By नीरज कुमार दुबे | Jul 10, 2020
उत्तर प्रदेश में शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक के लिए लॉकडाउन लग गया। इसी प्रकार कई अन्य राज्यों में भी लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाये गये हैं। उधर अगर दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा की बात करें तो वहां से ताजा खबर यह है कि शुक्रवार को कोरोना वायरस के तीन और मरीजों की मौत हो गई, जिससे राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 290 हो गई, जबकि संक्रमण के 565 नये मामले सामने आने से राज्य में संक्रमितों की संख्या 19,934 तक पहुंच गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के दैनिक बुलेटिन में कहा गया कि शुक्रवार को रोहतक, अंबाला और फतेहाबाद जिलों में एक-एक मौत हुई। बुलेटिन के अनुसार, फरीदाबाद में शुक्रवार को कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया, हालांकि, गुड़गांव में 111 नए मामले सामने आए हैं। गुड़गांव और फरीदाबाद में कुल मिलाकर 11,686 मामले और 201 मौतें हुई हैं। 14,904 मरीजों के ठीक होने के बाद राज्य में अब उपचाराधीन रोगियों की संख्या 4,740 रह गई है। बुलेटिन में कहा गया कि शुक्रवार को राज्य में मरीजों के ठीक होने की दर 74.77 प्रतिशत है।
कोरोना टीका अगले साल तक ही संभव होने की संभावना
एक संसदीय समिति को शुक्रवार को सूचित किया गया कि कोविड-19 के लिए टीका के अगले वर्ष की शुरुआत तक विकसित होने की उम्मीद है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव-प्रौद्योगिकी विभाग और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने कोविड-19 के लिए केंद्र की तैयारियों के बारे में समिति को प्रस्तुतियां दीं। ये प्रस्तुतियां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन संबंधी स्थायी संसदीय समिति के समक्ष दी गयीं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश समिति के अध्यक्ष हैं। रमेश और छह अन्य सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।सूत्रों ने कहा कि पैनल को बताया गया कि कोविड-19 के लिए कोई टीका अगले साल की शुरुआत तक ही उपलब्ध हो सकता है। कोविड-19 के कारण 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद यह समिति की पहली बैठक थी। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसदीय समिति की बैठकें फिर शुरू होने पर खुशी जतायी। नायडू ने कहा कि संसदीय समिति की बैठकों के फिर से शुरू होने में देरी नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण हुयी। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि 23 मार्च को संसद की आखिरी बैठक के साढ़े तीन महीने बाद विभागों से संबंधित स्थायी संसदीय समितियों ने कामकाज फिर से शुरू कर दिया है।" उन्होंने कहा कि हर कोई इन समितियों द्वारा काम फिर से शुरू किए जाने को लेकर उत्सुक था, "लेकिन देरी हमारे नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण हुयी।’’ नायडू ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने संसद की ओर से काम करने वाली इन समितियों के कामकाज को प्रभावित किया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि समिति की बैठकों के लिए सामाजिक दूरी का पालन, मास्क पहनने जैसे सभी संभव उपाय किए गए थे। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ये समितियां अब संबंधित क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर गौर करेगी।’’ रमेश ने डिजिटल बैठकों के आयोजन के लिए नायडू से अनुरोध करते हुए एक ट्वीट में कहा, "मैं अब भी आपसे अनुरोध करूंगा कि डिजिटल बैठकों की अनुमति दी जाए क्योंकि कम से कम अगले महीने तक संसद की बैठक होने की संभावना नहीं है।’’ विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति की बैठक में सदस्यों ने कोविड-19 संबंधी सरकार की तैयारियों और इससे निपटने के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की। सूत्रों के अनुसार बैठक में उपस्थित सदस्यों ने भी डिजिटल विचार-विमर्श का अनुरोध किया। रमेश ने ट्वीट किया और कहा कि बैठक जानकारीपूर्ण और उपयोगी रही। हालांकि उन्होंने अफसोस जताया कि हमें डिजिटल बैठकें करने की अनुमति नहीं है। ऐसा होने पर अधिक सांसद भाग ले सकते थे। गृह मामलों की स्थायी संसदीय समिति की बैठक 15 जुलाई को होने वाली है। समिति के सदस्य डिजिटल बैठकों की मांग कर रहे हैं लेकिन लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति ने कहा है कि इसके लिए संसद की नियम समिति द्वारा नियमों में बदलाव और संसद से मंजूरी की आवश्यकता है।
नोटिस सम्मन के लिए मैसेजिंग ऐप के उपयोग की अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मौजूदा कोविड-19 के हालात को देखते हुए न्यायिक कार्यवाही में प्रौद्योगिकी का और अधिक उपयोग करने का फैसला किया और निर्देश दिया कि अब अदालत के सम्मन तथा नोटिस लोगों को ‘ईमेल, फैक्स और वॉट्सऐप जैसे एप्लीकेशन’ के माध्यम से भेजे जा सकते हैं। शीर्ष अदालत ने इससे पहले वकीलों और वादियों को लॉकडाउन के दौरान आ रही मुश्किलों का स्वत: संज्ञान लिया था और मध्यस्थता कार्यवाही शुरू करने तथा चैक बाउंस होने के मामलों के लिए कानून के तहत निर्दिष्ट समयसीमा की अवधि 15 मार्च से अगले आदेश तक बढ़ाने का फैसला किया था। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी तथा न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की याचिका पर आदेश जारी किया। पीठ ने कहा ‘‘नोटिस और सम्मन जारी करने में देखा गया है कि लॉकडाउन के दौरान डाकघरों में जाना संभव नहीं है। हम निर्देश देते हैं कि इस तरह की सेवाएं ईमेल, फैक्स या इन्स्टेंट मैसेंजर सर्विस के माध्यम से की जा सकती हैं।’’ हालांकि पीठ ने आदेश में ‘वॉट्सऐप’ का नाम नहीं लिया। पीठ ने ‘जिरोक्स’ का उदाहरण दिया और कहा कि कंपनी के नाम का इस्तेमाल ‘फोटो स्टेट’ के लिए किया जाता रहा है। शीर्ष अदालत ने वेणुगोपाल की इन आशंकाओं का निराकरण किया कि वह वॉट्सऐप से सम्मन और नोटिस भेजने में सहज महसूस नहीं करते।
राजस्थान में संक्रमण से छह और मौत
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से शुक्रवार को छह और लोगों की मौत हो गई जिससे राज्य में संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 497 हो गई है। इसके साथ ही राज्य में 611 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 23,174 हो गयी जिनमें से 5057 रोगियों का उपचार चल रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को बीकानेर में तीन, अजमेर, भरतपुर व सवाई माधोपुर में एक- एक और संक्रमित व्यक्ति की मौत हो गई। इससे राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 497 हो गई है। केवल जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 170 हो गयी है, जबकि जोधपुर में 65, भरतपुर में 41, कोटा में 26, अजमेर में 23, बीकानेर में 21, नागौर—पाली में 15—15 और धौलपुर में 11 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। अन्य राज्यों के 31 रोगियों की भी यहां मौत हुई है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे तक राज्य में संक्रमण के 611 नये मामले सामने आये। इनमें अलवर में 126, जोधपुर में 114, पाली में 71, बाड़मेर में 49, जयपुर में 46, अजमेर में 36, बीकानेर में 35, भरतपुर में 25, चुरू में 15, हनुमानगढ़ में 13 और नागौर में 12 नये मामले शामिल हैं। राज्यभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कई थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा
कांग्रेस ने हैंड सैनिटाइजर और फेस मास्क को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर निकालने के फैसले को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई खत्म हो गई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘अगर 16 जून को हैंड सैनिटाइजर आवश्यक वस्तु था तो फिर 15 दिनों में क्या बदल गया? सरकार क्यों चाहती है कि लोगों से ज्यादा कीमत वसूली जाए? कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए जरूरी वस्तुओं के मूल्य की सीमा क्यों नहीं है?’’ सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, ''क्या कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई खत्म हो गई है?’’ गौरतलब है कि फेस माक्स और हैंड सैनिटाइजर को अब आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के दायरे से बाहर कर दिया गया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब देश में चेहरा ढकने के मास्क और सैनिटाइजर की आपूर्ति पर्याप्त हैं, ये अब आवश्यक उत्पाद नहीं रह गए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 13 मार्च को फेस मास्क और सैनिटाइजर को 100 दिन के लिए आवश्यक वस्तु घोषित किया था। उस समय कोरोना वायरस महामारी की वजह से इन उत्पादों की मांग में जोरदार इजाफा हुआ था। इन उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने तथा जमाखोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।
दिल्ली में कोविड-19 के 2,089 नये मामले
दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,089 नये मामले सामने आए, जिससे महानगर में ऐसे मामलों की संख्या 1.09 लाख से अधिक हो गयी, जबकि मरने वालों की संख्या 3,300 पहुंच गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया कि पिछले 24 घंटों में 42 लोगों की मौत हुई है। 23 जून को राष्ट्रीय राजधानी में अब तक के सर्वाधिक 3,947 मामले आये थे। दिल्ली में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को 3,258 थी। शुक्रवार को जारी बुलेटिन में कहा गया कि कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,300 और कुल मामलों की संख्या 1,09,140 हो गई है।
महाराष्ट्र में कोविड-19 के रिकॉर्ड 7,862 नये मामले
महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस के अब तक के सर्वाधिक 7,862 नए मामले सामने आये, जिससे राज्य में संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 2,38,461 हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि संक्रमण के कारण 226 और रोगियों की मौत होने के साथ राज्य में मृतकों की संख्या 9,893 तक पहुंच गयी। विभाग ने एक बयान में कहा कि दिनभर में 5,366 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। इसके साथ ही इसने राज्य में ठीक हुए लोगों की संख्या 1,32,625 तक पहुंच गई। बयान में कहा गया कि अब तक 12,53,978 लोगों की जांच की गई है। वर्तमान में राज्य में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 95,943 है।
पंजाब सरकार ने बारहवीं की लंबित परीक्षाएं रद्द कीं
कोविड-19 संकट के बीच सरकार ने शुक्रवार को अनेक कक्षाओं की सभी लंबित परीक्षाएं रद्द कर दीं जो पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) द्वारा 15 जुलाई के बाद आयोजित की जानी थीं। पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने कहा कि राज्य सरकार ने कक्षा बारहवीं की, मुक्त विद्यालय की तथा अन्य कई श्रेणियों में होने वाली सभी परीक्षाओं को निरस्त करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण मुश्किल भरे हालात को देखते हुए यह फैसला किया गया है। मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग के लिए इन चुनौतीपूर्ण हालात में निकट भविष्य में परीक्षा कराना संभव नहीं होगा।
गुजरात में मामले बढ़कर 40 हजार से अधिक
गुजरात में शुक्रवार को कोविड-19 के एक दिन में सबसे अधिक 875 नये मामले सामने आये जिससे राज्य में इसके कुल मामले बढ़कर 40 हजार से अधिक हो गए। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य में कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 40,155 हो गए हैं। राज्य में बृहस्पतिवार शाम से कोविड-19 के 14 मरीजों की मौत हो गई है जिससे राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 2,024 हो गई है। इसमें कहा गया है कि 441 मरीजों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी गई जिससे ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 28,183 हो गई। विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में उपाचारधीन मामले 9,948 हैं और अभी तक कुल 4,49,349 जांच हुई हैं। वहीं अहमदाबाद में आज कोविड-19 के 165 नये मामले सामने आये जिससे जिले में इसके कुल मामले बढ़कर 22,845 हो गए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन 165 नये मामलों में से 153 मामले अहमदाबाद शहर में जबकि 12 मामले जिले के अन्य क्षेत्रों से सामने आये हैं। इसमें कहा गया है कि पिछले 24 घंटे में पांच और मरीजों की मौत हो गई जिससे जिले में मृतक संख्या बढ़कर 1,511 हो गई। दिन में कुल 161 मरीजों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी गई।
अल्पकालिक ‘कोरोना कवच पालिसी’
कई बीमा कंपनियों ने शुक्रवार को कोविड-19 इलाज के खर्च को ‘कवर’ करने को लेकर अल्पावधि के लिये कोरोना कवच स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पेश की हैं। बीमा नियामक इरडा की समयसीमा का पालन करते हुए बीमा कंपनियों ने यह कदम उठाया है। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से 10 जुलाई तक कोरोना कवच स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पेश करने को कहा था। देश में कोविड-19 संक्रमित मामलों की संख्या करीब 8 लाख तक पहुंच गयी है और संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के दिशानिर्देश के अनुसार अल्पावधि के लिये पॉलिसी साढे तीन महीने, साढे छह महीने और साढे नौ महीने के लिये हो सकती है। इसमें बीमा राशि 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक (50,000 रुपये के गुणक में) है। नियामक के अनुसार प्रीमयम भुगतान एक बार करना होगा और पूरे देश में प्रीमियम राशि समान होगी। कोरोना कवच पॉलिसी की शुरूआत करते हुए एचडीएफसी एरगो ने कहा कि नई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत सरकारी मान्यता प्राप्त जांच घर में जांच के बाद कोरोना संक्रमण का मामला पाया जाता है तो उसके इलाज में अस्पताल में भर्ती होने का चिकित्सा खर्च का वहन किया जाएगा। कंपनी के अनुसार मरीज को अगर कोविड-19 के साथ अन्य बीमारी है तो वायरस संक्रमण के साथ उस पर होने वाले इलाज का खर्च भी इसके दायरे में आएगा। इसमें वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर रोड एम्बुलेंस का खर्च भी दायरे में आएगा। एचडीएफसी एरगो के अनुसार पॉलिसी में घरों में 14 दिन के देखभाल का खर्च भी शामिल है। यह उन लोगों के लिये होगा जो अपने घर में ही इलाज को तरजीह देते हैं। इसके अलावा आयुर्वेद, होम्योपैथ समेत दूसरे इलाज के विकल्प में पॉलिसी के दायरे में आएंगे। बजाज एलियांज जनरल इंश्योंरेस ने भी इस प्रकार की बीमा पॉलिसी पेश की है। कंपनी ने मूलभूत बीमा कवर के लिये प्रीमियम 447 रुपये से लेकर 5,630 रुपये तय की है। इस पर जीएसटी अलग से लगेगा। बीमा प्रीमियम व्यक्ति की उम्र, बीमा राशि और अवधि पर निर्भर है। मैक्स बुपा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णन रामचंद्रन ने कहा कि मैक्स बुपा का कोरोना पालिसी का प्रीमियम प्रतिस्पर्धी है। 31 से 55 साल के व्यक्ति के लिये 2.5 लाख रुपये की पॉलिसी का प्रीमियम 2,200 रुपये है। इसी उम्र के दो वयस्कों और दो बच्चों के लिये प्रीमयिम 4,700 रुपये है।’’ आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस भी कोरोना कवच पॉलिसी ला रही है।
पंजाब में चार और लोगों की मौत
पंजाब में शुक्रवार को कोविड-19 के कारण चार और मरीजों की मौत हो जाने से मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 187 हो गयी। वहीं संक्रमण के 217 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या 7,357 हो गयी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, अमृतसर, जालंधर, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली में मरीजों की मौत हुई है। बुलेटिन के अनुसार जालंधर में 61 नए मामले सामने आए जबकि लुधियाना में 41, पटियाला और मोहाली में 22-22, अमृतसर में 16, संगरूर में 13, गुरदासपुर में आठ, बठिंडा और एसबीएस नगर में पांच-पांच, फिरोजपुर और पठानकोट में चार-चार मामले सामने आए हैं। संक्रमण से उबरने के बाद शुक्रवार को 72 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गयी। अब तक कुल 5,017 मरीज संक्रमण से उबर चुके हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में अभी 2,153 लोग घातक वायरस से संक्रमित हैं। बुलेटिन के अनुसार 1,287 मामलों के साथ लुधियाना शीर्ष पर है। इसके बाद जालंधर में 1,110, अमृतसर में 1,021, संगरूर में 622, पटियाला में 508, मोहाली में 356, गुरदासपुर में 286 मामले सामने आए हैं।
पुणे और ठाणे में लॉकडाउन, नांदेड में कर्फ्यू
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए महाराष्ट्र के पुणे, पिंपड़ी-चिंचवाड और जिले के कुछ अन्य हिस्सों में 13 जुलाई से दस दिनों का लॉकडाउन लगाया जाएगा जबकि ठाणे में चल रहा लॉकडाउन 19 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है एवं नांदेड़ में 12 से 20 जुलाई तक कर्फ्यू लगाया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि पुणे, पिंपड़ी-चिंचवाड और जिले के कुछ अन्य हिस्सों में 13 जुलाई की आधीरात को लॉकडाउन प्रभाव में आएगा जो 23 जुलाई तक चलेगा। पुणे जिले में बृहस्पतिवार को 1803 नये मरीजों के सामने आने से कोविड-19 संक्रमण के मामले 34,399 हो गये जबकि अबतक 978 लोगों की जान चली गयी। अधिकारी के अनुसार उपमुख्यमंत्री और जिला संरक्षक मंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लॉकडान लगाने का निर्णय लिया गया। संभागीय आयुक्त (पुणे संभाग) दीपक म्हेसेकर ने कहा कि 13-18 जुलाई के दौरान लॉकडाउन सख्त होगा और केवल दूध, दवा की दुकानें एवं क्लीनिक को खुलने की इजाजत होगी। जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने कहा कि इस वायरस की श्रृंखला को तोड़ने के लिए लॉकडान का निर्णय लिया गया है। ठाणे से प्राप्त समाचार के अनुसार ठाणे नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त गणेश देशमुख ने शहर में लॉकडाउन को 19 जुलाई तक बढ़ाने का आदेश जारी किया। शहर में दो जुलाई को दस दिनों के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था जिसके तहत ज्यादातर दुकानें बंद हैं तथा जरूरी चीजें घरों पर ही पहुंचा दी जा रही हैं। बृहस्पतिवार को ठाणे में कोविड के कुल मामले 12,053 हो गये जबकि जिले में कुल 48,856 तक पहुंच गये। उधर, नांदेड़ जिले में 12 जुलाई से 20 जुलाई तक कर्फ्यू लगा रहेगा । एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी। जिला प्रशासन के दिशानिर्देश के मुताबिक कर्फ्यू के दौरान दवा दुकानें और सरकारी कार्यालय सामान्य रूप से खुले रहेंगे जबकि राशन की दुकानें, सब्जियों की दुकानें, दूध की दुकानें और रसोई गैस की दुकानें निर्धारित अविध के दौरान ही खुलेंगी। जिले में शुक्रवार सुबह तक कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 558 हो गये।
महाराष्ट्र सरकार बड़े पैमाने पर एंटी वायरल दवाएं खरीदेगी
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एंटी वायरल दवाओं रेमडेसिविर और टॉसिलिज्यूमैब की कमी की शिकायतों के बीच शुक्रवार को कहा कि सरकार 'बड़े पैमाने' पर इन दवाओं को खरीदकर यह सुनिश्चित करेगी कि ये दवाएं 'जल्द ही' पूरे राज्य में जरूरतमंद लोगों के लिये उपलब्ध रहें। देशमुख ने यह भी कहा कि सरकार कोविड-19 महामारी के रोगियों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं इन दवाओं की काला बाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने यहां खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री राजेन्द्र शिंगणे से मुलाकात के बाद यह बात कही। कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिये अभी कोई टीका विकसित नहीं किया जा सका है। देशमुख ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि महाराष्ट्र और इससे बाहर इन दवाओं की भारी मांग है। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार बड़े पैमाने पर रेमडिसिविर और टॉसिलिज्यूमैब खरीदने जा रही है। राज्य सरकार ने इन्हें खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये दवाएं पूरे राज्य में जरूरतमंद लोगों के लिये उपलब्ध रहें।' उन्होंने कहा कि इनकी कालाबाजारी की घटनाओं पर पुलिस विभाग और खाद्य एवं औषधि प्रशासन संयुक्त रूप से कड़ी कार्रवाई करेंगे।
तमिलनाडु में 3,680 नये मामले सामने आये
तमिलनाडु में शुक्रवार को कोविड-19 के 3,680 नये मामले सामने आये जिससे राज्य में इसके कुल मामले बढ़कर 1,30,261 हो गए। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को दी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया है कि 64 और मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,829 हो गई। ठीक होने वालों मरीजों की संख्या में आज बढ़ोतरी देखी गई क्योंकि 4,163 मरीजों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी गई। इसके साथ ही अभी तक ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 82,324 हो गई। बुलेटिन में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति के अनुसार उपचाराधीन मामलों की संख्या 46,105 है। शुक्रवार को कुल 37,309 नमूनों की राज्य में 101 जांच इकाइयों में कोविड-19 के लिए जांच की गई। इसके साथ ही आज तब जांच हुए नमूनों की संख्या बढ़कर 15,29,092 हो गई है। चेन्नई में कोविड-19 के सामने आने वाले मामलों की संख्या में कमी का रुख जारी है क्योंकि वहां 1,205 नये मामले सामने आये।
उत्तराखंड में 68 नए मामले
उत्तराखंड में शुक्रवार को कोविड—19 के 68 नए मामले सामने आने से महामारी से पीड़ितों की कुल संख्या 3373 हो गयी। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित मिले ताजा मामलों में सर्वाधिक 41 मरीज उधमसिंह नगर जिले के हैं जबकि 11 देहरादून जिले के, सात हरिद्वार, चार नैनीताल, दो चंपावत और एक—एक पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी जिले के हैं। बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में शुक्रवार को 34 और मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गए । अब तक कुल 2706 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से छुट्टी पा चुके हैं और उपचार करा रहे मरीजों की संख्या 592 है। प्रदेश में कोविड- 19 से पीड़ित 46 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 29 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं।
पश्चिम बंगाल में 26 और लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 1,198 मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 27,109 हो गई। इसके अलावा 26 और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 880 पर पहुंच गई है। राज्य के स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि कोलकाता में 13, उत्तरी 24 परगना में छह, हावड़ा में चार और हुगली, मालदा, पूर्वी मेदिनीपुर जिले में एक-एक रोगी की मौत हुई है। राज्य में बृहस्पतिवार से अबतक 522 लोग ठीक हो चुके हैं।
हिमाचल में स्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं अगस्त में होंगी
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने कोरोना वायरस महामारी के चलते स्थगित की गईं बीए, बीएससी और बीकॉम की अंतिम वर्ष या छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं अगले महीने कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में यह फैसला किया गया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि विश्वविद्यालयों से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षाएं आयोजित करने को कहा गया है। भारद्वाज ने बताया कि बीए, बीएससी और बीकॉम की अंतिम वर्ष या छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं संभवत: 16 अगस्त के बाद होंगी तथा स्नातोकोत्तर की परीक्षाएं सितंबर में होंगी। उन्होंने कहा कि बीए, बीएससी और बीकॉम के प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं के बारे में बाद में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कक्षा गयारहवीं और बारहवीं तथा बीए, बीएससी और बीकॉम में प्रवेश 13 जुलाई से 25 जुलाई तक होगा। भारद्वाज ने बताया कि राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थान 31 जुलाई तक बंद रहेंगे और उन्हें खोलने का निर्णय सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।
केरल में कोरोना के मामले 7000 के पास पहुंचे
केरल में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 416 नए मामले सामने आए और संक्रमित लोगों की कुल संख्या 7000 के पास पहुंच गयी। यह राज्य में किसी एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले हैं और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने चेतावनी दी कि स्थिति "खतरनाक होती जा रही है।’’ विजयन ने दैनिक कोविड-19 समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि संक्रमित लोगों में से 123 विदेश से और 51 अन्य राज्यों से आए हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमित लोगों की कुल संख्या 6,950 है और अभी कम से कम 3,099 लोगों का इलाज चल रहा है वहीं 3,822 लोग बीमारी से उबर चुके हैं। शुक्रवार को 112 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम निगम सीमा में लगाए गए लॉकडाउन को और एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि को देखते हुए रविवार को राजधानी में बंद लागू करने का फैसला किया था। आंकड़ों के अनुसार तिरुवनंतपुरम में 122 नए मामले सामने आए हैं जबकि अलप्पुझा में 50 और मलप्पुरम में 48 नए मामले सामने आए हैं।
वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
मॉनसून के आगमन के साथ ही देश के बड़े हिस्से में डेंगू फैलने की आशंका के बीच वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मच्छर जनित यह रोग और कोविड-19 के एक जैसे लक्षण हैं। साथ ही इन वैज्ञानिकों ने यह चिंता भी जताई है कि इस दोहरी चुनौती से निपटने में देश का स्वास्थ्य ढांचा सक्षम नहीं होगा। इन दोनों रोगों की अलग-अलग जांच की जरूरत होती है और ये दोनों रोग एक दूसरे को कहीं अधिक जटिल बना देंगे। शुक्रवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के 21,604 नये मामले सामने आने के साथ ही देश में कोविड-19 मामलों की संख्या आठ लाख के नजदीक पहुंच गई है। विषाणुविज्ञानी शाहिद जमील ने 2016-19 के डेटा के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में हर साल डेंगू के करीब एक लाख से लेकर दो लाख मामले सामने आते हैं। नेशनल वेक्टर बोर्न डिजिट कंट्रोल प्रोगाम के मुताबिक, 2019 में जांच में डेंगू के 1,36,422 मामले सामने आये थे और करीब 132 लोगों की मौत हुई थी। लोक परमार्थ संस्था डीबीटी/वेलकम ट्रस्ट इंडिया अलायंस के सीईओ जमील ने कहा, ‘‘यह विषाणु स्थानिक है और दक्षिण भारत में पूरे वर्ष पाया जाता है तथा मॉनसून के दौरान और शीत ऋतु की शुरूआत में उत्तरी भारत में इसकी मौजूदगी पाई जाती है।’’ दोनों रोगों में तेज बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द के लक्षण होते हैं। कोलकाता स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विषाणु विज्ञानी धुव्रज्योति चटोपाध्याय ने चेतावनी दी कि डेंगू का प्रकोप बढ़ने से कोविड-19 संकट गहरा सकता है क्योंकि दोनों वायरस एक दूसरे के लिये सहायक साबित हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति का अब तक अध्ययन नहीं किया गया है। लेकिन दक्षिण अमेरिका से उपलब्ध सूचना खतरनाक स्थिति की ओर संकेत करती है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका प्रभाव बहुत गंभीर होगा। मुख्य लक्षण एक जैसे हैं , ऐसे में एक ही समय पर दोनों संक्रमण होना कहीं अधिक घातक होगा। कमजोर हो चुकी प्रतिरक्षा प्रणाली दूसरे विषाणु को कहीं अधिक घातक बना देगी।’’ सीएसआईआर-आईआईसीबी की विषाणु विज्ञानी उपासना राय ने कहा कि डेंगू का मौसम शुरू होने के बाद संक्रमण तेजी से फैलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हर साल हम डेंगू के प्रकोप के कारण अस्पतालों में मरीजों की भीड़ पाते हैं। इसलिए हमें सोचना होगा कि क्या होगा जब दोनों रोगों से एक साथ निपटना पड़ेगा? दोनों रोगों के एक जैसे लक्षण हैं। क्या हम यह पता लगा पाने के लिये तैयार हैं कि कौन डेंगू का मरीज है और कौन कोविड-19 का।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘कोविड-19 मरीजों की मौजूदा संख्या को देखते हुए क्या हमारे अस्पतालों में डेंगू के रोगियों के लिये बिस्तर उपलब्घ हैं? उन्होंने कहा कि डेंगू का प्रकोप पूरी तरह से शुरू हो जाने से पहले देश में इससे निपटने के लिये सावधानी पूर्वक तैयारी कर लिये जाने की जरूरत है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘डेंगू और कोविड-19, दोनों से निपटने के लिये क्या हमारे पास पर्याप्त संख्या में आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) और सीसीयू (नाजुक देखभाल इकाई) हैं ? क्या पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित कर्मी है?’’ उन्होंने कहा कि आगामी स्थिति से निपटने के लिये स्वास्थ्य सुविधा मजबूत करने एवं अनुसंधान में तेजी लाने की जरूरत है।
कर्नाटक में एक दिन में सर्वाधिक 2,313 नये मामले
कर्नाटक में शुक्रवार को कोविड-19 के सर्वाधिक 2,313 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 33,418 हो गयी है, जबकि राज्य में संक्रमण के कारण 57 और मौत होने से मृतकों की संख्या 543 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। दिन भर में रिकॉर्ड 1,003 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दी गई। शुक्रवार को सामने आए 2,313 नये मामलों में से 1,447 मामले अकेले बेंगलूरु शहर से हैं। ये एक दिन में आये सर्वाधिक मामले हैं। नौ जुलाई को राज्य में 2,228 नये मामले सामने आये थे। स्वास्थ्य विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा कि 10 जुलाई की शाम तक, राज्य में कोविड-19 के कुल 33,418 मामलों की पुष्टि की गई है, जिसमें 543 मौतें शामिल हैं, जबकि 13,836 लोग ठीक हो चुके हैं। बुलेटिन में कहा गया कि अब 19,035 इलाजरत मरीजों में से 18,563 मरीज विभिन्न अस्पतालों में पृथक वार्ड में हैं और उनकी हालत स्थिर है, जबकि 472 मरीज आईसीयू में हैं।
-नीरज कुमार दुबे