Unlock 1 के पहले दिन किसानों, MSME और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए बड़ी राहतों का ऐलान

By नीरज कुमार दुबे | Jun 01, 2020

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आज किये गए फैसले अन्नदाताओं, मजदूरों और श्रमिकों के जीवन में बड़े सकारात्मक बदलाव लायेंगे और रोजगार के अवसर सृजित करेंगे। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ''सरकार के इन निर्णयों से किसानों, रेहड़ी-पटरी वालों और एमएसएमई को जबरदस्त लाभ पहुंचने वाला है।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष की पहली मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''आज मंत्रिमंडल ने कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले लिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए हमने न केवल एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा बदली है, बल्कि इसमें नई जान फूंकने के लिए कई प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। इससे संकटग्रस्त छोटे और मध्यम उद्योगों को लाभ मिलेगा, साथ ही रोजगार के अपार अवसर सृजित होंगे।’’ मोदी ने कहा कि देश में पहली बार सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वालों के रोजगार के लिए लोन की व्यवस्था की है। ‘पीएम स्वनिधि’ योजना से 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे ये लोग कोरोना संकट के समय अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'जय किसान' के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्नदाताओं के हक में बड़े फैसले किए हैं। इनमें खरीफ की 14 फसलों के लिए लागत का कम से कम डेढ़ गुना एमएसपी देना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही 3 लाख रुपये तक के शॉर्ट टर्म लोन चुकाने की अवधि भी बढ़ा दी गई है। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र निर्माण में एमएसएमई की भूमिका को शीघ्र पहचाना । इसलिए एमएसएमई क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया। इसमें कहा गया है कि इस पैकेज के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए न केवल पर्याप्त आवंटन किया गया है, बल्कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के कार्यान्वयन में भी प्राथमिकता दी गई है। कई प्रमुख घोषणाओं से संबंधित कार्यान्वयन पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। बयान के अनुसार, यह भारत में पहली बार हुआ है कि शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के आस-पास सड़क पर माल बेचने वाले विक्रेता शहरी आजीविका कार्यक्रम के लाभार्थी बन गए हैं। वेंडर 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं जिसे वे एक वर्ष में मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। इसमें कहा गया है कि किसानों के कल्याण के लिए व्यापक सुधारों की घोषणा की गई है। ऐसी कई बेड़ियों को तोड़ा गया जिससे किसान बंधा हुआ था ताकि वह अपनी आमदनी में भी व्यापक इज़ाफ़ा कर सके। इसके साथ ही कृषि अवसंरचना में निवेश के कई उपाय प्रस्तावित किए गए। मत्स्यपालन जैसी सहायक कृषि गतिविधियों को भी वित्तीय पैकेज में शामिल किया गया।


एक दिन में बांटा 3,200 करोड़ रुपये का ऋण


सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए बनायी गयी तीन लाख करोड़ रुपये की आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत सोमवार को एक ही दिन में 3,200 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया। यह योजना कोविड-19 संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है। पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की विस्तृत जानकारी दी थी। वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ''एक जून 2020 को एक ही दिन में सरकारी बैंकों ने आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत 3,200 करोड़ रुपये का रेहन-मुक्त ऋण वितरित किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘3000 से ज्यादा दूसरे दर्ज के शहरों में मौजूद एमएसएमई को पहले दिन यह रेहन-मुक्त ऋण दिया गया। इससे उन्हें कर्मचारियों का वेतन देने, किराया देने और अन्य खर्चे पूरा करने में मदद मिलेगी।’’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मई को एमएसएमई क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की इस आकस्मिक ऋण गारंटी योजना को मंजूरी दी थी। इसके लिए 9.25 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर रखी गयी है।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, मंत्री घर पर हुए पृथक


उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद मचे हड़कंप के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा अन्य मंत्री सोमवार को स्वयं घर पर पृथक हो गए तथा कोरोना वायरस की जांच के लिए उनके नमूने भी लिए गये। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तथा राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि एक मंत्री की जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री रावत तथा अन्य मंत्रिगण ने अपने आपको घर पर पृथक कर लिया है। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उनके परिवार तथा स्टॉफ समेत 22 व्यक्तियों की कल रविवार को आयी जांच रिपोर्ट में उनके कोविड-19 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी। इससे दो दिन पहले महाराज शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी शामिल हुए थे। इस बीच, देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्री के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण कैबिनेट बैठक में शामिल हुए सभी लोगों के नमूने लिए गये हैं। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘जिले में राज्य के एक कैबिनेट मंत्री जी की स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट कोरोना वायरस पॉजिटिव आने के बाद उत्तराखण्ड शासन से कैबिनेट बैठक के दिन प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से बैठक में शामिल हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों और कार्मिकों की सूची प्राप्त हुई है जिनमें सभी के नमूने लिये गये हैं।’’ उन्होंने बताया कि बैठक में शामिल लोगों के अन्य व्यक्तियों से मिलने की जानकारी भी प्राप्त की जा रही है जिससे सभी संक्रमित व्यक्तियों को चिन्हित किया जा सके। इससे पहले, प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कहा था कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंत्रिमंडल को पृथक किए जाने की जरूरत नहीं है और वे सामान्य कामकाज कर सकते हैं। नेगी ने कहा, ‘‘कैबिनेट बैठक में माननीय मंत्रिगण व अधिकारी भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के ‘क्लोज कान्टैक्ट’ (निकट सम्पर्क) में न होने के कारण कम जोखिम वाले कान्टैक्ट के अंतर्गत आते हैं। वे अपना कार्य सामान्य रूप से कर सकते हैं और उन्हें पृथक किए जाने की आवश्यकता नहीं है।’’ कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार के निर्धारित दिशानिर्देश की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये व्यक्तियों के संबंध मे प्रावधान है कि कम जोखिम वाले कान्टैक्ट अपना कार्य पहले की तरह कर सकते हैं और 14 दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि हालांकि, अधिक जोखिम वाले कान्टैक्ट (सम्पर्क में आये व्यक्ति) की दशा में 14 दिन के लिए घर पर पृथक किये जाने तथा आईसीएमआर के प्रोटोकोल के अनुसार जांच कराये जाने का प्रावधान है। उधर, देहरादून में डालनवाला क्षेत्र स्थित उनके (सतपाल महाराज के) मकान और गली को पूरी तरह सील कर दिया गया है तथा उसे सेनेटाइज किया जा रहा है।

 

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अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पुरी का बयान


नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को फिर से शुरू किए जाने के पहले महानगरों में लॉकडाउन और कई देशों द्वारा विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध जैसे मुद्दों के हल की जरूरत है। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू होने के कारण भारत में घरेलू विमान सेवाओं को रद्द कर दिया गया था और 25 मई को दो महीने के अंतराल के बाद घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हो गयीं। लेकिन देश में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें अब भी स्थगित हैं। पुरी ने ट्विटर पर कहा ''कई नागरिकों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए हमसे संपर्क किया है। इसके लिए कई मुद्दों का हल करने की आवश्यकता है। कई अंतरराष्ट्रीय गंतव्य अपने नागरिकों या राजनयिकों को छोड़कर दूसरे यात्रियों को आने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत में अधिकतर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें महानगरों से चलती हैं जहां यात्री पड़ोसी शहरों और राज्यों से आते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 5.0 के लिए गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में राज्यों के अंदर और अंतर-राज्यीय यात्रा को खोल दिया गया है। उन्होंने कहा ‘‘जैसे ही हम 50-60 प्रतिशत घरेलू उड़ानों के संचालन की ओर बढ़ेंगे, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की हमारी क्षमता में भी सुधार होगा।’’


11.86 लाख प्रवासी अपने गृह राज्य लौटे


महाराष्ट्र से अबतक 11,86,212 प्रवासी कामगार 822 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों के जरिये अपने-अपने गृह राज्यों को लौट चुके हैं। यह जानकारी महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को दी। उन्होंने कहा कि अपने गृह प्रदेशों को लौटने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों की यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था की गई। देशमुख ने बताया, ‘‘एक मई से एक जून के बीच 822 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से 11,86,212 प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों के लिए रवाना किया गया।’’ उन्होंने बताया कि सबसे अधिक 450 विशेष रेलगाड़ियां उत्तर प्रदेश गई। बिहार के लिए 177, पश्चिम बंगाल के लिए 47, मध्यप्रदेश के लिए 34, झारखंड के लिए 32, राजस्थान के लिए 20, ओडिशा के लिए 17, कनार्टक और छत्तीसगढ़ के लिए छह-छह विशेष रेलगाड़ियां रवाना की गईं। देशमुख ने बताया कि इन विशेष रेलगाड़ियों को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस सहित महाराष्ट्र के लगभग सभी बड़े स्टेशनों से रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से 136, लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 154, पनवेल से 45, भिवंडी से 11, बोरिवली से 71, कल्याण से 14, ठाणे से 37, बांद्रा टर्मिनस से 64, पुणे से 78, कोल्हापुर से 25, सतारा से 14, औरंगाबाद से 12 और नागपुर से 14 विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन किया गया।


दिल्ली में 990 नए मामले


राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के 990 नए मामले सामने आए हैं और इसी के साथ सोमवार को संक्रमण के मामले बढ़कर 20,834 हो गए। संक्रमण से मरने वालों की संख्या 523 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि 11,565 लोग अब भी संक्रमित हैं वहीं 8,746 मरीज उपचार के बाद संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। गौरतलब है कि दिल्ली में रविवार को एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 1,295 मामले सामने आए थे।


हिमाचल में राज्य के भीतर बस सेवा शुरू


हिमाचल प्रदेश में दो माह के अंतराल के बाद राज्य के भीतर बस सेवा सोमवार से शुरू हो गई। बस सेवा शुरू होने के बाद हालांकि बहुत कम लोग बसों से सफर करते नजर आए। राज्य सरकार ने रविवार को गैर वातानुकूलित बसों को राज्य के भीतर सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक चलाने की अनुमति दी थी और अंतरराज्यीय बस सेवा पर रोक जारी रखी थी। बसों को अपनी कुल क्षमता से केवल 60 प्रतिशत तक ही यात्रियों को बैठाने की मंजूरी है। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य में लागू लॉकडाउन के कारण 22मार्च से बस सेवा बंद थी। राज्य सरकार ने लॉकडाउन को 30जून तक बढ़ा दिया है लेकिन आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों में कुछ ढील दी है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में आठ जून से मंदिर और रेस्तरां खुल जाएंगे। प्रवक्ता ने कहा कि मंदिरों और रेस्तरांओं को फिर से खोलने के बारे में राज्य सरकार ने 31 मई को जो अधिसूचना जारी की थी उसका प्रेस और सोशल मीडिया के एक वर्ग ने गलत मतलब निकाला। रविवार को जारी अधिसूचना में मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा था कि मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए हिमाचल प्रदेश के स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक स्थान खोले जाएंगे। अधिसूचना में कहा गया कि पर्यटन के लिए नहीं केवल आधिकारिक और व्यावसायिक कार्यों के लिए राज्य में आने वाले लोगों के ठहरने के लिए होटल खोले जाएंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के निवासी होटलों में रह सकते हैं, लेकिन अन्य राज्यों से पर्यटकों अभी नहीं आ सकेंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि इसी तरह, रेस्तरां और ढाबे अपनी बैठने की कुल क्षमता के 60 प्रतिशत तक ही लोगों को वहां बैठा कर भोजन आदि करा सकते हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक लोगों की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी।

 

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मंदिरों को 600 करोड़ का नुकसान


कर्नाटक राज्य के मुजराई विभाग के तहत आने वाले मंदिरों के राजस्व को लॉकडाउन के दौरान करीब 600 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। राज्य के मुजराई मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में मुजराई (हिंदू धार्मिक संस्थानों और धर्मार्थ प्रबंधन) विभाग के तहत लगभग 300 मंदिरों को अपनी वार्षिक आय के लगभग 35 प्रतिशत की क्षति हुई है। राज्य सरकार ने मंदिरों को सोमवार से फिर से खोलने की अनुमति दी थी लेकिन बाद में केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए इसे आठ जून के लिए स्थगित कर दिया। मंत्री ने कहा कि मंदिरों में होने वाले सप्तपदी सामूहिक विवाह कार्यक्रम लॉकडाउन के कारण स्थगित कर दिए गए। अब वे सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि शादियां अलग-अलग समय पर 50 लोगों की उपस्थिति में आयोजित की जा सकती हैं। मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दक्षिण कन्नड़ में मंदिरों की तरफ से लगभग भोजन के करीब पांच लाख पैकेट वितरित किए गए थे।

      

हरियाणा ने सीमाएं खोल दीं


हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सोमवार को कहा कि केन्द्र के ताजा दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य की सीमाओं को खोल दिया गया है, लेकिन जररूत पड़ी तो सरहदों पर दोबारा पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। विज ने कहा कि सीमाओं पर हालात की रोजाना समीक्षा की जाएगी। मंत्री ने पत्रकारों से कहा, 'केन्द्र ने कहा है कि राज्यों के भीतर और एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच लोगों तथा सामान की आवाजाही पर कोई रोक नहीं रहेगी। हालांकि उसने राज्यों को यह अधिकार भी दिया है कि वे हालात की खुद समीक्षा कर उसी हिसाब से फैसले ले सकते हैं।' गृह मंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री विज ने कहा, 'हम रोजाना हालात की समीक्षा करेंगे। जरूरत पड़ने पर हमें फैसले लेने का अधिकार है और हम फैसले लेंगे भी।' हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन के अगले चरण के लिये रविवार को ताजा दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनमें एक जून से दिल्ली से लगी सीमा समेत सभी सीमाओं को खोलने की अनुमति दी गई थी।


रेलवे के पृथक-वास डिब्बों को दिल्ली में किया तैनात


तकरीबन दो महीने तक बेकार रहने के बाद 160 बिस्तरों वाले रेलवे के दस डिब्बे कोविड-19 देख-रेख केंद्र के रूप में दिल्ली में तैनात किये गये हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इन डिब्बों को यहां शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन के डिपो में रखा गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि वातानुकूलन रहित 160 बिस्तरों वाले दस डिब्बों के अतिरिक्त कोविड-19 देख-रेख केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों के लिए तीन वातानुकूलित डिब्बे होंगे। इससे पहले हल्के या बहुत हल्के लक्षण वाले कोविड-19 के संदिग्ध या पुष्ट मरीजों के वास्ते पृथक-वास डिब्बों को कोविड-19 देखरेख केंद्र के रूप में इस्तेमाल किए जा सकने वाले डिब्बों की तैनाती के लिए सरकार ने 215 रेलवे स्टेशनों को चिह्नित किया था। शकूर बस्ती उन्हीं स्टेशनों में से एक है। सूत्रों ने कहा कि शुरुआत में इन डिब्बों को नयी दिल्ली या हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर तैनात करने का अनुरोध किया गया था लेकिन रेलवे ने इसे नकार दिया क्योंकि इन दो स्टेशनों से विशेष ट्रेनें चलाई जा रही थीं। अधिकारियों ने कहा कि अब शकूर बस्ती डिपो में डिब्बों को तैनात कर दिया गया है और दिल्ली सरकार के विशेष सचिव को इसकी सूचना दे दी गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के एक दल ने डिब्बों की जांच की है और जल्दी ही इस पर रिपोर्ट देंगे। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए रेलवे द्वारा पृथक-वास केंद्र के रूप में परिवर्तित किए 5,321 डिब्बों में से यह पहले डिब्बे हैं जिन्हें तैनात किया गया है। इन डिब्बों में सभी आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण मौजूद हैं जिनमें ऑक्सीजन सिलेंडर, कंबल, संक्रमण मुक्त बिस्तर इत्यादि शामिल है। रेल मंत्रालय के अनुसार इन पृथक-वास डिब्बों में मच्छरदानी, लैपटॉप चार्ज करने की सुविधा और फोन उपलब्ध कराए जाएंगे। इन डिब्बों के शौचालयों को स्नानागार में बदल दिया गया है।

 

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पंजाब सरकार ने शराब पर कोविड उपकर लगाया


पंजाब में शराब और महंगी होने वाली है क्योंकि राज्य सरकार ने शराब की बिक्री पर कोविड उपकर लगाने का फैसला किया। पंजाब सरकार ने शराब की किस्मों के आधार पर शराब पर दो रुपये से 50 रुपये तक अतिरिक्त आबकारी शुल्क को बढ़ा दिया है। इस कदम से राज्य सरकार को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 145 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘कोरोना वायरस महामारी और लंबे समय तक चले लॉकडाउन के कारण राज्य के राजस्व को हुए भारी नुकसान को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक जून से शराब पर कोविड उपकर लगाने को मंजूरी दे दी हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य 26,000 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का सामना कर रहा है, जो कि बजट के कुल राजस्व आकलन का 30 प्रतिशत है । ऐसे में अतिरिक्त राजस्व पैदा करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान शराब पर अतिरिक्त आबकारी शुल्क लगाने के लिए 12 मई को गठित मंत्रियों के समूह की सिफारिशें स्वीकार ली। सिंह ने कहा कि जुटाए गए अतिरिक्त कर का इस्तेमाल कोविड-19 से जुड़े खर्च पर होगा।


इक्विटी पूंजी डालने को मंजूरी


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये उनकी वृद्धि क्षमता को मजबूत बनाने को लेकर 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने को मंजूरी दे दी। सरकार ने ऋण नहीं लौटा सक रहे एमएसएमई के लिये 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध कराने को भी मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इक्विटी पूंजी डाले जाने के निर्णय से एमएसएमई को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा 10,000 करोड़ रुपये का ‘फंड ऑफ फंड’ का भी गठन किया जाएगा। फंड ऑफ फंड का परिचालन मूल कोष और कंपनियों को जोखिम पूंजी उपलब्ध कराने (डॉटर फंड) के माध्यम से किया जाएगा। मूल कोष (मदर फंड)का उपयोग अन्य माध्यमों से पूंजी आकर्षित करने में किया जाता है। कर्ज में फंसी एमएसएमई को ऋण सुविधा मिलने से 2 लाख सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों को लाभ होगा। इस बीच, सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा में भी संशोधन किया है। मझोले उद्यमों के लिये कारोबार सीमा पूर्व में घोषित 100 करोड़ रुपये को संशोधित 250 करोड़ कर दिया गया है।


राजस्थान में ठीक होने की दर 67.26 प्रतिशत


राजस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर सर्वाधिक 67.26 प्रतिशत है। चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सोमवार को बताया कि राज्य में मरीजों के ठीक होने की दर 67.26 प्रतिशत व मृत्यु दर 2.2 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम व संक्रमित मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है। शर्मा ने कहा कि राज्य में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। कोरोना वायरस के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये चिकित्सा विभाग ने पहले जयपुरिया अस्पताल को कोरोना वायरस मुक्त घोषित किया। इसके बाद अब एक जून से एसएमएस अस्पताल को कोरोना वायरस मुक्त घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि एसएमएस अस्पताल के चरक भवन में चल रही ओपीडी को भी शीघ्र फार्मेसी कालेज में शिफ्ट किया जाएगा और वहां नेत्र प चर्म रोग सेवायें वापस से सुचारू की जायेंगी।

 

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फिर खुले पर्यटन स्थल


जयपुर/बूंदी/बीकानेर। कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए लगाये गए लॉकडाउन के कारण दो महीने से अधिक समय से बंद राजस्थान के सैकड़ों पर्यटक स्थल सोमवार को फिर खुल गए। हालांकि पहले दिन ज्यादा पर्यटक नहीं आए। पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के निदेशक प्रकाश चंद्र शर्मा ने बताया कि संग्राहलयों और स्मारकों को फिर से खोलने के पहले दिन हमने राज्य के 32 स्मारकों में लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। उन्होंने कहा कि देशी पर्यटक गर्मियों में राज्य के पर्यटक स्थलों की यात्रा करते हैं और अगले कुछ दिनों में पर्यटकों के आगमन की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि लोक कलाकारों ने राजधानी जयपुर के हवामहल, जंतर मंतर, अलबर्ट हॉल तथा अन्य जिलों में अपनी प्रस्तुतियां दीं। विभाग के अंतर्गत 18 संग्रहालयों सहित कुल 342 स्मारक हैं और उनमें से 32 पर टिकट है। कर्फ्यू और निषिद्ध क्षेत्रों में पड़ने वाले स्मारकों को छोड़कर अन्य स्मारक पहले दो हफ्तों के लिए सप्ताह में चार दिन (मंगलवार, बृहस्पतिवार, शनिवार और रविवार) खुले रहेंगे और सामाजिक दूरियों के प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन किया जाएगा। पहले सप्ताह में पर्यटकों के लिये सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे का समय निर्धारित किया गया है। वहीं दूसरे सप्ताह में सुबह नौ बजे से एक बजे तक और दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक तय किया गया है। तीसरे सप्ताह में स्मारक प्रतिदिन खोले जायेंगे। अधिकारी ने बताया कि पहले और दूसरे सप्ताह में प्रवेश निशुल्क रखा गया है, वहीं तीसरे सप्ताह से 50 प्रतिशत टिकट वसूला जायेगा। बूंदी का मुख्य पर्यटक स्थल 'गढ महल' एक निजी संपत्ति है और वह नवीनीकरण कार्यों के कारण बंद रहेगा। महल के प्रबंधक जेपी शर्मा ने बताया कि पर्यटकों के सुरक्षा और महल के नवीनीकरण कार्यों के कारण हम गढ़ महल को खोलने को तैयार नहीं हैं। इसके जून के अंत में और जुलाई के प्रथम सप्ताह में खुलने की संभावना है। बूंदी के पर्यटन अधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि 'सुख महल, धाबाईयों का कुंड, रानीजी की बावडी को खोला जा रहा है। कोटा के पर्यटन अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटन को बढावा देने के लिये सरकारी संग्रहालय में एक सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि सरकारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी पर्यटक स्थलों को जनता और पर्यटकों के लिये खोल दिया जायेगा। पर्यटन हितधारकों ने पर्यटक स्थलों को फिर से खोलने के निर्णय का स्वागत किया है लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पर्यटकों की आमद की संभावना से चिंतित हैं। राजपूताना होलीडे मेकर्स के टूर आपरेटर संजय कौशिक ने कहा कि पर्यटक स्थलों को फिर से खोलने से पर्यटन हितधारकों में विश्वास पैदा होगा लेकिन पर्यटन उद्योग को सामान्य होने में कुछ समय और लगेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन राजस्थान की जीवन रेखा और एक प्रमुख उद्योग है। स्मारकों को फिर से खोलने से व्यापार और पर्यटन क्षेत्र से आजीविका कमाने वालों को मदद मिलेगी। बूंदी के परंपरागत पैंटिंग के व्यवसायी मनीष सोनी ने बताया कि शुरूआती दौर में कम संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना है और एक बार पर्यटकों का आना शुरू हो जाये तो गतिविधियां बढेंगी। बीकानेर के सरकारी 'रंगमंच' में लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। बीकानेर के स्थानीय व्यवसायी विनोद भोजक ने बताया कि स्मारकों के फिर से खुलने से स्थानीय लोग आकर्षित होंगे ओर बाजार की गतिविधियां को शुरू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि लोग पिछले दो माह से अधिक समय से लॉकडाउन में हैं और उन लोगों के भी पर्यटक स्थलों पर जाने की उम्मीद है।


केजरीवाल ने किय ऐलान


अगले चरण की रियायतों का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दो महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद दिल्ली में नाई की दुकानें और सैलून फिर खुलेंगे जबकि स्पा फिलहाल बंद रहेंगे तथा निरुद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन 30 जून तक रहेगा। केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चार-पहिया, दो-पहिया वाहनों, ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा और अन्य वाहनों में सवार होने वाले लोगों की संख्या को लेकर भी अब कोई प्रतिबंध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब तक, बाजारों में दुकानों को सम- विषम योजना के आधार पर खोलने की अनुमति दी जा रही थी लेकिन केन्द्र के नए दिशा-निर्देशों में इस तरह के प्रतिबंधों का उल्लेख नहीं किया गया है। केजरीवाल ने कहा कि अब सभी दुकानों को खोलने की अनुमति है। मुख्य सचिव विजय देव द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार यदि दुकान के बाहर एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का पालन नहीं किया जाता है तो अधिकारी उस दुकान को बंद करा देंगे। इस आदेश के मुताबिक सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, शॉपिंग मॉल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार और ऑडिटोरियम बंद ही रहेंगे। होटल और आतिथ्य सेवाएं भी बंद रहेंगी लेकिन जिनका संबंध सरकारी सेवाओं से होगा,वे इस पाबंदी से मुक्त रहेंगी। रेस्तरां को केवल डिलीवरी और खाने-पीने की चीजें पैक कराकर देने की अनुमति होगी। वहां बैठकर खाने की अनुमति नहीं होगी। एक अधिकारी ने कहा कि आठ जून को जब अनलॉक-1 प्रभावी होगा, तब शहर में और गतिविधियों की इजाजत देते हुए नये आदेश जारी किये जाएंगे। दिल्ली मेट्रो की सेवाएं निलंबित रहेंगी। ये घोषणाएं तब की गयी हैं जब देश चरणबद्ध तरीके से कोविड-19 लॉकडाउन से बाहर आ रहा है। कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र द्वारा दी गयी रियायतें लागू करेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में उद्योगों के कामकाज पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। आदेश में कहा गया है, ‘‘निरुद्ध क्षेत्रों में 30 जून तक लॉकडाउन बना रहेगा। जिलाधिकारी निरुद्ध क्षेत्रों को तय करेंगे।.... निरुद्ध क्षेत्रों में केवल जरूरी गतिविधियों की इजाजत होगी।’’ आदेश के मुताबिक सामाजिक, राजनीतिक, खेलकूद, मनोरंजन, अकादमिक और धार्मिक कार्यक्रम एवं अन्य जमावड़े पर पाबंदी रहेगी। सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। बसों में 20 ही यात्रियों के सवार होने संबंधी कदम एक दूसरे से दूरी बना कर रखने के लिए जारी रहेगा। सचिव ने आदेश में कहा, ‘‘बसों के अलावा, अन्य साधनों से यात्रियों का आना-जाना तो होगा लेकिन हर यात्री के उतरने ड्राइवर बैठने की जगह को संक्रमण मुक्त करेगा।’’ जहां भी निर्माणस्थल पर श्रमिक उपलब्ध होंगे या दिल्ली के अंदर से ही लाये जा सकेंगे तभी निर्माण कार्य की अनुमति होगी। विवाह कार्यक्रम में 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी जबकि अंत्येष्टि में 20 लोग शामिल हो सकेंगे। सरकारी आदेश के अनुसार, रेसीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन किसी व्यक्ति को अपना कार्य करने से नहीं रोकेगा, बशर्ते नये दिशा-निर्देशों में उसकी अनुमति हो। आदेश में कहा गया है, ‘‘रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कोई भी कहीं आ-जा नहीं सकेगा। जरूरी सेवाएं अपवाद होंगी।’’ उसमें कहा गया है, ‘‘65 साल से अधिक उम्र के लोगों, अन्य बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घरों में रहने की सलाह है, वे बस जरूरी एवं स्वास्थ्य उद्देश्यों से बाहर निकल सकते हैं।''


50,000 टिकटों की पेशकश


सस्ती उड़ान सेवा देने वाली कंपनी एयरएशिया इंडिया ने डॉक्टरों के लिए विशेष 50,000 टिकटों की पेशकश की है। इन टिकटों पर कोई आधार किराया नहीं लिया जाएगा। एयरएशिया इंडिया के मुख्य वाणिज्य अधिकारी अंकुर गर्ग ने कहा, ''हमारे डॉक्टरों और पिछले कुछ महीने में उनके द्वारा किए गए प्रशंसनीय कामों के लिए हम एयरएशिया इंडिया में उनका सम्मान करना चाहते थे। देश को स्वस्थ रखने में उन्होंने बिना रुके जो काम किया यह उसके प्रति हमारा आभार है।’’ अपनी इस रेडपास पहल के तहत कंपनी अपने घरेलू उड़ान नेटवर्क के लिए 50,000 टिकटों पर कोई आधार किराया नहीं वसूलेगी। हालांकि हवाईअड्डा शुल्क, अन्य शुल्क और वैधानिक कर इत्यादि का भुगतान करना होगा। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए डॉक्टरों को अपने संपर्क की जानकारी, यात्रा की जानकारी देनी होगी। वह एक जुलाई से 30 सितंबर के बीच अपनी पहचान संख्या के साथ यात्रा कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें 12 जून तक आवेदन करना होगा। इसके अलावा उन्हें हवाई अड्डों पर विशेष सुविधाएं भी दी जाएंगे जैसे कि प्राथमिकता के आधार पर विमान में बैठने की सुविधा इत्यादि। 


सूक्ष्म-रिण योजना शुरू की गई


केन्द्र सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज मुहैया कराने के लिये सोमवार को सूक्ष्म-रिण योजना शुरू की ताकि वे कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुई आजीविका फिर से शुरू कर सकें। केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 'प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि' से देश के शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को फायदा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि इस साल 24 मार्च तक रेहड़ी-पटरी लगाकर गुजर-बसर करने वाले लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना मार्च 2022 तक जारी रहेगी। बयान के अनुसार, 'रेहड़ी-पटरी वाले 10 हजार रुपये तक कर्ज ले सकते हैं। उनके एक साल में मासिक किस्तों पर इसे लौटाना होगा।'

 

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धान के एमएसपी में 53 रुपये की वृद्धि


सरकार ने फसल वर्ष 2020-21के लिये धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सोमवार को 53 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। इसके साथ ही तिलहन, दलहन और अनाज की एमएसपी दरें भी बढ़ायी गयी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया यह फैसला किसानों को यह तय करने में मदद करेगा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन के साथ वे किन खरीफ फसलों की बुआई करें। धान मुख्य खरीफ फसल है और इसकी बुआई पहले ही शुरू हो चुकी है। अभी तक 35 लाख हेक्टेयर के रकबे में धान की बुआई की जा चुकी है। मौसम विभाग ने जून-सितंबर की अवधि के दौरान सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है। नकदी फसलों में चालू फसल वर्ष (जुलाई से जून) के लिये कपास (मध्यम रेशे) का समर्थन मूल्य 260 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2020-21 के लिये 5,515 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। यह पिछले साल 5,255 रुपये प्रति क्विंटल था। कपास (लंबे रेशे) का समर्थन मूल्य 5,550 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,825 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। सरकार ने कृषि व संबंधित गतिविधियों के तीन लाख रुपये तक के अल्पावधि के कर्ज के भुगतान की तिथि भी अगस्त तक बढ़ा दी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, "कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के आधार पर, मंत्रिमंडल ने 14 खरीफ फसलों के एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी है। धान (सामान्य) का एमएसपी को इस वर्ष के लिये बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को लागत पर 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित होगा। तोमर ने कहा कि 2018-19 में एमएसपी निर्धारित करने का नया सिद्धांत घोषित किया था। इसके तहत एमएसपी को लागत के कम से कम डेढ़ गुने के स्तर पर रखा जाता है। फसल वर्ष 2020-21 के लिये एमएसपी की घोषणा इसी सिद्धांत के आधार पर की गयी। ग्रेड ए (बारीक किस्मत के) धान का एमएसपी 1,835 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1,888 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि धान की सामान्य किस्त के उत्पादन की लागत 1,245 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि बारीक किस्त के धान की लागत 1,746 रुपये प्रति क्विंटल है। इन दोनों का एमएसपी लागत से 50 प्रतिशत अधिक है। अनाजों में बाजरे का प्रति क्विंटल एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2,150 रुपये, रागी 145 रुपये बढ़ाकर 3,295 रुपये प्रति क्विंटल तथा मक्के का एमएसपी 90 रुपये बढ़ाकर 1,850 रुपये किया गया है। ज्वार संकर और ज्वार मालदंडी का एमएसपी 70-70 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर क्रमश: 2,620 रुपये और 2,640 रुपये तथा मक्के का 1,850 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। दलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये उड़द का एमएसपी 300 रुपये बढ़ाकर छह हजार रुपये, तुअर (अरहर) का 200 रुपये बढ़ाकर छह हजार रुपये और मूंग का 146 रुपये बढ़ाकर 7,196 रुपये प्रति क्विंटल किया गया। सरकार ने खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिये तिलहनों के एमएसपी में इस बार तेज वृद्धि की। सोयाबीन (पीला) का एमएसपी 170 रुपये बढ़कर 3,880 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी बीज का 235 रुपये बढ़कर 5,885 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली का 185 रुपये बढ़कर 5,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इनके अलावा, रामतिल (निगरसीड) का एमएसपी 755 रुपये बढ़ाकर 6,695 रुपये और तिल के बीज का 370 रुपये बढ़ाकर 6,855 रुपये प्रति क्विंटल किया गया। सरकार के अनुसार, एमएसपी में की गयी इस वृद्धि के बाद किसानों को लागत की तुलना में बाजरा की खेती में 83 प्रतिशत, उड़द की खेती में 64 प्रतिशत, अरहर की खेती में 58 प्रतिशत और मक्के की खेती में लागत से 53 प्रतिशत अधिक आय प्राप्त होने के अनुमान हैं। इनके अलावा अन्य फसलों पर किसानों को लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक आय के अनुमान हैं।


-नीरज कुमार दुबे


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