Unlock 1 के 24वें दिन तक 73.5 लाख से ज्यादा लोगों की जाँच, बंगाल में बढ़ा लॉकडाउन

By नीरज कुमार दुबे | Jun 24, 2020

देश में कोविड-19 के संक्रमण के बाद से 73.5 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की गयी है और मंगलवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 2.5 लाख जांच की गयी। आईसीएमआर के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश में कोविड-19 की जांच के लिए अब तक 1,000 प्रयोगशालाओं को अनुमति दी है। वर्तमान में प्रतिदिन तीन लाख नमूनों की जांच हो सकती है। आईसीएमआर ने बताया, ‘‘23 जून तक कुल 73,52,911 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 2,15,195 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई।’’ केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार को की गई 2,15,195 नमूनों की जांच में से 1,71,587 नमूनों की जांच सरकारी प्रयोगशालाओं में की गई जबकि 43,608 की जांच निजी प्रयोगशालाओं में की गई। जांच के लिए कुल 1,000 प्रयोगशाला में 730 सरकारी हैं और 270 निजी क्षेत्र की हैं। इसमें आरटी-पीसीआर लैब (557), ट्रूनेट लैब (363) और सीबीएनएएटी लैब (80) भी शामिल हैं। आईसीएमआर ने मंगलवार को जारी परामर्श में कहा, ‘‘इतनी कवायद के बावजूद भारत जैसे बड़े देश में जांच तक पहुंच एक बड़ी चुनौती है। त्वरित जांच के लिए परीक्षण की क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है।’’ कुछ खास स्थिति में एंटीबॉडी टेस्ट के साथ सीरोसर्वे जांच भी की जाती है। इसके मद्देनजर देश के विभिन्न भागों में जांच की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अन्य जांच पद्धति को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। कोविड-19 की जांच के लिए आरटी-पीसीआर सबसे मानक परीक्षण है और नतीजे मिलने में चार-पांच घंटे लगते हैं। आईसीएमआर ने हाल में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए रैपिड एंटीजेन जांच के इस्तेमाल को भी मंजूरी दी है। इससे 30 मिनट में जांच के नतीजे आ जाते हैं।


पश्चिम बंगाल ने लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाया


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में जारी लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाने की घोषणा बुधवार को की ताकि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। पश्चिम बंगाल में फिलहाल जारी लॉकडाउन 30 जून को समाप्त होने वाला था। राज्य सचिवालय के सामने स्थित सभागार में सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद बनर्जी ने कहा कि नेताओं के बीच विचारों की भिन्नता थी, लेकिन अंतत: तय किया गया कि लॉकडाउन को कुछ ढील के साथ जुलाई के अंत तक बढ़ा दिया जाए।


मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के 187 नए मामले


मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 187 नए मामले सामने आए। इस तरह प्रदेश में कोविड-19 से अब तक संक्रमित पाये गये लोगों की संख्या 12,448 हो गयी है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से नौ और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 534 हो गयी है। मध्य प्रदेश के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से भोपाल में पांच और इंदौर में चार मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 207 मौत इन्दौर में हुई है। उज्जैन में 69, भोपाल में 91, बुरहानपुर में 23, खंडवा में 17, खरगोन में 14, सागर में 19, जबलपुर में 14, देवास में 10, मंदसौर में नौ और नीमच में सात लोगों की मौत हुई है। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 52 जिलों में अब तक कोरोना वायरस संक्रमित पाये गये हैं। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 1,119 निषिद्ध क्षेत्र हैं।


नहीं बेची जा सकेगी पतंजलि की ‘दवा’


बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद की एक दवा को लेकर जारी विवाद के बीच राजस्थान सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि आयुष मंत्रालय की अनुमति के बिना इस दवा को राज्य में नहीं बेचा जा सकता। राज्य सरकार ने कहा है कि इस दवा के संबंध में न तो किसी ने राज्य सरकार को आवेदन दिया है और न ही राज्य सरकार ने इस बारे में कोई अनुमति दी है। राज्य के चिकित्सा, स्वास्थ्य व आयुष मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा ‘ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट’ के तहत 21 अप्रैल, 2020 को जारी गजट अधिसूचना के अनुसार केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कोविड-19 महामारी की दवा के रूप में कोई आयुर्वेदिक औषधि नहीं बेची जा सकती। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के उपचार की दवा के रूप में किसी भी औषधि का विक्रय पाये जाने पर विक्रेता के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना किसी दवा का मानवीय परीक्षण भी नहीं किया जा सकता। बिना अनुमति के 'क्लिनिकल ट्रायल' करके आम जन को गुमराह करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।

 

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केजरीवाल ने आदेश को रद्द करने की मांग की


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि हर कोविड-19 रोगी का सरकारी अस्पताल जाना जरूरी होने संबंधी नयी व्यवस्था को वापस लिया जाना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि यह आदेश सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन और पुलिस कोरोना वायरस संक्रमितों के आकलन के लिए उन्हें कोविड अस्पतालों में जबरदस्ती लेकर जाते हैं तो यह उनकी 15 दिन की हिरासत की तरह होगा। केजरीवाल ने कोविड-19 देखभाल केंद्र बनाए गए एक बैंक्विट हॉल के दौरे के समय संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली सरकार, केंद्र और अन्य संगठन एक दूसरे के साथ समन्वय से काम कर रहे हैं। मैं केंद्र से आदेश वापस लेने का अनुरोध करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि नयी व्यवस्था के तहत यदि किसी कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को 103 बुखार है तो उसे भी सरकारी केंद्रों में लंबी कतारों में लगना पड़ेगा। केजरीवाल ने कहा कि क्या व्यवस्था इस तरह की होनी चाहिए।


ओडिशा जगन्नाथ रथयात्रा से जुड़े 5000 लोगों की जांच कराएगा


ओडिशा सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने सेवादारों, पुलिसकर्मियों और निगम कर्मियों समेत भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़े 5000 लोगों का कोविड-19 जांच कराने का अभियान शुरू किया है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने कहा कि वह सेवादारों के परिवारों के लिए विशिष्ट स्वास्थ्य देखभाल केंद्र स्थापित करेगा। मुख्य सचिव एके त्रिपाठी ने बताया कि रथयात्रा से पहले सोमवार की रात को एक विशाल नमूना संग्रहण कार्यक्रम किया गया था और एक सेवादार संक्रमित पाया गया था। उन्होंने बताया कि जब यह पता किया गया कि उसके संपर्क में कितने लोग आये थे तो उसके परिवार के सदस्यों समेत 16 लोगों की पहचान की गयी थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा, ''2000 से अधिक सेवादारों, जिनके नमूने लिये गये थे, में केवल एक ही 22 जून को संक्रमित पाया गया था। उसे धार्मिक अनुष्ठानों से दूर रखा गया और विशेष अस्पताल में भर्ती कराया गया।’’ उसके संपर्क में आये व्यक्तियों के नमूने लेकर उन्हें परीक्षण के लिए भेज दिये गये हैं। विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमें बुधवार रात तक 16 में 14 की जांच रिपोर्ट मिल जाने की उम्मीद है।’’ श्री जगन्नानाथ मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष एस सी महापात्र ने कहा कि करीब 2500 सेवादार कोविड-19 परीक्षण के दूसरे दौर से गुजरेंगे और भगवान जगन्नाथ एवं उनके दिव्य भाई-बहन के रथों के लौटने यानी ‘बहुदा जतरा’ से पहले यह प्रक्रिया 28 जून तक पूरी होगी।’’ उन्होंने कहा, ''जो सेवादार संक्रमणमुक्त पाये जायेंगे, केवल उन्हें ही एक जुलाई को बहुदा जतरा में शामिल होने दिया जाएगा।’’


'किल कोरोना अभियान'


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में कोविड-19 का खात्मा करने के लिए एक जुलाई से 'किल कोरोना अभियान' चलाया जाएगा। चौहान ने बताया कि इसके लिए दल गठित किए जा रहे हैं। कोविड मित्र भी बनाये जायेंगे, जो स्वैच्छिक रूप से इस अभियान के लिये कार्य करेंगे। उन्होंने कहा, 'इस अभियान में कुल 10,000 दल कार्य करेंगे। सर्वे दल अनुमानित 10 लाख घरों में रोज जाएंगे। एक दल करीब 100 घरों तक पहुंचेगा। राज्य की शत-प्रतिशत आबादी को इस सर्वे से कवर किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि भोपाल से इस अभियान की शुरुआत की जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे। मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को आयुक्त-जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में निर्देश दिया कि वे इस अभियान के लिए आवश्यक तैयारियाँ अभी से प्रारंभ कर दें। देश के इस अनूठे और बड़े अभियान के संचालन से अन्य प्रदेशों तक भी एक सार्थक संदेश पहुंचेगा। उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि 'किल कोरोना अभियान' में अपना सहयोग प्रदान करें। घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। इस सर्वे में महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। सर्दी-खांसी जुकाम के साथ ही डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाये जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिल सकेगा। सार्थक ऐप का उपयोग कर इन जानकारियों की प्रविष्टि की जाएगी। चौहान ने कहा कि इस अभियान में स्वास्थ्य शिक्षा देने का कार्य भी साथ-साथ चलेगा। विभिन्न तरह की प्रचार सामग्री और प्रत्यक्ष सम्पर्क कर नागरिकों को सर्वे दल के आने की सूचना देने का कार्य एडवांस टीम द्वारा किया जाएगा। इन कार्यों में सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए नागरिकों से सहयोग प्राप्त किया जाएगा।' उन्होंने निर्देश दिए कि जिलों और संभागों में आईजी और आयुक्त भी कोरोना वायरस नियंत्रण पर निगाह रखें। चौहान ने कहा कि प्रदेश के करीब 14,000 महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर सर्वे कार्य की अहम जिम्मेदारी रहेगी।


केरल में कोविड-19 के 152 नए मामले


केरल में कोरोना वायरस के अब तक एक दिन में सर्वाधिक 152 मामले बुधवार को सामने आए जिन्हें मिला कर राज्य में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या 3,603 हो गई। राज्य में 1.50 लाख लोगों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से 144 व्यक्ति विदेश और अन्य राज्यों से वापस लौटे हैं। राज्य में लगातार छठे दिन कोविड-19 के 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बताया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 1,691 मरीजों का इलाज चल रहा था जिनमें से 89 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। नए मामलों में से 98 व्यक्ति विदेश से लौटे हैं और 46 अन्य राज्यों से वापस आए हैं। 15 मरीज दिल्ली से, 12 पश्चिम बंगाल से और पांच महाराष्ट्र से वापस आए हैं। विजयन ने संवाददाताओं को बताया कि आठ व्यक्ति संक्रमितों के संपर्क में आ कर प्रभावित हुए हैं।


तो बज उठेगा अलार्म


भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कोविड-19 से बचाव के लिये शारीरिक दूरी बनाये रखना लोगों के लिये अक्सर बेहद मुश्किल हो जाता है। लेकिन इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में इस समस्या के समाधान के तौर पर तकनीकी नवाचार शुरू किया गया है। इंदौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद शंकर लालवानी ने स्थानीय हवाई अड्डा परिसर में बुधवार को ऐसी "स्मार्ट" मशीन का उद्घाटन किया जो यात्रियों द्वारा एक मीटर की शारीरिक दूरी नहीं रखे जाने पर अलार्म बजाकर उन्हें सचेत कर देती है। इसके साथ ही इस मशीन से हिन्दी और अंग्रेजी में सन्देश बज उठता है- "दूर रहिये, सुरक्षित रहिये-कीप डिस्टेंस, स्टे सेफ।" लालवानी ने इस मौके पर कहा कि यह मशीन हवाई अड्डा परिसर में यात्रियों को कोविड-19 के खिलाफ जागरूक करते हुए इस महामारी का संक्रमण रोकने में मददगार साबित हो सकती है। हवाई अड्डे की निदेशक अर्यमा सान्याल ने बताया कि एक निजी कम्पनी की विकसित यह मशीन कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक पर आधारित सेंसरों से लैस है। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस मशीन को हवाई अड्डे के प्रस्थान द्वार पर प्रायोगिक रूप से लगाया गया है। यह वह जगह है जहां यात्रियों को हवाई अड्डे के मुख्य भवन में प्रवेश से पहले सुरक्षा जांच के लिये कतार में खड़े होना पड़ता है। सान्याल ने बताया कि हवाई अड्डे के आगमन द्वार पर भी इस मशीन का इस्तेमाल जल्द ही शुरू किया जायेगा। इस जगह पर उन यात्रियों का इंतजार उनके रिश्तेदार, परिचित और टैक्सी ड्रायवर करते हैं जो विमान से उतरने के बाद हवाई अड्डे से बाहर निकलते हैं।


मुंबई से आगे निकली दिल्ली


राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को और 3,788 लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के साथ ही दिल्ली में कोविड-19 के मामले 70,000 के पार चले गए जबकि शहर में अभी तक इस संक्रमण से 2,365 लोग की मौत हुई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मंगलवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 3,947 नए मामले सामने आए थे। शुक्रवार-शनिवार से राष्ट्रीय राजधानी में 3000 या उससे अधिक नये मामले रोज आ रहे हैं। सोमवार को 2909 नये मरीज सामने आये थे। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एक बुलेटिन में बताया कि पिछले 24 घंटे में 64 मरीजों की मौत हो चुकी है। इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या मंगलवार को 2,301 थी। बुलेटिन के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से अभी तक कुल 2,365 लोग की मौत हुई है जबकि अभी तक कुल 70,390 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं।

 

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अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं हो सकती हैं रद्द


कोराना वायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अंतिम वर्ष के छात्रों की जुलाई में होने वाली परीक्षाएं रद्द की जा सकती हैं और नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को अक्टूबर तक टाला जा सकता है। मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को कहा है कि वह इंटरमीडिएट और अंतिम समेस्टर परीक्षा और शैक्षणिक कलेंडर के संबंध में पहले से जारी दिशा-निर्देशों का पुनरीक्षण करे। अधिकारियों के मुताबिक, हरियाणा विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड़ की अध्यक्षता में गठित समिति को दिशानिर्देशों को फिर से विचार करने और विकल्पों के साथ आने के लिए कहा गया है। पुनरीक्षित दिशा-निर्देशों को यूजीसी एक हफ्ते में घोषित कर सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि संशोधित दिशा-निर्देशों का आधार छात्रों और शिक्षकों का स्वास्थ्य और सुरक्षा होगी। कई विशेषज्ञों का मानना है कि संशोधित शैक्षणिक कलेंडर के तहत अधिकतर विश्वविद्यालयों की जुलाई में होने वाली परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाए और प्रत्येक विद्यार्थी के पहले के प्रदर्शन के आधार पर उसे अंक दिए जाएं।" उन्होंने बताया, ''पिछली परीक्षाओं के आधार पर दिए गए अंकों से जो छात्र खुश नहीं होंगे, उन्हें अंक सुधारने के लिए बाद में परीक्षा देने का मौका दिया जा सकता है और यह परीक्षा तब ली जा सकती है जब महामारी मंद पड़ जाए।" अधिकारी ने बताया ''इसी तरह से, नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने को अक्टूबर तक टाला जा सकता है। गत योजना के मुताबिक, यह पहले से भर्ती छात्रों के लिए अगस्त में और नए विद्यार्थियों के लिए सितंबर में शुरू होना था। विचार-विमर्श जारी है और इस संबंध में अंतिम दिशा-निर्देश जल्द ही घोषित किए जाएंगे।" उन्होंने कहा, ''बहरहाल, जो भी दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे, उनकी कोविड-19 की स्थिति के अनुसार समीक्षा की जा सकेगी।" समूचे देश के विश्वविद्यालय और स्कूल 16 मार्च से बंद हैं। तब कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए शिक्षण संस्थानों को बंद करने की घोषणा की गई थी। इसके बाद 24 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी जो अगले दिन से अमल में आया। हालांकि सरकार ने प्रतिबंधों में कई रियायतें दी हैं, लेकिन स्कूल और कॉलेज बंद ही हैं। यूजीसी ने लॉकडाउन के कारण शैक्षणिक नुकसान को टालने और छात्रों के भविष्य के लिए उचित उपायों पर विचार-विमर्श करने के लिए दो समितियां गठित की थीं। एक समिति हरियाणा विश्वविद्यालय के कुलपति कुहाड़ की अध्यक्षता में गठित की गई थी जिसके जिम्मे लॉकडाउन के बीच विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं कराने के तरीकें देखना और वैकल्पिक शैक्षणिक सत्र पर काम करना था। दूसरी समिति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के कुलपति नागेश्वर राव की अगुवाई में बनाई थी, जिसका काम ऑनलाइन शिक्षा में सुधार करने के उपाय सुझाना था। दो समितियों की सिफारिश पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 29 अप्रैल को दिशा-निर्देश घोषित किए थे, जिनमें अंतिम समेस्टर के छात्रों की परीक्षा जुलाई में लेने की अनुशंसा की गई थी।


उच्चतम स्तर पर पहुंचे वायरस के मामले


अमेरिका में कोरोना वायरस के नए मामले दो महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए और एक बार फिर उसी जगह नजर आ रहे हैं जहां वो बीमारी के चरम के दौरान थे। जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय द्वारा संयोजित आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को अमेरिका में संक्रमण के 34,700 मामले सामने आए। यह आंकड़े बुधवार को प्रकाशित किये गए। इससे पहले दो ही ऐसे मौके आए जब अमेरिका में संक्रमण के इससे ज्यादा मामले सामने आए थे- नौ अप्रैल और 24 अप्रैल को जब 36,400 मामले सामने आए थे। अमेरिका में छह हफ्तों तक गिरावट के बाद बीते करीब एक हफ्ते से ज्यादा समय से नए मामले बढ़ रहे हैं। पहले हॉटस्पॉट में शामिल रहे न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी जैसे शहरों में मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, अब विषाणु दक्षिण और पश्चिम में पांव पसार रहा है। एरिजोना, कैलिफोर्निया, मिसिसिपी, नेवाडा और टेक्सास समेत कई राज्यों में एक दिन में सर्वाधिक मामले दर्ज किये गए। दुनिया के अन्य देशों में भी बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। भारत में संक्रमण के करीब 16 हजार नए मामले दर्ज किये गए। मैक्सिको जहां जांच की दर कम है वहां भी रिकॉर्ड 6200 नए मामले सामने आए। चीन हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाता नजर आ रहा है और एक बार फिर उसने बड़े पैमाने पर संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की अपनी क्षमता दिखाते हुए 11 दिन में करीब 25 लाख लोगों की जांच की है। एरिजोना में मंगलवार को संक्रमण के 3,600 नए मामले सामने आए थे। वहां एक बड़े चर्च में सैंकड़ों युवा रुढ़िवादी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावों में उनका समर्थन करने के आह्वान को सुनने पहुंचे। सप्ताहांत पर हुई अपनी ओक्लाहोमा रैली की तरह ही ट्रंप ने यहां भी वायरस की उत्पत्ति के लिये चीन की तरफ इशारा किया। ट्रंप के कार्यक्रम से पहले फीनिक्स की डेमोक्रेटिक मेयर केट गालेगो ने स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं लगता कि शहर में सुरक्षित तरीके से भाषण हो सकता है और राष्ट्रपति से मास्क पहनने का अनुरोध किया। हालांकि ट्रंप ने ऐसा नहीं किया। ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से मास्क पहनने से इनकार कर दिया और इसके बदले इसे रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के सांस्कृतिक मुद्दे में बदल दिया। इससे पहले मंगलवार को डॉ. एंथोनी फाउसी ने कांग्रेस को बताया कि संक्रमण को रोकने के लिहाज से अगले कुछ हफ्ते अहम हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में संक्रामक रोग के प्रमुख डॉ. फाउकी ने कहा, “सबसे पहले, भीड़-भाड़ वाली जगह मत जाइये। दूसरी बात अगर आप जाते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आप मास्क लगाए हों।” चीन की राजधानी बीजिंग में इस महीने संक्रमण की चपेट में 200 से ज्यादा लोगों के आने के बावजूद इसका असर कम होता दिख रहा है। चीन में बुधवार को 12 मामले सामने आए जबकि इसके एक दिन पहले 22 मामले सामने आए थे। बीजिंग में संक्रमण के सात नए मामले सामने आए जबकि एक दिन पहले यहां संक्रमण के 13 मामले मिले थे। बीजिंग में अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 12 जून से 22 जून के बीच 24 लाख से ज्यादा लोगों की जांच की। यह शहर की करीब दो करोड़ की आबादी के 10 प्रतिशत से ज्यादा है। अधिकारियों ने खाने के बाजारों और उसके आसपास लोगों की जांच शुरू की। उन्होंने रेस्तरां के कर्मियों और शहर के एक लाख से ज्यादा डिलिवरी कर्मियों की भी जांच की। चीन ने यह भी कहा कि उसने उन लोगों का पता लगाने के लिये बड़े आंकड़ों का इस्तेमाल किया जो बाजार के आसपास थे, और उनकी जांच की। अधिकारियों ने कहा कि इनमें से अधिकतर में संक्रमण नहीं मिला हालांकि सुपरमार्केट से किराने के समान की कूरियर डिलिवरी करने वाला एक व्यक्ति संक्रमित मिला। आधिकारिक शिन्हुआ संवाद समिति ने कहा कि एक जिले में एक चलित प्रयोगशाला दिन भर में 30 हजार जांच करने में सक्षम है। संक्रमण के पहले दौर पर सफलतापूर्वक काबू पाने वाले दक्षिण कोरिया में मामले फिर से बढ़ते नजर आ रहे हैं। संक्रमण की पहली लहर का केंद्र जहां देश का चौथा बड़ा शहर था वहीं मौजूदा मामले सियोल क्षेत्र में केंद्रित नजर आ रहे हैं, जहां अधिकतर दक्षिण कोरियाई रहते हैं। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को 51 मामले सामने आए। मामलों में यह बढ़ोतरी बढ़ती सार्वजनिक गतिविधियों और सामाजिक दूरी के प्रति लोगों की उदासीनता के बीच हो रही है। भारत में सवा अरब से ज्यादा की आबादी है और ऐसे में घनी आबादी वाले उसके मुंबई और दिल्ली जैसे शहर सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं। देश में संक्रमण के मामले साढ़े चार लाख के पार पहुंच चुके हैं जबकि 14 हजार से ज्यादा लोगों की जान महामारी के कारण जा चुकी है। नयी दिल्ली में हालात चिंता बढ़ाने वाले हैं और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की खराब व्यवस्था और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की केंद्र सरकार ने आलोचना की है। मैक्सिको में बुधवार को संक्रमण से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। देश में कोविड-19 के एक लाख 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि 23 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अधिकारी हालांकि देश में बेहद कम जांच होने की वजह से इन आंकड़ों को कम बता रहे हैं। मैक्सिको में अब तक महज पांच लाख के करीब जांच हुई हैं जो औसतन देश के 250 लोगों पर एक व्यक्ति की जांच के बराबर है। अमेरिका के जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में 92 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं जबकि 4.77 लाख से ज्यादा लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है।


-नीरज कुमार दुबे


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