By नीरज कुमार दुबे | Jul 05, 2023
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर चाचा शरद पवार का हक बना रहेगा या भतीजे अजित पवार पार्टी के नये मुखिया होंगे, इसका फैसला आज लगभग हो जाने के आसार हैं क्योंकि दोनों ही गुटों ने सभी वर्तमान तथा पूर्व विधायकों, सांसदों, कार्य समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई है जिसके लिए नेताओं के पहुँचने का दौर भी शुरू हो गया है। शरद पवार ने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर मुंबई में एक महत्वपूर्ण बैठक में उपस्थित रहने को कहा है, जबकि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी समूह ने भी अलग से एक बैठक बुलाई है। शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के मुख्य सचेतक जितेन्द्र आव्हाड ने एक पंक्ति वाले इस व्हिप में कहा कि पवार ने पांच जुलाई को वाईबी चव्हाण सेंटर में अपराह्न एक बजे बैठक बुलाई है और सभी विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य है। वहीं अजित पवार के समूह द्वारा नियुक्त महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे द्वारा उपनगरीय बांद्रा में एमईटी संस्थान परिसर में बुलाई बैठक में सभी को शामिल होने के लिए कहा गया है। यह नोटिस शिवाजीराव गर्जे द्वारा जारी किया गया है। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में राकांपा के 53 विधायक हैं।
छगन भुजबल का बड़ा दावा
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने कहा है कि पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा है कि यह कहना गलत है कि हमने हस्ताक्षर करने के लिए किसी पर दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि लोग खुले मन से हमारा साथ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो-चार को छोड़ दें तो एनसीपी के सभी विधायक हमारे साथ हैं।
राज ठाकरे की सोच
इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने दावा किया है कि राज्य के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को खुद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार का आशीर्वाद हासिल हो सकता है। राज ठाकरे महाराष्ट्र में अजित पवार सहित राकांपा के नौ विधायकों के एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने के बारे में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “राज्य में जो हुआ वह बेहद घृणित है... यह महाराष्ट्र के मतदाताओं के अपमान के अलावा और कुछ नहीं है।” मनसे प्रमुख ने कहा, “महाराष्ट्र में इन सब चीजों की शुरुआत शरद पवार ने की। उन्होंने पहली बार 1978 में ‘पुलोद’ (पुरोगामी लोकशाही दल) सरकार का प्रयोग किया था। महाराष्ट्र ने पहले कभी ऐसे राजनीतिक परिदृश्य नहीं देखे थे। ये सारी चीजों पवार से शुरू हुईं और पवार पर ही खत्म हो गईं।” उन्होंने दावा किया कि हालिया घटनाक्रम के पीछे खुद शरद पवार हो सकते हैं। राज ठाकरे ने कहा, “प्रफुल्ल पटेल, दिलीप वाल्से-पाटिल और छगन भुजबल उनमें से नहीं हैं, जो (अपने दम पर और शरद पवार के आशीर्वाद के बिना) अजित पवार के साथ जाएंगे।”
एकनाथ शिंदे खेमे की हलचल
दूसरी ओर, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की कोर समिति ने अजित पवार सहित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नौ विधायकों के प्रदेश सरकार में शामिल होने के बाद राज्य में उपजे राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए मंगलवार रात एक बैठक की। पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि यह बैठक स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के आधिकारिक आवास पर हुई। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मौजूदा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री शिंदे सहित शिवसेना के दस मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में भाजपा के भी इतने ही मंत्री शामिल हैं। राकांपा के नौ विधायकों के सरकार का हिस्सा बनने से मंत्रियों की कुल संख्या बढ़कर 29 हो गई है, जबकि संवैधानिक सीमा के अनुसार राज्य में कुल 43 मंत्री हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि शिवसेना की बैठक में चर्चा इस अटकल के इर्द-गिर्द घूमती रही कि अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा नेताओं को सरकार में शामिल करके भाजपा शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को यह संदेश देना चाहती है कि वह उसके बिना भी जा सकती है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई। आज भी शिंदे ने अपने आवास पर पार्टी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बारे में शिंदे गुट के विधायक संजय सिरसत ने कहा है कि पार्टी में जो नाराजगी उपज रही है उस पर शिंदे को ध्यान देना चाहिए।