याशी किसी विशेष दल के लिए अनुकूल स्थिति महसूस करता है तब ऐसी स्थिति में वह दल बदल सकता है। दलबदल के बाद जिन विधायकों ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत नहीं सके उनमें राकेश सिंह (हरचंदपुर), नरेश सैनी (बेहट) वंदना सिंह (सगड़ी), रामवीर उपाध्याय (सादाबाद), सुभाष पासी (सैदपुर) और हरिओम यादव (सिरसागंज) शामिल हैं। पाला बदलकर सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत से वंचित रहे विधायकों में ब्रजेश प्रजापति (तिंदवारी) रौशन लाल वर्मा (तिहर), भगवती सागर (घाटमपुर), दिग्विजय नारायण (खलीलाबाद), माधुरी वर्मा (नानपारा) और विनय शंकर त्रिपाठी (चिल्लूपार) शामिल हैं। वहीं, रामपुर की स्वार सीट पर कांग्रेस का टिकट ठुकराकर भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन में अपना दल (एस) से चुनाव मैदान में उतरे नवाब परिवार के हैदर अली खान को सपा उम्मीदवार अब्दुल्ला आजम खान ने 61 हजार मतों से हराया। बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र में 2017 में भाजपा से चुनाव जीते सुरेंद्र सिंह इस बार टिकट नहीं मिलने पर विद्रोह कर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे, लेकिन मतदाताओं ने उन्हें तीसरे नंबर पर धकेल दिया।अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले सुरेंद्र सिंह को 28,615 मत मिले।