By प्रेस विज्ञप्ति | Nov 25, 2021
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अन्तर्गत सामान्य महिला वर्ग हेतु 187.5216 लाख रूपये (रूपये एक करोड़ सत्तासी लाख बावन हजार एक सौ साठ मात्र) की धनराशि वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि का व्यय मध्यमाकार आर0ए0एस0/बायोफ्लाक के निर्माण हेतु किया जायेगा। इस संबंध में मत्स्य विभाग द्वारा शासनादेश जारी करते हुए निदेशक मत्स्य विभाग को योजना के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं। शासनादेश में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पी0एम0एम0एस0वाई0) का क्रियान्वयन निर्धारित गाइड लाइन्स का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाए।
नोडल अधिकारी धान क्रय केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करें
उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि रबी अभियान वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत 7.71 लाख मै0टन फॉस्फेटिक उर्वरक के लक्ष्य के सापेक्ष सहकारी क्षेत्र में 6.86 लाख मै0टन फॉस्फेटिक उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है। सहकारी बिक्री केन्द्रों के माध्यम से फॉस्फेटिक उर्वरक 5.25 लाख मै0टन का वितरण किया जा चुका है। इफकों द्वारा रबी अभियान में 3.20 लाख मै0टन फॉस्फेटिक उर्वरक उपलब्ध कराया गया है, माह नवम्बर में 45 हजार मै0टन फॉस्फेटिक उर्वरक और उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। वर्मा आज विभागीय समीक्षा बैठक अपने सरकारी आवास पर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रबी अभियान वर्ष 2021-22 में यूरिया लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सम्बन्धित अधिकारी पारदर्शी वितरण हेतु सतत् क्षेत्र भ्रमण करते रहे जिससे किसानों को यूरिया आसानी से उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि उर्वरक की कालाबाजारी एवं ओवररेटिंग आदि की शिकायतें प्राप्त होने पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये, साथ ही सीमावर्ती जनपदों से यदि कहीं उर्वरक प्रदेश के बाहर जाते हुए पाई जाए तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाए। वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत धान क्रय एवं रबी अभियान में उर्वरकों की उपलब्धता के सम्बन्ध में कहा कि सहकारी संस्थाओं यथा पी0सी0एफ0/पी0सी0यू0/यू0पी0एस0एस0 के 2554 केन्द्रों पर धान क्रय प्रगति पर है, क्रमिक खरीद 541172.00 मै0टन की जा चुकी है, कृषकों को 540 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। कृषकों को 72 घण्टे से भीतर भुगतान सुनिश्चित कराने का निर्देश दिये हैं। धान क्रय केन्द्र पर कृषकों को अपना धान बेचेने में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होंने वरिष्ठ नोडल अधिकारी जिनकों मण्डल आवंटित किये गये है, वे धान क्रय केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करें और धान क्रय में तेजी लाए तथा लक्ष्य के सापेक्ष खरीद सुनिश्चित की जाये। धान मिलों से सी0एम0आर0 भी समय से प्राप्त किया जाय ताकि संस्थाओं यथा पी0सी0एफ0/पी0सी0यू0/यू0पी0एस0एस0 को आर्थिक क्षति न हों।
अबतक 8.80 लाख मीट्रिक टन की गयी धान की खरीद
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे धान की खरीद करते हुए खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में अब तक विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, 880269.18 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया है। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार आज 50821.70 मीट्रिक टन खरीद हुई है। इस योजना से अब तक 127423 किसान लाभान्वित हुए हैं और करीब 973.833 करोड़ रूपये का भुगतान उनके खातों में किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा इस खरीफ क्रय वर्ष के तहत 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
1293 महिला अभ्यर्थियों द्वारा रोजगार मेले में प्रतिभाग किया गया
आज कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उ0प्र0 के द्वारा विभिन्न व्यवसायों से आई0टी0आई0 उत्तीर्ण महिला अभ्यर्थियों के लिये हिन्दुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड, सुमेरपुर, हमीरपुर, उ0प्र0 कम्पनी के द्वारा जनपद स्तरीय महिला रोजगार मेले का आयोजन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। जिसका उद्घाटन प्रवीन कुमार त्यागी, उपनिदेशक, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार, हरिकेश चौरसिया (आई0ए0एस0), निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, उ0प्र0, लखनऊ, नीरज कुमार, अपर निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, एस0सी0 तिवारी, संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण/शिशिक्षु) लखनऊ मण्डल, नोडल प्रधानाचार्य आर0एन0 त्रिपाठी, सबीना बानो, फॉउण्डर एण्ड सी0ई0ओ0, राईट वॉक् फाउण्डेशन एवं आसमां हुसैन, फॉउण्डर, आसमां हुसैन, निजी आई0टी0आई0, लखनऊ द्वारा किया गया। 1293 महिला अभ्यर्थियों द्वारा रोजगार मेले में प्रतिभाग किया गया। जिसमें 400 प्रशिक्षणार्थियों का चयन कम्पनी द्वारा किया गया। निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन उ0प्र0 हरिकेश चौरसिया ने महिला अभ्यर्थियों को महिला सशक्तिकरण के बारे में विस्तार से बताया तथा समाज की मुख्य धारा में महिलाओं के योगदान के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रवीन कुमार त्यागी, उपनिदेशक, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार ने स्ट्राइव योजना में महिलाओं की भागीदारी तथा स्ट्राइव योजना से आई0टी0आई0 के उच्चीकरण की प्रशंसा की तथा महिलाओं को अधिक से अधिक लाभ पहॅुचाने के लिए प्रोत्साहित किया। एस0सी0 तिवारी, संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण/शिशिक्षु) लखनऊ मण्डल, ने महिला रोजगार मेले के आयोजन के लिए प्रधानाचार्य आर0एन0 त्रिपाठी एवं कार्यदेशक/प्लेसमेन्ट प्रभारी, एम0 ए0 खाँ की प्रशन्सा की तथा आगे और महिला विशेष रोजगार मेलों के आयोजन के लिये निर्देश दिये। नोडल प्रधानाचार्य आर0एन0 त्रिपाठी द्वारा एम0ए0 खाँ, कार्यदेशक/प्लेसमेन्ट प्रभारी एवं उनकी पूरी टीम को रोजगार मेला आयोजित कराने विशेषकर महिला विशेष रोजगार के सफल सम्पादन के लिये उनकी सराहना की गयी। संस्थान के प्लेसमेन्ट प्रभारी एम0ए0 खाँ ने सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
उच्चतम न्यायालय में दाखिल मामले में आदेश के अनुपालन हेतु 18 लाख 61 हजार 355 रूपए की धनराशि स्वीकृत
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत मा0 उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में दाखिल विशेष अनुज्ञा उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य बनाम मे0 आशीष कन्स्ट्रक्शन के मामले में मा0 उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के आदेश 19 जुलाई, 2021 के आदेश के आलोक में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 18 लाख 61 हजार 355 रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। इस सम्बंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा 17 नवम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि इस धनराशि का भुगतान किये जाने के पूर्व गणनाचक्र की शुद्धता की जांच प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग द्वारा अनिवार्य रूप से की जायेगी। गलत/त्रुटिपूर्ण भुगतान के लिए सम्बंधित अधिकारीगण व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में योजित याचिका जवाहिर व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व दो अन्य मामले में पारित निर्णय के अनुपालन में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 07 लाख 42 हजार 652 रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है।इस सम्बंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा 17 नवम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि इस धनराशि का भुगतान किये जाने के पूर्व पुनः एक बार भूमि के स्वामित्व के अभिलेखों एवं तत्सम्बंधी गणनाचक्र का प्रवर्त्त नियमों के आलोक में भलीभांति परीक्षण एवं समाधान कर लेने के पश्चात ही सही भू-स्वामी को भुगतान किया जाए। किसी गलत भू-स्वामी को किये गये भुगतान के लिए अथवा एक ही भू-स्वामी को उसी भूमि के लिए एक से अधिक बार नियमों के विरूद्ध भुगतान करने पर यह एक वित्तीय अनियमितता होगी, जिसके कारित होने पर सम्बंधित समस्त अधिकारी/अभियंतागण/कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे।
राज्य परिवहन प्राधिकरण ने परमिट स्वीकृत करने की समस्त कार्यवाही को ऑनलाइन किया
राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा परमिट स्वीकृत करने की समस्त कार्यवाही को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब आवेदक परमिट हेतु वाहन 4.0 साफ्टवेयर पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह जानकारी सचिव, राज्य परिवहन प्राधिकरण, उ0प्र0 सु ममता शर्मा ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में उत्तर प्रदेश के लिए निर्गत होने वाले ठेका गाड़ी परमिट एवं सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिए निर्गत होने वाले पर्यटक परमिटों से संबंधित कार्य हेतु आवेदकों को कार्यालय में उपस्थित होना आवश्यक था, अब इस निवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त आज से कार्यालय द्वारा आवेदकों के वाहन विवरण पर अंकित पते पर भी परमिट की प्रति डाक से भेजी जायेगी।
6 जनपद न्यायालयों के जिला जज/अपर जिला जज के न्यायालय कक्षों में एयर कन्डीशनर की स्थापना हेतु 990.42 लाख रुपये स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार के 06 जनपद न्यायालय बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, अलीगढ़ एवं प्रतापगढ़ के जिला जज/अपर जिला जज के न्यायालय कक्षों में एयर कन्डीशनर की स्थापना हेतु 990.42 लाख रुपये (नौ करोड़ नब्बे लाख बयालीस हजार) की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि एयर कंडीशनर की स्थापना सुसंगत नियमों/शासनादेशों/निर्देशों के अनुरूप समस्त औपचारिकताओं की पूर्ति करके नियमानुसार सक्षम स्तर पर अनुमोदन प्राप्त करते हुए किया जाएगा।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की जागरूकता के परिणाम स्वरूप बालिकाओं के लिंगानुपात में हुई बढ़ोत्तरी
बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ योजना भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत प्रायोजित योजना है। इस योजना का संचालन प्रदेश में प्रत्येक स्तर पर जिलाधिकारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित बैंक खाते के माध्यम से किया जाता है। योजना का उद्देश्य गिरते हुए लिंगानुपात में सुधार करना, बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देना तथा बालिका के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करना है। योजना के अन्तर्गत विभिन्न माध्यमों यथा-नाटक/नुक्कड, बैनर, पोस्ट वॉल राइटिंग, जनसभा, रेडियों जिंगल, विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं, कार्यशालाओं आदि समारोहों का आयोजन कर जनमानस में जन जागरूकता फैलाई जा रही है। यह योजना प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित हैै। इस योजना के अन्तर्गत आच्छादित जनपदों द्वारा उपलब्ध धनराशि के सापेक्ष क्रियान्वयन करते हुए व्यय किये गये है। वित्तीय वर्ष 2018-19 से योजना के लिए धनराशि भारत सरकार द्वारा सीधे जिलाधिकारी को स्वीकृत की जाती है। जिलाधिकारी द्वारा उपयोग प्रमाण पत्र भारत सरकार को सीधे प्रेषित किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में योजना में रू0 1798.00 लाख के सापेक्ष रू0 970.00 लाख का व्यय किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में रू0 1396.00 लाख के सापेक्ष रू0 1011.00 लाख का व्यय किया गया। जनसामान्य की मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 96.95 लाख महिलाओं/बालिकाओं से सम्पर्क कर उन्हें जागरूक किया गया तथा वर्ष 2020-21 में कुल 1.96 लाख गतिविधियों के माध्यम से 73.60 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया है। चालू वर्ष में भी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लाखों महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश में संचालित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तीकरण पर विशेष बल दिया जिसके परिणाम अब दिखने लगे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वाबलम्बन के लिए चलाये गये ’’मिशन शक्ति’’ के अन्तर्गत करोड़ो बालिकाओं, महिलाओं सहित अन्य लोगों तक पहुॅच बनाते हुए जन जागृति लाई गई। प्रदेश सरकार की परिवार नियोजन जन जागरूकता कार्यक्रमों, भ्रूण हत्या पर रोक, महिलाओं पुरूषों व आमजन की सोच में सकारात्मक दृष्टिकोण लाने का ही परिणाम है कि प्रदेश में लिंगानुपात जो वर्ष 2015-16 में 1000 बालकों पर 995 बालिकायें थी, वहीं वर्तमान सरकार के विशेष प्रयासों से लिंगानुपात 1000 बालकों पर 1017 बालिकायें हो गई हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आये हैं कि सरकार द्वारा गम्भीरता से लागू की गई स्वास्थ्य सेवाओं के कारण प्रजनन दर में भी गिरावट आई है। आज प्रदेश में बेटियों को हर क्षेत्र में सुविधाये दी जा रही है। बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक सोच के कारण ही वे हर तरह की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और आगे बढ़ रही हैं।